मानसून का सितम, 407 सड़कें बाधित, सैकड़ों गांवों का संपर्क कटा
- गंगोत्री हाईवे पर सुनगर,गंगानाली व धराली में फंसे हैं सैकड़ों कांवड़ यात्री
देहरादून (ब्यूरो): बदरीनाथ हाईवे तोताघाटी और कौडिय़ाला में 14 घंटे बाद खोला जा सका। वेडनसडे शाम को टिहरी के मुल्यागांव, छिनका और सिरोबगड़ में मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे ब्लॉक हो गया। इस वजह से सैकड़ों 200 कांवड़ यात्री फंसे रहे। पातालगंगा में पहाड़ी से लगातार भारी पत्थर गिर रहे हैं। जबकि, गंगोत्री हाईवे पर सुनगर और गंगानाली में करीब 2000 कांवडिय़े फंस गए हैं। ऐसे ही यमुनोत्री हाईवे झंझर गाड के पास, सिलक्यारा, कुथनौर और रानाचट्टी के पास भी अवरुद्ध है। पीडब्ल्यूडी के आंकड़ों के मुताबिक पूरे राज्य में दोपहर तक 606 बंद रही। शाम तक लाख प्रयासों के बीच 199 सड़कों को खोला जा सका। अभी भी 407 सड़कें बंद हैं।राहत व बचाव कार्यों को पहले आगे आएं डीएम व एसएसपी
सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्यों में सभी विभागीय प्रमुखों से प्रभावितों के साथ खड़े होने की अपेक्षा की है। कहा, हर जिले में डीएम और एसएसपी आगे आते हुए मोर्चा संभालें। उन्होंने मैदानी जिलों में जल निकास व बाढ़ प्रबंधन के लिए प्रभावी दीर्घकालिक योजनाएं बनाने के भी निर्देश दिए हैं। वेडनसडे देर शाम सीएम ने सचिवालय में शासन के अधिकारियों, मंडलायुक्तों व सभी डीएम की बैठक ली। कहा, आपदा राहत एवं बचाव कार्यों में सभी आपसी समन्वय व सकारात्मक ऊर्जा के साथ कार्य करें।
-प्रदेश में अभी स्थिति नियंत्रण में है लेकिन चुनौती बरकरार
-सभी को सक्रिय व सावधान रहने की जरूरत
-चारधाम व कांवड़ यात्रा व्यवस्थित ढंग से हो संचालित
-सभी यात्रियों को सुरक्षित वापस भेजने की व्यवस्थाएं हो
-सड़क बंद होने पर आवास व भोजन की व्यवस्था हो
-आपदा राहत कार्यों में धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी
-डीएम को स्कूल भवनों की आवश्यक मरम्मत करने के निर्देश मलारी हाईवे पर पैदल आवाजाही शुरू
चमोली जिले की नीती घाटी में चीन सीमा को जोडऩे वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर को पैदल आवाजाही शुरू हो गई। बीआरओ ने टूटे पुल के स्थान पर बिजली के खंभे रखकर आवाजाही शुरू कराई है। सबसे पहले यहां फंसे ग्रामीणों को गंतव्य के लिए रवाना किया गया। अब यहां बेली ब्रिज बनाने पर विचार किया जा रहा है। फिलवक्त, वाहनों की आवाजाही के लिए बीआरओ ने नाले पर अस्थायी सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है। बीआरओ के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि फिलहाल पाइप डालकर पैदल आवाजाही शुरू करा दी गई है।
मसूरी में 80 परसेंट बुकिंग कैंसिल
लगातार हो रही बारिश के कारण मसूरी में पर्यटन व्यवसाय पर भी असर पड़ा है। जहां कम पर्यटक मसूरी आ रहे हैं। इस वजह से करीब 80 परसेंट पर्यटकों ने होटल व गेस्ट हाउस में बुङ्क्षकग भी रद कर दी है। जबकि, जुलाई माह में अन्य राज्यों के मुकाबले पंजाब, हरियाणा के पर्यटक मसूरी का ज्यादा रुख करते हैं। बताया गया है कि खासकर अमृतसर से बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी आते थे, लेकिन इस बार सभी जगह वर्षा से मार्ग प्रभावित हैं। पर्यटकों की आमद कम होने पर मसूरी के बाजार तथा पर्यटन स्थलों में सन्नाटा पसर रहा है। मालरोड भी सूनी पड़ी है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि मसूरी के होटलों में इन दिनों 80 प्रतिशत बुङ्क्षकग रद हो चुकी है और मुश्किल से 10 से 15 प्रतिशत ही आक्युपेंसी रह गई है।
आपदा में मृतकों की संख्या---17
नुकसान पहुंचे घरों की संख्या--106
छोटे-बड़े जानवरों की संख्या --306
दून में मृतकों की संख्या--3
उत्तरकाशी में मृतकों की संख्या--4
रुद्रप्रयाग में मृतकों की संख्या--1
(ये आंकड़ा 15 जून से अब तक।)
सड़कों की स्थिति पर एक नजर
-उत्तरकाशी में करीब 44 सड़क मार्ग बाधित
-रुद्रप्रयाग में भी 21मोटर मार्ग अवरुद्ध
-दून में 44 मोटर मार्ग ब्लॉक
-टिहरी में 27 सड़कें बंद
-बागेश्वर में 3 सड़कें ब्लॉक
-पौड़ी में 71 मोटर मार्ग बंद
-अल्मोड़ा में 11 सड़कें बंद
-चमोली में 10 मोटर मार्ग बंद
-नैनीताल में 32 सड़कें ब्लॉक
-चंपावत में 20 सड़कें बंद
-पिथौरागढ़ में 15 सड़कें बंद
प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण प्रदेश के तमाम इलाकों व हिमाचल प्रदेश में फंसे उत्तराखंड के लोगों की सहायता के लिए सरकार ने कुछ आपदा राहत नंबर जारी किए हंै। सीएम ने आम लोगों व यात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा करने से बचें। 9411112985, 01352717380, 01352712685 के अलावा व्हाट्सएप नंबर-9411112780जारी किया गया है। जिसके जरिए लोग मैसेज कर सकते हैं। सीएम ने कहा वे स्वयं राज्य आपदा कंट्रोल रूम में 24 घंटे सभी जनपदों से सड़क मार्ग व बारिश की स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
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