घाटे में चल रहे उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड यूपीसीएल को 100.250 करोड़ का एक बड़ा बूस्टर मिला है. यह बूस्टर बिजली बिलों के बकाये के रूप में मिला है. लगभग 35 सरकारी विभागों पर लंबे समय से बिजली बकाया चल रहा था.

- बिजली बिलों के रूप में एक मुश्त मिली निगम को बड़ी रकम
- राज्य के करीब 35 सरकारी विभागों पर लंबे समय से थी बिलों की पेंडेंसी

देहरादून, ब्यूरो: मुख्य सचिव द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद विभागों ने बिजली बिलों के बकाया चुकाया। हालांकि सौ करोड़ की इस रकम से ऊर्जा निगम की माली हालत सुधरने वाली नहीं है, लेकिन कहीं न कहीं निगम को राहत जरूर मिली है। इस धन से निगम कार्मिकों के लंबित देयकों समेत डेवलपमेंट वर्क हो सकते हैं। इससे बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने में निगम को काफी मदद मिलेगी।
ऊर्जा निगम लगातार घाटे में जा रहा है। घाटे की वजह बिजली बिलों का समय पर भुगतान न होना भी है। कुछ घाटा निगम प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण भी हो रहा है। निगम में लगातार कुछ ऐसे कार्य किए जा रहे हैं, जिनकी जरूरत फिलहाल नहीं है। इलेक्ट्रिक के बजाय सिविल वर्क ज्यादा हो रहे हैं। महंगे दरों पर बिजली खरीद करना भी कहीं न कहीं घाटे का कारण बन रहा है। बहरहाल इस सब के बीच जो अच्छी बात है वह यह है कि निगम को बिजली बकाये की एकमुश्त बड़ी रकम एक साथ मिली है, जिसका निगम को बड़ी राहत मिलेगी।

सरकारी विभागों पर 187 करोड़ था पेंडिंग
सरकारी विभागों पर बिजली बिलों का करीब 187.922 करोड़ रुपये का बकाया था, जो लंबे समय से चला आ रहा था। इसमें विभागों ने सौ करोड़ रुपये का भुगतान कर लिया। अभी भी सरकारी विभागों पर 88.493 करोड़ रुपये का बकाया है।

88.49 का है अभी बकाया
सरकारी विभागों द्वारा लंबे समय से आ रही बिजली बिलों की पेंडिंग का भुगतान किया गया है, लेकिन अभी भी 88.49 करोड़ का बकाया पेंडिंग है। यदि यह राशि भी विभाग भुगतान कर लेंगे, तो ऊर्जा निगम को बड़ी राहत मिल सकती है।

विभागवार बिजली बकाये की पेंडेंसी
विभाग का नाम बकाया पेड बैलेंस
नगर निगम -64.99 13.67 51.29
जल निगम-47.00 46.97 0.02
जल संस्थान
सिंचाई- 25.25 25.00 0.25
शिक्षा- 19.73 5.26 14.48
श्री केदारनाथ-4.02 00.00 4.02
स्वास्थ्य- 7.35 4.39 2.95
जिला प्रशासन-2.54 0.28 2.25
कोविड अस्पताल-2.44 0.00 2.44
ऋषिकेश
पीडब्ल्यूडी- 2.14 0.32 2.08
पुलिस- 2.40 1.22 1.17
वन- 1.17 0.32 0.84
(धनराशि करोड़ में)

इन कार्यों में यूज हो सकता है ये पैसा
- कार्मिकों के लंबित देयकों
- बिजली खरीद का भुगतान
- बिजली की पोल खरीद
- उपकरणों की खरीद
- सब स्टेशनों और सब डिवीजनों में सुधारीकरण कार्य
- ट्रांसफार्मर आदि की खरीद और मेंटेनेंस
राज्य के सरकारी विभागों द्वारा बिजली बिलों के बकाये की एकमुश्त अदायगी से निगम को बड़ी राहत मिलेगी। बिजली देयकों की लंबे समय तक पेंडेंसी से निगम को नुकसान उठाना पड़ता है। इसके लिए पब्लिक से भी अपील की जाती है कि बिजली बिलों का समय पर भुगतान कर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।
एम.एल। प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, ऊर्जा निगम

Posted By: Inextlive