लाल टमाटर अब लोगों के किचन से करीब-करीब गायब हो गया है। स्थिति ये है कि लगातार टमाटर के दाम कुलांचें भर रहे हैैं 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैैं। आशंका है कि अभी टमाटर के रेट कम नहीं होंगे। हालांकि मंडी के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि जल्द ही नासिक कर्नाटक की फसल मार्केट में आने से टमाटरों के दामों में गिरावट आ सकती है।


- 200 रुपये किलो पहुंच गया दून में टमाटर
- कर्नाटक, नासिक की फसल तय करेगी आगे का रेट


देहरादून, 13 जुलाई (ब्यूरो)। आमतौर पर दून की निरंजनपुर सब्जी मंडी में करीब 5 टमाटर के ट्रकों की खपत रोजाना हुआ करती थी। लेकिन, आसमान छूते टमाटर के दामों से अब आवक भी एक ट्रक पर सिमट कर रह गई है। मंडी प्रबंधन के अनुसार मानसून सीजन में दून की मंडी सबसे ज्यादा टमाटर के लिए उत्तरकाशी के पुरोला, चकराता, क्वानू, टिहरी के नैनबाग, डामटा पर निर्भर हुआ करती थी। लेकिन, लगातार भारी बारिश की वजह व बुआई कम होने के इस बार टमाटर की फसल पर खासा असर पड़ा है। यही कारण है कि टमाटर के दाम सातवें आसमान पर हैं। वेडनसडे को शाम को छह नंबर पुलिया में एक किलोग्राम टमाटर 220 रुपए में बिका। एक उपभोक्ता ने 3 टमाटर खरीदे तो 45 रुपए सब्जी विक्रेता को भुगतान किए। इस लिहाज से एक टमाटर की कीमत 15 रुपए आई। अंदाजा लगाया जा सकता है कि टमाटर के दाम कहां पहुंच चुके हैैं।

मंडी में हर रोज 8 से 10 कुंतल सेल
टमाटर के लगातार बढ़ रहे दाम के बीच बीते सैटरडे से निरंजनपुर सब्जी मंडी प्रशासन की ओर से काउंटर खोले गए। बताया गया है कि हर रोज 50 से 70 रुपए प्रति केजी के हिसाब से रोजाना 8 से 10 कुंतल टमाटर की सेल हो रही है। बताया, काउंटर फिलहाल जारी रहेंगी।

इन दिनों सब्जी के दाम
टमाटर--200-220
लौकी--60-70
खीरा--40
बैंगन--60
फूलगोबी--80-90
बंद गोबी--30
करेला--40-50
शिमला मिर्च--80-90
भिंडी---60
कटहल--50
मशरूम--100

दून की सब्जी मंडी पर एक नजर
-निरंजनपुर सब्जी मंडी में एवरेज 50 से 60 लाख रुपए की सब्जियों का कारोबार।
-वर्तमान में सब्जी मंडी में सब्जियों का व्यवसाय सिमट कर रहा गया आधा।
-मानसून से पहले करीबन 5 ट्रकों से होती थी टमाटर की सप्लाई।
-अब पांच आढ़ती मिलकर मंगा रहे हैं केवल एक ट्रक ही टमाटर

कुछ दिन टमाटर छोडऩा ही ठीक रहेगा
ऐसा लगता है कि अब टमाटर के दाम फिलहाल नियंत्रण में नहीं होंगे। इसी के चलते कुछ दिनों के लिए टमाटर को छोडऩा ही ठीक समझा है। नई फसल आने के बाद सोचा जाएगा।

सब्जियों के दाम हर बार बढ़ जाते हैं। सरकार को पहले से ही इसकी तैयारियां पूरी कर देनी चाहिए। अब सरकार कोल्ड स्टोरेज की बात कर ही है। ये तो पहले ही तैयार हो जाने चाहिए थे।

ये बात सच है कि बारिश के सीजन में सब्जियों के दाम बेकाबू हो जाते हैं। लेकिन, इतना भी नहीं कि टमाटर के दाम सबसे ऊंचाई पर पहुंच जाए। सरकार की प्लानिंग फेल साबित हुई है।

अकेले टमाटर नहीं, महंगाई और भी है। आम लोगों को इस महंगाई के दौर में परिवार को चला पाना किसी चुनौती से कम है। दाल भी 150 रुपए केजी तक पहुंच गया है।


टमाटर महंगा हुआ, तब आई कोल्ड स्टोरेज की याद

-कृषि मंत्री की राष्ट्रीय बागवानी मिशन के कमिश्नर के साथ बैठक
देहरादून, कृषि मंत्री गणेश जोशी ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय बाग़वानी मिशन के कमिश्नर डॉ।प्रभात कुमार शुक्ला व अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान कृषि व उद्यान से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर डिटेल चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ कि जल्द ही उत्तराखंड 5 सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोले जाएंगे। जिसमें एक सेंटर फॉर एक्सीलेंस की अनुमानित लागत करीब 10 करोड़ रुपए की होगी।

अब जून-जुलाई में सस्ता मिलेगा टमाटर
कृषि मंत्री ने कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में एक हायर लेवल बैठक दून में आयोजित की जाएगी। बैठक में जून-जुलाई माह में टमाटर की बाजार में उपलब्ध की कमी पर भी चर्चा की गई। कहा, जून-जुलाई में टमाटर की बाजार में खास तौर पर कमी देखी जाती है। जिस कारण टमाटर का बाजार में मूल्य अधिक हो जाता है। टमाटर को जून जुलाई माह में न्यूनतम दर पर बाजार में उपलब्ध हो, इसके लिए शीघ्र ही कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की जाएगी। जिससे टमाटर के उत्पादन करने के बाद उसे कोल्ड स्टोरेज में रखा जा सके। उसके ाबद जरूरत के मुताबिक न्यूनतम दर में उपलब्ध कराया जा सके।
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive