दून में बहुत तेजी से आवासीय भवनों का निर्माण हो रहा है। नए मास्टर प्लान के लिए किए गए सर्वे में सामने आया है कि शहर की करीब 60 प्रतिशत भूमि आवासीय उपयोग में लाई जा चुकी है। यानि शहर में 60 फीसदी भूमि पर आवास और हाउसिंग प्रोजेक्ट और कालोनियां खड़ी कर दी गई है। चारों तरफ जमीन पर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी हो गई है।

-सिटी में 60 प्रतिशत से अधिक एरिया का हो चुका है आवासीय उपयोग
-डिजिटल मास्टर प्लान-2041 के लिए प्रस्तावित ड्राफ्ट पर ली जा रही है पब्लिक से राय

देहरादून, (ब्यूरो): ग्रीन एरिया भी मात्र 6 प्रतिशत के लगभग रह गए हैं। कई इलाकों में सड़कों की चौड़ाई इतनी कम है वहां चौपहिया वाहन तक नहीं घुस पाता है। जबकि मास्टर प्लान-2041 में सड़कों की कम से कम चौड़ाई 12 मीटर से लेकर 60 मीटर तक रखी गई है। कुल मिलाकर मिड सिटी में बड़े डेवलपमेंट की गुंजाइश कम रह गई है। ऐसे में सिटी के आउटर वाले इलाकों में शिक्षण संस्थान, हॉस्पिटल, मॉल, पार्क आदि के डेवलप होने की ज्यादा उम्मीदें जताई जा रही है। वर्तमान में शहर की आबादी करीब 12 लाख के लगभग है। 2041 तक की अनुमानित आबादी 25 लाख को ध्यान में रखते हुए लगभग 50 प्रतिशत तक भू-उपयोग आवासीय श्रेणी में आरक्षित रखा गया है।

आउटर में ये है डेवलपमेंट की गुंजाइशें
-स्कूल-कॉलेज
-यूनिवर्सिटीज
-हॉस्पिटल
-कॉम्प्लेक्स और मॉल
-नेचर पार्क
-हाउसिंग प्रोजेक्ट््स
-आवासीय प्लॉट््स
-चौड़ी सड़कें
-ग्रीन फील्ड
शहर में यह है दिक्कतें
-घनी आबादी
-रोड की कम चौड़ाई
-ट्रैफिक जाम की समस्या
-जगह की कमी
-विस्थापन पर ज्यादा खर्च
-अधिक सर्किल
-सरकारी जमीन बहुत कम

ये इलाके हो सकते हैं डेवलप
शिमला बाईपास रोड
आरर्केडिया
चाय बगान
मोथरोवाला
रायपुर
सहस्रधारा रोड
हर्रावाला
नकरौंदा
बालावाला

महज 5.98 प्रतिशत ग्रीन एरिया
दून का जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम ।जीआईएस) आधारित डिजिटल मास्टर प्लान को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की कवायद चल रही है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ।एमडीडीए) और मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक ने दून की महायोजना-2041 के ड्राफ्ट को पब्लिक के साथ सार्वजनिक किया है, जिस पर आम आदमी से सुझाव और आपत्तियां मांगी जा रही है। पुराने मास्टर प्लान में नदी-खालों और फॉरेस्ट का सीमांकन सही तरीके से नहीं दर्शाया गया है, जिससे शहर में अतिक्रमण बढ़ा है। नए मास्टर प्लान में ऐसी जगहों को सेटेलाइट के जरिए चिन्हित करके इस पर फोकस किया गया है। शहर में 5.98 प्रतिशत ही ग्रीन एरिया रह गए हैं।

ऑनलाइन भी दर्ज करा सकते हैं राय
डिजिटल मास्टर प्लान को देखने के लिए एमडीडीए, नगर निगम और डीएम दफ्तर में प्रदर्शनी लगाई गई है, जहां पर आकर कोई भी सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सकता है। जो दफ्तर नहीं आ सकते हैं वह ऑनलाइन माध्यम से मास्टर प्लान देख कर आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। यह प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है।

यहां देख सकते ड्राफ्ट की कॉपी
-एमडीडीए
-नगर निगम
-डीएम ऑफिस

मिक्स एरिया 9.33 प्रतिशत
इस मास्टर प्लान की खास बात ये है कि शहर में अवैध निर्माण को इसके माध्यम से पकड़ा जा सकेगा। इसमें लैंडयूज धोखाधड़ी के चांस कम होंगे। दरअसल, प्रॉपर्टी डीलर्स लोगों को नॉन एग्रीकल्चर लैंड को आवासीय दिखाकर बेच देते हैं, जो बाद में नक्शे के दौरान पकड़ में आता है। ऐसे में लैंडयूज आवासीय न होने पर लोग अवैध निर्माण को मजबूर होते है। इसे खासकर नए मास्टर प्लान में ध्यान में रखा गया है। दरअसल मिक्स एरिया 9.33 प्रतिशत ही शेष है।

मास्टर प्लान-2041 पर एक नजर
-37800 हेक्टेयर है टोटल प्लानिंग एरिया
-17916 हेक्टेयर है डेवलप्ड एरिया
-6952 हेक्टेयर है अनडेवलप्ड एरिया
-9872 हेक्टेयर एरिया है फॉरेस्ट
-3059 हेक्टेयर कैंटोनमेंट एरिया

प्रस्तावित प्रपोजल में शामिल
डेवलप प्रतिशत में
आवासीय 58.43
मिक्स एरिया 9.33
कॉमर्शियल एरिया 4
इंडस्ट्रियल एरिया 1
एजुकेशन व हेल्थ 9.42
ग्रीन एरिया 5.98
ट्रांसपोर्टेशन 11
टूरिज्म 0.34

फाइनल टच देने की तैयारी
मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि प्रस्तावित महायोजना-2041 को सेटेलाइट मैपिंग के जरिए धरातलीय सर्वे कर सटीक जानकारियों के साथ तैयार किया गया है। इसे एमडीडीए के माध्यम से जनता के बीच रखकर आपत्तियां और सुझाव मांगने का क्रम जारी है। आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही नए डिजिटल मास्टर प्लान को फाइनल टच दिया जाएगा।

शहर के प्रस्तावित डिजिटल मास्टर प्लान को फाइनल टच दिया जा रहा है। इसके लिए लोगों सेसुझाव और आपत्तियां मांगी गई है। कोशिश है, अधिक से अधिक लोगों तक महायोजना-2041 पहुंचे, ताकि डिजिटल मास्टर प्लान में यदि कोई खामियां रह गई हैं, तो उसे लागू करने से पहले दूर किया जा सके।
मोहन सिंह बर्निया, सचिव, एमडीडीए
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive