Dehradun News: जलवायु परिवर्तन के कारण अप्रत्याशित आपदाएं बन रहीं चुनौती
देहरादून (ब्यूरो) चारधाम यात्रा के दौरान आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर एनडीएमए व उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से ट्यूजडे को टेबल टॉप एक्सरसाइज का आयेाजन किया गया। जिसमें ले। जन। हसनैन ने कहा कि यात्रा से जुड़े जिलों में 2 मई को मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। ड्रिल का उद्देश्य चारधाम यात्रा की तैयारियों को पुख्ता करना है। जिससे यात्रा में किसी तरह का व्यवधान न आए और हादसों में जानमाल के नुकसान को कम से कम किया जा सके।
जेएंडके व उत्तराखंड शेयर करें एक्सपीरियंस
ले।जन। हसनैन ने कहा कि उत्तराखंड में इन दिनों जंगलों की आग ने चिंताएं बढ़ा दी है। कहा, चारधाम यात्रा और जम्मू-कश्मीर की अमरनाथ यात्रा प्रमुख धार्मिक यात्राएं हैं। सुझाव दिया कि उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर को एक मंच पर आकर धार्मिक यात्राओं को आयोजित करने के अनुभवों को साझा करना चाहिए। जिससे बेहतर ढंग से इन यात्राओं का संचालन किया जा सके। उन्होंने आपदाओं से निपटने में उत्तराखंड सरकार और यूएसडीएमए के प्रयासों की सराहना की। कहा, सिलक्यारा टनल हादसे में आपदा प्रबंधन विभाग ने जो कार्य किया, सराहनीय है। इंडियन कोस्ट गार्ड के पूर्व डीजी व एनडीएमए मेंबर राजेंद्र सिंह ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए सभी विभागों के बीच आपसी सामंजस्य होना जरूरी है।
आपदा प्रबंधन सचिव ने बीएसएनएल को निर्देश दिए कि यात्रियों की सुविधा व इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए शैडो एरिया, जहां नेटवर्क या कनेक्टिविटी की दिक्कत है, वहां समाधान किया जाए। बीआरओ से जोशीमठ स्थित ज्वाइंट कंट्रोल रूम में बेहतर समन्वय के लिए बीआरओ से कर्मचारी की तैनाती करने के लिए कहा गया है। जिलों ने बताया, तैयार हैं हम
टेबल टॉप एक्सरसाइज में सभी जिलों ने आगामी यात्रा व मॉक ड्रिल को लेकर अपनी तैयारियों का खाका पेश किया। बीकेटीसी से रमेश रावत ने कहा यात्रा के सुगम संचालन के लिए पूर्व सैनिकों व वॉलिंटियर्स की हेल्प ली जा रही है। सीडीओ चमोली अभिनव शाह ने बताया कि पांडुकेश्वर में ही यात्रियों का रजिस्ट्रेशन व जांच की जा रही है। dehradun@inext.co.in