कमर तोड़ रहा ये वायरल फीवर
- बच्चे, जवान और बूढे सभी आ रहे हैं चपेट में, चिकित्सकों ने दी एतिहात बरतने की सलाह
देहरादून (ब्यूरो): कई लोग लगातार सिरदर्द बता रहे हैं। बुखार आने के बाद आप भी इस तरह की शिकायतों से परेशान हैं, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। आप डेंगू या चिकनगुनिया की चपेट मे हो सकते हैं। कई बार एक दफा में डेंगू के लक्षण टेस्ट में नहीं आते हैं। इससे ये न समझें कि आपको चिकनगुनिया और डेंगू नहीं है। यदि बुखार उतरने के बाद आपको लगातार ये शिकायतें हैं, तो कतई लापरवाही न बरतें, यह लापरवाही जानलेवा भी साबित हो सकती है। चिकित्सकों का कहना है कि ये लक्षण डेंगू और चिकिनगुनिया बीमारी के हैं। इसे कतई इग्नोर न करें। ऐतिहात जरूर बरतें।लगातार बढ़ रहे फीवर पेसेंट
दून के लगभग सभी अस्पतालों में आजकल फीवर के मरीज बढ़ रहे हैं। हर अस्पताल में 50 प्रतिशत मरीज फीवर के ही पहुंच रहे हैं। दून के सबसे बड़े दून अस्पताल और कोरोनेशन हॉस्पिटल में आधे में मरीज फिजिशियनों के पास पहुंच रहे हैं। चिकित्सक बता रहे हैं अधिकांश मरीज वायरल फीवर बता रहे हैं, लेकिन जांच में पता चल रहा है कि वह डेंगू और चिकिनगुनिया से पीडि़त है। देखा गया है कि कई बार एक-दो बार के टेस्ट में डेंगू नहीं आता है।
चिकित्सकों का कहना है िकवायरल फीवर से पीडि़त 100 मरीजों पर 40 पेसेंट डेंगू के निकल रहे हैं। कई मरीज डेंगू का टेस्ट करवा चुके हैं, लेकिन रिपोर्ट नॉर्मल आने पर वह लापरवाह हो जा रहे हैं। जांच में पता चल रहा है कि वह डेंगू से पीडि़त हैं। इसलिए इस वायरल फीवर को कतई हल्के में न लें। फीवर न आने के बाद भी ये लक्षण हैं तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेकर परीक्षण कराकर इलाज करवाएं।
ये बरतें एतिहात
- पानी को अपने आस-पास इकट्ठा न होने दें
- डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है
- घर के आस-पास स्प्रे करते रहें
- धान के खेतों में डेंगू के लार्वा का अधिक खतरा रहता है
- अपने आस-पास डेंगू मच्छर को न पनपने दें
- डेंगू का खतरा अभी अगले एक माह तक और है, इसलिए लापरवाही न बरतें
टेक्नीकली करीब तीस फीसदी पेसेंटों की जांच में लक्षण के बावजूद डेंगू पॉजिटिव नहीं आ रहा है। किसी-किसी में दो या तीन बार जांच के बाद रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आ रही है। ये फीवर नार्मल फीवर से अलग है। इस फीवर के अटैक से कमर में दर्द, हाथ-पांव में पैन और घुटनों का दर्द आम है। इन लक्षणों से प्रभावित होने पर कतई लापरवाही न बरतें।
डा। अमित वर्मा, वरिष्ठ फिजिशियन, श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल
डा। एनएस बिष्ट, वरिष्ठ फिजिशियन, कोरोनेशन हॉस्पिटल