त्रियुगीनारायण वह स्थान जहां भगवान शिव व पार्वती का विवाह हुआ था। अब यहां युवाओं में इसी स्थान पर शादियों का क्रेज बढ़ता जा रहा है। रुद्रप्रयाग जनपद के केदारनाथ पैदल मार्ग के पहले पड़ाव गौरीकुंड से करीब 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर। लगातार इस स्थान पर शादी के क्रेज को देखते हुए अब सरकार इसको वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप करने की तैयारी कर ली है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बाकायदा ऐसे ही राज्य में दूसरे स्थान चिन्हित कर उन्हें विकसित करने के लिए निर्देश दिए हैं।

देहरादून (ब्यूरो)। पुराणों में वर्णित है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के ग्राम पंचायत त्रियुगीनारायण में स्थित शिव पार्वती विवाह स्थल मन्दिर है। लेकिन, आजकल यह स्थान लगातार फेमस हो रहा है। जहां युवा पहुंचकर शादी कर रहे हैं और त्रियुगीनारायण मंदिर को साक्षी मान रहे हैं। इनमें वीआईपी तक शामिल हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने इस स्थान को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने का ऐलान किया है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। बताते हैं कि त्रियुगीनारायण मंदिर में जो धूनी जल रही है, वह तीन युगों से जल रही है। यहां ब्रह्मकुंड व विष्णुकुंड भी मौजूद है।

वीआईपी भी पहुंच रहे त्रियुगीनारायण
देश के फेमस उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे आकाश अंबानी की शादी भी त्रियुगीनारायण में होने की बात सामने आई थी। त्रिवेंद्र रावत सरकार में औद्योगिक सलाहकार डॉ। केएस पंवार ने अंबानी फैमिली को त्रियुगीनारायण में आने का उस वक्त न्योता भी दिया था। इधर, मई फस्र्ट वीक में क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग त्रियुगीनारायण में अपने मैनेजर के शादी समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली से पहुंचे थे।

भगवान शिव व माता पार्वती की शादी
कहते हैं कि त्रियुगीनारायण में ही भगवान शिव और माता पार्वती ने शादी की थी। शिव-पार्वती के विवाह की गवाह अखंड ज्योति तीन युगों से लगातार जल रही है। खास बात ये है कि इस ज्योति के दर्शन करने के लिए यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है। माना जाता है कि, शिव-पार्वती ने इसी पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर विवाह किया था।

बाहरी एजेंटों पर हो कार्रवाई
ग्राम पंचायत त्रियुगीनारायण में स्थित शिव पार्वती विवाह स्थल मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में लोग शादी के लिए पहुंचते हैं। लेकिन, आरोप हैं कि इस क्षेत्र में अब शादी के लिए एजेंट्स की ओर से लोगों को लाकर प्रोफेशनल रूप दिया गया है। जिसका विरोध हो चुका है। ग्राम प्रधान त्रियुगीनारायण प्रियंका तिवारी ने बताया कि गांव में हो रही शादियों से उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन पारंपरिक आस्था के साथ खिलवाड़ ठीक नहीं।

पर्यटन विभाग को मिले चौरासी कुटिया
राजाजी टाइगर रिजर्व में ध्यान योग के प्रणेता महर्षि महेश योगी की विरासत शंकराचार्य नगर (चौरासी कुटी) के लिए फिर से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने गुजारिश की है। यह सिफारिश पर्यटन मंत्री ने राज्य के वन मंत्री से की है। कहा है कि जीर्ण-शीर्ण हालत में चौरासी कुटी को पर्यटन मंत्रालय को दिया जाएगा। जिससे उसको हेरिटेज डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप किया जा सके।

फैक्ट फाइल
-विख्यात महर्षि महेश योगी ने वर्ष 1961 में स्वर्गाश्रम (ऋषिकेश) के पास वन विभाग से 15 एकड़ भूमि ली थी लीज पर।
-यहां की शंकराचार्य नगर की स्थापना।
-अद्भुत वास्तुशैली वाली चौरासी छोटी-छोटी कुटियों और सौ से अधिक गुफाओं का निर्माण इसको ध्यान-योग केंद्र के रूप में विकसित किया।
-वर्ष 1983 में राजाजी नेशनल पार्क बनने और वर्ष 1986 में पार्क का सीमा विस्तार होने पर चौरासी कुटिया पार्क क्षेत्र में आ गई
-देखरेख के अभाव में बनी कुटिया व गुफाएं जर्जर हो गईं
-8 दिसंबर 2015 में वन विभाग ने इस परिसर की सफाई व मरम्मत कर इसे दोबारा पर्यटकों के लिए खोला
-इसके बाद से देशी-विदेशी पर्यटक, स्टूडेंंट्स शुल्क अदा करने के बाद घूमने आने लगे।

बीटल्स ग्रुप से मिली प्रसिद्धि
वर्ष 1968 में ऋषिकेश के समीप बसे शंकराचार्य नगर (चौरासी कुटी) को योग व ध्यान के केंद्र के रूप में तब देश-दुनिया में प्रसिद्धि मिली, जब ब्रिटेन का विश्व प्रसिद्ध म्यूजिकल ग्रुप बीटल्स यहां पहुंचा। बीटल्स ग्रुप 4 सदस्य जार्ज हैरिसन, पाल मैकेनिक, रिंगो स्टार व जान लेनन ने एक लंबे अंतराल तक यहां रहे। इस ग्रुप के यहां आने के बाद तीर्थनगरी ऋषिकेश, विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई।

Posted By: Inextlive