Dehradun News: ये कैमरे बड़े काम के हैं
देहरादून, ब्यूरो: हाल ही में दून में हुए भीषण सड़क हादसे के बाद दून शहर में मौजूद सीसीटीवी कैमरों को लेकर बहस छिड़ी है। कैमरे खराब होने की बात सामने आ रही, इसे लेकर जिला प्रशासन ने स्मार्ट सिटी ने रिपोर्ट तलब की है। लेकिन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए हाईटेक कैमरे कई बार कारगर साबित भी हुए हैं। उदाहरण के लिए, जब राजपुर रोड पर रिलायंस शो रूम में चोरी हुई, इन कैमरों के फुटेज से ही पुलिस डकैतों तक पहुंच पाई। बताया गया है कि मार्च 2022 से लेकर अब तक 5.5 करोड़ के चालान की धनराशि ट्रेजरी में जमा हो चुकी है। दावा तो ये भी है कि स्मार्ट सिटी की ओर से इस समयांतराल में 5380 से ज्यादा फुटेज पुलिस, रेजिडेंट और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को मुहैया कराए जा चुके हैं। दून में 674 कैमरे हैैं इंस्टॉल
मेट्रो सिटीज की तर्ज पर दून शहर को हाईटेक बनाने के लिए शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 674 हाईटेक कैमरे इंस्टॉल किए गए हैैं। बाकायदा, इन कैमरों ने मार्च 2022 से अपने इनपुट्स देने भी शुरू कर दिए थे। तब से लेकर अब तक कैमरे लगातार काम कर रहे हैं। वो बात अलग है कि 11-12 नवंबर की रात ओएनजीसी चौक पर जो भीषण हादसा हुआ। उसकी रिकॉर्डिंग टेक्निकल फॉल्ट होने की वजह से सेव नहीं हो पाई। लेकिन, स्मार्ट सिटी का दावा तो ये है कि चौक पर कैमरे जरूर काम कर रहे थे। बहरहाल, जब इस हादसे की रिकॉर्डिंग सेव नहीं हो पाई तो अब दून में मौजूद कैमरे वर्तमान में चर्चा का विषय बन गए हैं। नो पार्किंग के 5220 फुटेज सेवबताया गया है कि दून के जिन 49 चौक-चौराहों पर 674 हाईटेक कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। उनके जरिए अब तक 5380 फुटेज तमाम डिपार्टमेंट्स को प्रोवाइड कराए गए हैं। इनमें एक्सीडेंट्स से लेकर सस्पीसीयस फुटेज शामिल हैं। इसमें अकेले वीडियो फुटेज की संख्या 1398 शामिल रही है। ऐसे ही नो पार्किंग वॉयलेशन के 5220 वीडियो फुटेज प्रोवाइड कराई गई हैं।रेजिडेंट को भी मुहैया कराई फुटेजस्मार्ट सिटी के कैमरों से कई बार रेजिडेंट को भी वीडियो फुटेज मुहैया कराई गई। रिक्वेस्ट आने के बाद स्मार्ट सिटी इसको लेकर वेरिफाई करता है। पुष्टि होने के बाद ही जनहित में फुटेज मुहैया कराए जाते हैं। कैमरों की मॉनिटरिंग
सहस्रधारा रोड स्थित डी-आईट्रिपल-सी (देहरादून सदैव-इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) से कैमरे ऑपरेट होते हैं। जबकि, मेंटेंनेंस का जिम्मा एचपी कंपनी को सौंपा गया है, जहां पर पुलिस की टीम भी मौजूद रहती है। स्मार्ट सिटी के कैमरों पर नजर-कुल कैमरे--674-कैमरों के प्रकार---4-सिटी सर्विलांस कैमरे--536-आरएवीडी कैमरे--105-एसपीडी कैमरे--4-एएनपीआर कैमरे--29-सिटी में कुल जंक्शन--49 मार्च 2022 से कैमरा वर्किंग-2 प्रकार के चालान सबसे ज्यादा इन कैमरों से ही होने का दावा।-इनमें एक रेड लाइट जंप व दूसरा एसपीडी चालान शामिल।-सर्विलांस कैमरों से पुलिस की मौजूदगी में की जाती हैं एक्सीडेंट लाइव मॉनिटरिंग।-आंगनबाड़ी व गवर्नमेंट हॉस्पिटलों में लगाए गए हैं कैमरे।-कैमरों को मेंटेन रखना चैलेंज, यूपीसीएल व बीएसएनल सर्वर डाउन होने पर आती है दिक्कत।इनके लिए कैमरे जरूरी-ट्रैफिक कंट्रोल -भीड़ मैनेजमेंट-इमरजेंसी-सिटीजन सर्विसेस-नो पार्किंगप्रमुख कैमरे और इनके काम-आरएलवीडी (रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम) इन कैमरों से रेड लाइट डिटेक्ट किया जाता है। -एसवीडी (स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम) इनके जरिए ओवर स्पीड वॉयलेशन को मॉनिटर किया जाता है।-एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग) इन कैमरों के जरिए किसी भी वाहन का आसानी से पता लगाया जा सकता है। -सिटी सर्विलांस कैमरे, आमतौर पर कॉमन कैमरे माने जाते हैं कि जिनके जरिए हर गतिविधि को मॉनिटर किया जा सकता है। 674 में से 496 कैमरे एक्टिव
14 नवंबर को विधानसभा में शहरी विकास मंत्री की मौजूदगी में स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक हुई। जिसमें बताया गया कि तमाम विभागों की ओर से किए गए विकास कार्यों के कारण शहर के 178 कैमरे बंद हो गए हैं। यही कारण रहा कि दून शहर में 12 नवंबर को हुए भीषण हादसे की फुटेज भी नहीं मिल पाई। हालांकि, स्मार्ट सिटी इसका दूसरा कारण टेक्निकल फॉल्ट बताते हैं। ये बताया गया कि प्रोजेक्ट के तहत 674 कैमरों में से 496 कैमरे एक्टिव हैं। स्मार्ट सिटी के तहत 750 करोड़ की लागत से विकास हुए।
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