10 लाख की आबादी का सफर होगा आसान
- पीएमजीएसवाई के तहत 2285 किमी। सड़कें हो जाएंगी चकाचक, सड़कों के मेंटेनेंस के लिए 1835 करोड़ का बजट स्वीकृत
देहरादून (ब्यूरो): सड़कों की टूट-फूट से लेकर ब्लैक टॉप का कार्य किया जाएगा, जिसके बाद लोग सड़कों पर आरामदायक सफर हो सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 1194 किमी। लंबाई की 108 सड़कों के मेंटेनेंस के लिए 978 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इससे पूर्व 1091 किमी। लंबाई की 104 सड़कों के लिए 857 सड़कों की मंजूरी मिली थी। 112 सड़कों के मेंटेनेंस से तकरीबन 10 लाख की पॉपुलेशन को लाभ मिलेगा।दून की एक दर्जन सड़कें सुधरेंगी
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत दून की सबसे जर्जर मसूरी विधानसभा क्षेत्र की सहस्रधारा-सरोना, सरोना-सुवाखोली और मालदेवता-सेरकी समेत एक दर्जन रोड के मेंटेनेंस के लिए केंद्र सरकार से बजट मिला। इन सड़कों के डामरीकरण से सफर आसान हो जाएगा। इन रोड़ों पर गड्ढ़े ही गड््ढे हैं। जिन पर चलना दूभर है। लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी। इसे अलावा डोईवाला, रायपुर, सहसपुर, विकासनगर और चकराता की भी कई रोड भी इसमें शामिल है।
2285 किमी। सड़कें होंगी चकाचक
पीएमजीएसवाई की अधिकांश सड़कें पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं, जिनका लंबे समय से बजट के अभाव में मेंटेनेंस नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने 10 साल पुरानी करीब 2285 किमी। सड़कों के मेंटेनेंस के लिए केंद्र ने बजट स्वीकृत किया है। ग्रामीण विकास मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि पिछले साल मार्च में 1091 के लिए 857 और इस आज 1194 किमी। लंबाई की सड़क के लिए 978 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। पूर्व में स्वीकृत अधिकांश रोड का काम शुरू हो गया है। 2025 तक सभी स्वीकृत सड़कों का डामरीकरण कर लिया जाएगा।
रोड से अब तक कनेक्ट गांव
डिस्ट्रिक्ट विलेज
अल्मोड़ा 269
बागेश्वर 127
चमोली 212
चंपावत 97
देहरादून 94
पौड़ी 19
हरिद्वार 112
नैनीताल 205
पिथौरागढ 156
रुद्रप्रयाग 133
टिहरी 263
यूएसनगर 28
उत्तरकाशी 115
अगले साल तक तक दून समेत प्रदेश का हर गांव रोड से कनेक्ट हो जाएगा। सरकार का दावा है कि 250 आबादी तक के गांव और तोकों को रोड से जोड़ा जाएगा। अब कोई भी गांव सड़क मार्ग से वंचित नहीं होगा। गांव-गांव में सड़क पहुंचने के बाद गांवों का विकास तेजी से होगा। दुर्गम से अति दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में पीएमजीएसवाई के तहत रोड बनाई जाएगी। ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि पिछले 23 साल में पीएमजीएसवाई के तहत करीब 20 हजार किमी। रोड का जाल बिछाया गया है। पिछले 10 साल में सर्वाधिक गांव-कस्बों को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है।
केंद्र सरकार देती है 90 परसेंट बजट
पीएमजीएसवाई का काम गांव, मजरों औ तोकों तक को सड़क कनेक्टिवी से जोडऩा है। इसमें उच्च तकनीकी और प्रबंधन मानकों को स्थापित करने के साथ ही राज्य-स्तरीय नीति विकास के तहत योजना को सुगम बनाना है, जिससे हर छोटा से छोटा गांव भी सड़क नेटवर्क से जुड़ सके। यह योजना 250 आबादी तक के गांवों को सड़क से जोडऩे का काम करती है। योजना के तहत सड़क निर्माण और मेंटनेंस के लिए 90 परसेंट बजट केंद्र सरकार देती है और मात्र 10 परसेंट बजट राज्य सरकर खर्च करती है।
ग्रामीण विकास मंंत्री गणेश जोशी ने फ्राइडे को पीएमजीएसवाई के कार्यों की समीक्षा बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्धारित समय के भीतर सड़कों के मेंटेनेंस कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़कों के मेंटेनेंस के बजट स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है। उन्होंने जानकारी दी कि पिथारौगढ़ के आठ गांवों को पांच सड़कों के जरिए वाइब्रेंट विलेज के तहत जोड़ा जाएगा। 44 किमी। लंबाई की इन सड़कों के लिए केंद्र ने 119 करोड़ स्वीकृत किए हैं। समीक्षा बैठक में पीएमजीएसवाई के सीईओ कमेंद्र सिंह और चीफ इंजीनियर आरपी सिंह आदि भी मौजूद रहे।
पीएमजीएसवाई से हर गांव का सड़क का सपना पूरा हो रहा है। पूर्व के टारगेट पूरे कर लिए गए है। नई स्वीकृत सड़कों का मेंटनेंस भी जल्द शुरू किया जाएगा। जर्जर हो चुकी पुरानी सड़कों के मेंटेनेंस से निश्चित रूप से पब्लिक को लाभ मिलेगा।
गणेश जोशी, ग्रामीण विकास मंत्री
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