सिटी बसों की राह में दौड़ रहे विक्रम
-विक्रमों में मिली कमी तो हुआ चालान व गाड़ी सीज
-नियमों को ताक पर रखकर दौड़ा रहे विक्रम
देहरादून (ब्यूरो):
लाख कोशिश कर लें, लेकिन ऐसा लगता है कि दून का पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुधरने का नाम नहीं ले रहा। चंद दिन पहले ही आरटीओ एन्फोर्समेंट राजधानी की सड़कों पर उतरे थे। उन्होंने करीब से देखा कि सिटी बसें किस कदर नियम कानूनों को ताक पर रखकर मनमर्जी से संचालित हो रही हैैं। मंडे को जब आरटीओ ने सिटी में चलने वाले विक्रमों पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इस अभियान के दौरान 12 विक्रमों के चालान किए और 2 विक्रमों के फिटनेस न होने पर सीज कर दिया गया।
अब विक्रम की बारी
दरअसल, दून में सिटी बस के बाद विक्रम और ऑटो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा जरिया हैं। लेकिन, ये पब्लिक ट्रांसपोर्ट लंबे समय से मनमर्जी के दौड़ रहे हैंं। लगातार मिल रही शिकायतें के बीच अब आरटीओ ने इनके खिलाफ पिछले कुछ दिनों से अभियान छेड़ा हुआ है। पिछले दिनों ही सिटी बसों के खिलाफ अभियान चला तो कइयों के चालान किए थे। इनमें भी कमियां पाईं गईं। इसी क्रम में मंडे को अचानक आरटीओ की कई टीमों ने विक्रम-ऑटो के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की। अभियान के दौरान नियमों का पालन न करने वालों को चेतावनी दी गई। 12 विक्रम का चालान किया गया और दो विक्रम सीज कर दिए गए। आरटीओ एन्फोर्समेंट शैलेंद्र तिवारी ने साफ कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए भविष्य में भी कार्रवाई जारी रहेगी। इस दौरान जितेंद्र बहादुर, एमडी पपनोई आदि शामिल रहे।
-राजपुर रोड
-मसूरी डायवर्जन
-सहस्त्रधारा रोड
-परेड ग्राउंड
-सीमा द्वार
-क्लॉक टॉवर
-दर्शनलाल चौक
-नालापानी चौक
ऐसी मिली शिकायतें
-साफ-सफाई नहीं
-फिटनेस नहीं
-ओवरलोडिंग सबसे ज्यादा
-फस्र्ट एड बॉक्स नहीं
-डस्टबिंस नहीं मिले।
-बेतरतीब पार्किंग
-ड्राइवरों के पास लाइसेंस नहीं
-पैंसेजर्स को सही ढंग से न बिठाना
-स्टॉपेज पर रोकने बजाय हर कहीं रोक देना
-किराया लिस्ट डिस्प्ले नहीं
-स्टॉप कॉल बेल नहीं
-मनमाना किराया वसूलना
पुलिस के फोन नंबर भी डिस्प्ले नहीं मिले
आरटीओ ने पाया कि विक्रमों में जहां साफ सफाई नहीं पाई गई। वहीं, सड़क के किनारे सवारियों को सुरक्षित स्थानों पर यानि स्टॉपेज पर बिठाया और उतारा नहीं ला रहा था। परमिट संख्या भी दर्ज न होना पाया गया। इसके अलावा विक्रम में विक्रम मालिक का नाम, मोबाइल नंबर व पुलिस का नंबर भी डिस्प्ले न होना पाया गया।
महिला सुरक्षा को देखते हुए आरटीओ की ओर से बताया गया है कि यह अभियान रात में भी चलेगा। आरटीओ को गल्र्स स्टूडेंट्स ने बताया कि विक्रम में तीन सीट के स्थान पर चार सवारियों को बिठाया जाता है। कई बार पुरुष के बीच में बैठना महिलाओं व युवतियों के लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे में तीन की सीट पर केवल तीन सवारियों को बिठाया जाए। डस्टबिन अनिवार्य
आरटीओ के अनुसार स्वच्छता को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी डस्टबिन रखना अनिवार्य किया गया है। छोटा डस्टबिन रखे जाए या फिर छोटा पॉलीबैग लगाया जाए। जिससे पैसेंजर भी कूड़ा इधर उधर न फैकें। अब ई-रिक्शा की बारी
बताया जा रहा है कि आरटीओ के पास ई-रिक्शा की भी शिकायत पहुंची है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आरटीओ प्रशासन की ओर से ई-रिक्शा के खिलाफ भी अभियान चलाया जा सकता है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में शुरूआत में व्यवस्था की जांच को लेकर चैकिंग की गई। लेकिन, इस दौरान कई अव्यवस्थायें मिलने पर चालान कर कार्रवाई की जा रही हैं, जो आगे भी जारी रहेगी।
शैलेन्द्र तिवारी, आरटीओ एन्फोर्समेंट देहरादून
फोटो: दैनिक जागरण आईनेक्स्ट