दून में भी दशहरा महापर्व पर रावण दहन की परंपरा सदियों से भी चली आ रही है. लेकिन दून के ऐतिहासिक परेड ग्राउंड में पिछले 77 वर्षों से बन्नू बिरादरी की ओर से मनाए जाने वाले दशहरा पर्व इस वर्ष नजर नहीं आएगा.


देहरादून, (ब्यूरो): दून में भी दशहरा महापर्व पर रावण दहन की परंपरा सदियों से भी चली आ रही है। लेकिन, दून के ऐतिहासिक परेड ग्राउंड में पिछले 77 वर्षों से बन्नू बिरादरी की ओर से मनाए जाने वाले दशहरा पर्व इस वर्ष नजर नहीं आएगा। इस बार ये आयोजन परेड ग्राउंड नहीं, बन्नू स्कूल ग्राउंड में आयोजित किया जा रहा है। बाकायदा, इसके लिए रेसकोर्स ग्राउंड में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। हालांकि, परेड ग्राउंड में बाल युवा दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी ने इस बार भी दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पूर्व में दोनों संगठन एक साथ परेड ग्राउंड में विजय दशमी पर रावण दहन का आयोजन करते थे। लेकिन, इस बार बन्नू बरादरी ने अपना आयोजन कारणवश, बन्नू स्कूल ग्राउंड में आयोजित करने का निर्णय लिया है। बन्नू स्कूल रेसकोर्स ग्राउंड में मुख्य आयोजन
बन्नू बिरादरी को सबसे पुराना माना जाता है। इसी बिरादरी की ओर से पिछले सात दशकों से दून के परेड ग्राउंड में विजय दशमी पर्व का आयोजन किया जाता रहा है। लेकिन, अबकी बार दशहरा महोत्सव का आयोजन परेड ग्राउंड के बजाय रेसकोर्स स्थित सनातन धर्म इंटर कॉलेज बन्नू स्कूल के ग्राउंड में आयोजित किया जा रहा है। आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। जबकि, दूसरी ओर परेड ग्राउंड में भी रावण दहन की तैयारियां चल रही हैं। कमेटी के अध्यक्ष संतोष नागपाल ने बताया कि परेड ग्राउंड में पूर्व की भांति इस बार भी रावण दहन महोत्सव जोर-शोर से आयोजित किया जाएगा। ग्राउंड की परमिशन मिलने के बाद महोत्सव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लाखों जुर्माने के बाद खींचे पीछे हाथदरअसल, परेड ग्राउंड को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत डेवलप किया गया है। गत वर्ष दशहरा महोत्सव के मौके पर ग्राउंड को नुकसान पहुंचने की स्थिति में आयोजकों पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया था। जिसके बाद कमेटी ने इस बार परेड ग्राउंड में दशहरा महोत्सव मनाने का निर्णय वापस लेते हुए रेसकोर्स में आयोजन शिफ्ट करने का फैसला लिया।इस बार रावण भी छोटा हो गया


रेसकोर्स में आयोजित होने वाले दशहरा महोत्सव पर इस बार रावण का आकार भी छोटा कर दिया गया है। बताया गया है कि रावण का पुतला 50 फीट, मेघनाद का 45 फीट और कुंभकरण का 40 फीट ऊंचा होगा। लंका 21 बाई 21 फुट की होगी। इस बार लंका को लाइटयुक्त व राक्षस के मुंह जैसी बनाया जा रहा है। जिसमें हनुमानजी अंदर प्रवेश कर आग लगाएंगे। जबकि, गत वर्ष बिरादरी की ओर से अब तक का सबसे ऊंचे रावण का दहन किया गया था। जिसकी ऊंचाई 131 फीट थी।न वीआईपी परंपरा, न झांकी बन्नू बिरादरी के अध्यक्ष हरीश बिरमानी के मुताबिक अबकी बार बन्नू स्कूल ग्राउंड में होने वाले मुख्य दशहरा महोत्सव में वीआईपी परंपरा को दरकिनार कर दिया गया है। इससे कार्यक्रम में उहापोह की स्थिति बनी रहती थी। इस बार हर दर्शक वीआईपी होगा। 100 वर्षीय डा। यूसी चांदना चीफ गेस्ट होंगी। शनिवार शाम को साढ़े 5 बजे लंका दहन और 6 बजे रावण दहन होगा। पुतला दहन के बाद एक घंटे की आतिशबाजी रखी गई है। ये भी बताया, दशहरा पर अबकी बार न चंदा और न निमंत्रण कार्ड छापे गए हैं। हां, कुछ लोगों की मदद से ये आयोजन किया जा रहा है। कुर्ता-पजामा सिलवाने की लग जाती थी भीड़

बन्नू बिरादरी कमेटी के अध्यक्ष हरीश बिरमानी के मुताबिक उनके पिता ने 1948 में बन्नू बिरादरी को दशहरा के लिए दून बुलाया था। तब से हर साल परेड ग्राउंड में दशहरा मनाया जाता है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत परेड ग्राउंड छोटा पड़ गया। जिसके बाद 77 साल बाद दशहरा पर्व को बन्नू स्कूल रेसकोर्स में शिफ्ट किया गया है। हरीश बिरमानी के मुताबिक ये वही विजय दशमी का पर्व हुआ करता था, जब करीब 30-40 वर्ष पहले दशहरा मेले के लिए सप्ताहभर पहले से ही लोग दर्जी के पास कुर्ता-पजामा सिलवाने के लिए पहुंच जाते थे। दरअसल, पाकिस्तान के बन्नू में लोग कुता-पाजामा पहना करते थे। इसी वजह ये परंपरा भी दून पहुंची और प्रचलन बढ़ गया। ये हैं खास बातें -1948 में पाकिस्तान के विभाजन के बाद से दून में आयोजित हो रहा दशहरा मेला। -रावण परिवार के पुतलों का दहन करने की परंपरा दून में बन्नू बिरादरी ने शुरू की थी। -गत 77 साल से बन्नू बिरादरी के ओर से आयोजित किया जा रहा था महोत्सव। -ये बिरादरी विभाजन के बाद वर्ष 1948 में पाकिस्तान से आए परिवारों का समूह है।-बन्नू बरादरी के लोगों को बसाया गया था दून के प्रेमनगर में।-इस बार 77वां दशहरा उत्सव परेड ग्राउंड से हटाकर रेसकोर्स में मनाया जा रहा है। -परेड ग्राउंड में भी बन्नू बिरादरी युवा कमेटी की ओर से किया जा रहा है आयोजन।-पहली बार दून में बन्नू बरादरी के नाम से दो जगहों पर जलाए जाएंगे रावण के पुतले।

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Posted By: Inextlive