दिल्ली में पॉल्यूशन इतना बढ़ गया है कि वहां की हवा में सांस लेना भी मुश्किल लगने लगा है ऐसे में लोग सैर-सपाटे के लिए उत्तराखंड का रुख कर रहे हैैं.

देहरादून, ब्यूरो: दिल्ली में पॉल्यूशन इतना बढ़ गया है कि वहां की हवा में सांस लेना भी मुश्किल लगने लगा है, ऐसे में लोग सैर-सपाटे के लिए उत्तराखंड का रुख कर रहे हैैं। हालांकि, सर्दियां शुरू होते ही देहरादून, मसूरी की ओर कई राज्यों से टूरिस्ट्स की आमद शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार दिल्ली में पॉल्यूशन के चलते अभी से साफ आबोहवा की तलाश में लोग दून और मसूरी का रुख करने लगे हैैं। पिछले वर्षों के मुकाबले देखा जाए तो टूरिस्ट्स फ्लो में 25 परसेंट तक का इजाफा देखने को मिल रहा है। टूर एंड ट्रैवल और होटल एसोसिएशन की मानें तो इस बार टूरिस्ट्स की संख्या में बढ़ोतरी है।

ऑफ सीजन में भी आमद
दिवाली के बाद से दिल्ली में पॉल्यूशन का असर इतना बढ़ गया है कि वहां की हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 366 तक पहुंच चुका है, जबकि 100 तक का स्तर ठीक माना जाता है। लोगों का कहना है कि वहां की हवा में सांस लेना ऐसा है जैसे 50 सिगरेट पीना। यही वजह है कि लोग अब ऑफ-सीजन में भी उत्तराखंड की पहाडिय़ों और साफ हवा में सुकून ढूंढने आ रहे हैं। खराब हवा से राहत पाने के लिए उत्तराखंड टूरिस्ट्स का फेवरेट डेस्टिनेशन बन चुका है।
टूरिस्ट्स में 25 परसेंट की बढ़ोतरी
टूर एंड ट्रैवल और होटल एसोसिएशन के मुताबिक, इस बार टूरिस्ट्स की संख्या में करीब 25 परसेंट का इजाफा हुआ है। उनका कहना है कि उत्तराखंड की खासियत इसकी साफ हवा और नेचर की खूबसूरती है, जो इसे बाकी जगहों से अलग बनाती है। दिल्ली-एनसीआर के लोग खास तौर पर उत्तराखंड आना पसंद कर रहे हैं क्योंकि यह सबसे नजदीक और लोगों के फेवरेट डेस्टिनेशन में से एक है। उनका कहना है की अक्टूबर के महीने से ही लोगों का आना शुरू हो चुका है। यहां न सिर्फ एयर क्वालिटी बेहतर है, बल्कि पहाड़ों और नेचर का लुत्फ उठाने का मौका भी मिलता है। खराब हवा और भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर, उत्तराखंड टूरिस्ट्स के लिए सुकून का ठिकाना बन चुका है।
क्रिसमस-न्यू ईयर पर बढ़ेगी भीड़
क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक का समय उत्तराखंड में टूरिस्ट्स के लिए सबसे ज्यादा डिमांड में रहता है। लोग इस दौरान अपने दोस्तों और परिवार के साथ विंटर सीजन का मजा लेने और बर्फबारी का खूबसूरत नजारा देखने पहाड़ों की ओर खिंचे चले आते हैं। टूर एंड ट्रैवल और होटल एसोसिएशन का कहना है कि अक्टूबर से ही बुकिंग शुरू हो चुकी थी। अब हालात यह हैं कि ज्यादातर होटल और गेस्टहाउस फुल हो चुके हैं। इस सीजन में बढ़ती भीड़ दिखाती है कि लोग पहाड़ों की ठंड और खूबसूरत नजारों के साथ अपना नया साल स्पेशल बनाना चाहते हैं।
वर्क फ्रॉम होम को दे रहे प्रिफरेंस
अब वीकेंड्स पर दून और मसूरी जाना आम हो गया है, लेकिन इस बार कुछ खास देखने को मिल रहा है। दिल्ली और नोएडा जैसे शहरों में बढ़ते पॉल्यूशन से परेशान लोग लंबी छुट्टियों पर दून पहुंच रहे हैं। कुछ लोगों ने बताया कि दिल्ली में सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। इस परेशानी से बचने के लिए कई वो लोग वर्क फ्रॉम होम लेकर 15 दिन से एक महीने के लिए दून शिफ्ट हो चुके हैं। शांत माहौल और बेहतर एयर क्वालिटी की वजह से ये जगहें उनके लिए एक बेहतर ऑप्शन बन गई हैं। दून अब सिर्फ टूरिस्ट प्लेस ही नहीं, बल्कि एक हेल्दी प्लेस भी बनता जा रहा है।
ये डेस्टिनेशंस पसंदीदा
ऋषिकेश
देहरादून
नैनीताल
रानीखेत
मसूरी
औली
धनोल्टी
लैंसडाउन
देवप्रयाग
श्रीनगर
पिथौरागढ़
उत्तरकाशी
चकराता
कौसानी
यहां से आते हैं ज्यादा टूरिस्ट
दिल्ली
नोएडा
गुडग़ांव
चंडीगढ़
पिछली बार की तुलना में इस बार दून और आसपास के इलाकों में पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। दिल्ली और गुडग़ांव जैसे शहरों से ये जगह नजदीक होने की वजह से लोग बड़ी संख्या में दून का रुख कर रहे हैं। खासकर छुट्टियों के दौरान लोग दिल्ली की पॉल्यूशन भरी हवा से राहत पाने के लिए यहां आना पसंद कर रहे हैं।
राजीव वर्मा, कम्फर्ट टूर एंड ट्रैवल्स
इस बार ऑफ-सीजन में भी यहां काफी ज्यादा लोग पहुंच रहें हैं। अक्टूबर महीने से ही बुकिंग की शुरुआत हो गई थी, और आने वाले दिनों के लिए भी सभी बुकिंग फुल हो चुकी हैं। इस बार न केवल पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि यह भी देखा जा रहा है कि लोग लंबी छुट्टियों के लिए भी दून और आसपास के के इलाकों को चुन रहे हैं।
रजत अग्रवाल, मसूरी ट्रेडर्स एसोसिएशन

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Posted By: Inextlive