यूजेवीएन ने किया 1000 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन
- ऊर्जा निगम ने केंद्र से अनावंटित बिजली के लिए भेजा लेटर
- राज्य को जल्द 300 मेगावाट बिजली और मिलने की संभावना
जीरों तक पहुंच गया था प्रोडक्शन
पिछले दिनों पटरी पर आई प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को मानसून की भारी वर्षा ने झटका दिया है। बीते एक सप्ताह के भीतर नदियों में बाढ़ आने और गाद के कारण जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन लगभग शून्य के करीब पहुंच गया। ऐसे में मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता बेहद कम हो गई। फिलहाल ऊर्जा निगम बिजली की कमी को पूरा करने के लिए रियल टाइम मार्केट से खरीद का प्रयास कर रहा है, लेकिन बाजार में बिजली की उपलब्धता कम होने और दाम अत्यधिक होने के कारण ऊर्जा निगम को भी बिजली खरीद भारी पड़ रही है। ऐसे में प्रदेशभर में आए दिन कटौती की जा रही है।
एनटीपीसी के देशभर के विभिन्न थर्मल पावर प्लांट 25 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं, जिनसे उत्पादित बिजली का पुनआवंटन किया जाना है। केंद्र के पास ऐसी 17 हजार मेगावाट अनावंटित बिजली उपलब्ध है। हमने इसमें से 300 मेगावाट लांग टर्म के लिए उत्तराखंड को आवंटित करने की मांग की है। साथ ही मध्य प्रदेश के झाबुआ पावर प्लांट से भी 64 मेगावाट बिजली प्रदान करने का आग्रह किया है। इस पर सकारात्मक निर्णय होने की उम्मीद है।
अजय अग्रवाल, निदेशक परियोजना, ऊर्जा निगम डिमांड और उपलब्धता पर एक नजर
10.47 एमयू जल विद्युत से उत्पादन
0.25 एमयू सोलर प्लांट से उत्पादन
18.82 एमयू केंद्र से आवंटित बिजली
5.66 एमयू शार्ट टर्म खरीद
34.20 एमयू कुल उपलब्धता
37.32 एमयू कुल मांग
03.18 एमयू की कमी
जल विद्युत परियोजनाओं से उत्पादन सुचारू
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की सभी परियोजनाओं में अब भी उत्पादन सुचारू नहीं हो सका है। गाद और बाढ़ के कारण अभी कई विद्युत गृह में बिजली उत्पादन ठप है। हालांकि शुक्रवार को मौसम के राहत के चलते प्रमुख परियोजनाओं से उत्पादन शुरू कर दिया गया है। क्षमता का करीब 60 प्रतिशत विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में ढकरानी, ढालीपुर, कुल्हाल, व्यासी, मनेरीभाली-प्रथम, मनेरीभाली-द्वितीय, चीला, पथरी, खटीमा, कालीगंगा-द्वितीय, उर्गम व गलोगी में उत्पादन हो रहा है। जबकि, मोहम्मदपुर परियोजनाओं में भी जल्द उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा छिबरो व खोदरी में सुबह उत्पादन शुरू कर दिया गया, लेकिन दोपहर बाद नदियों का जल स्तर बढऩे से टरबाइन फिर थम गईं।
संदीप कुमार सिंघल, एमडी, यूजेवीएन लिमिटेड
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