उत्तराखंड को चाहिए रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म
देहरादून ब्यूरो। वैली ऑफ वर्ड फेस्टिवल के डायरेक्टर और आईएएस एकेडमी के पूर्व निदेशक संजीव चोपड़ा का कहना था कि जब हम टूरिज्म की बात करते हैं तो उसके साथ ही हमें अपनी संस्कृति की भी बात करनी होगी। टूरिज्म संस्कृति के प्रचार-प्रसार का एक बड़ा माध्यम है। हम इसके जरिये अपनी परंपराओं, अपने खानपान और अपने उत्पादों को दूसरे समुदायों तक पहुंचा सकते हैं। इसके लिए टूरिज्म के जुड़े सभी लोगों को जिम्मेदारी उठाकर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म पर काम करना होगा।
राफ्टिंग में बड़ी अपॉच्र्युनिटी
इंडो गंगा हॉलिडेज की मैनेजिंग डायरेक्टर और एवेंचर टूरिज्म की प्रैक्टिसनर किरन भट्ट टोडरिया ने ऋषिकेश में पिछले 30-35 वर्षों में लगातार बढ़ीं राफ्टिंग और पर्यटन गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उनका कहना था कि पर्यटन के माध्यम से हमारे राज्य को आर्थिक लाभ बेशक हुआ हो, लेकिन इसके लिए हमें अपने पर्यावरण और अपनी संस्कृति को दांव पर लगाना पड़ा है। उन्होंने इस क्षेत्र के सभी ऑपरेटर्स को पर्यावरण और संस्कृति के प्रति संवेदनशील बनाने की बात कही।
स्टे होम पॉलिसी स्पष्ट नहीं
इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के प्रिंसिपल डॉ। जगदीप खन्ना का कहना था कि राज्य में होम स्टे पॉलिसी में और स्पष्टता लाने की जरूरत है। पर्यटन के माध्यम से संस्कृति के और खानपान के प्रचार-प्रसार के साथ ही उन्होंने टिहरी झील में पर्यटन की असीम संभावनाओं का इस्तेमाल करने की जरूरत बताई। उनका कहना था कि यदि हमें रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की तरफ बढऩा है तो कैरिंग कैपेसिटी, स्टडी और प्री-प्लानिंग पर ध्यान देना होगा।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स उत्तराखंड चैप्टर के हेमंत कोचर ने टूरिज्म के 12 अलग-अलग मॉडल्स की चर्चा करते हुए उनमें और शोध और सुधार की जरूरत बताई। उनका कहना था कि हमें इस बात पर शोध करना होग कि किस तरह के टूरिस्ट उत्तराखंड आ रहे हैं, वे हमें क्या दे रहे हैं और यहां से क्या लेकर जा रहे हैं। उनका कहना था टूरिस्ट पर कंट्रोल न होने के कारण राज्य में कई टूरिस्ट मनमानी पर उतर आते हैं।
कई पहलुओं पर दी जानकारी
कार्यक्रम का संचालन करते हुए एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने नीति आयोग द्वारा वर्ष 2018 में जारी सस्टेनबल टूरिज्म इन इंडियन हिमालयन रीजन रिपोर्ट के अलग-अलग पहलुओं पर जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के सस्टेनेबल टूरिज्म क्राइटएरिया, पर्यावरण मंत्रालय की अक्टूबर 2021 की ईको टूरिज्म पॉलिसी और उत्तराखंड टूरिज्म ड्राफ्ट पॉलिसी 2020 का जिक्र किया।