सहारनपुर चौक से आईएसबीटी तक फुटपाथ जर्जर
- जगह-जगह टूटे-फूटे फुटपाथों की कोई सुध लेने वाला नहीं
- 5 किमी की सड़क पर डेढ़ किमी भी नहीं बची है रेलिंग देहरादून, ब्यूरो: इस रोड पर फुटपाथ नाम की कोई चीज नहीं है। सहारनपुर चौक पर फुटपाथ के ऊपर गाडिय़ा खड़ी रहती हैं। भंडारी बाग के पास फुटपाथ पर बिजली विभाग का बड़ा ट्रांसफार्मर है। पटेलनगर में फुटपाथ की रेलिंगें टूटी पड़ी है और टाइल्स उखड़ी हुई हैं। पता ही नहीं चल रहा है कि फुटपाथ भी चलने की कोई जगह है। कई जगहों पर मेनहॉल खुले पड़े हैं। सहारनपुर चौक से आईएसबीटी तक 5 किलोमीटर की रोड पर डेढ़ किलोमीटर भी रेलिंग नहीं बची है।
सिस्टम की उदासीनता पड़ रही भारी
सिस्टम की उदासीनता के चलते शहर के फुटपाथों की स्थिति जर्जर बनी हुई है। जिस तरफ भी देखो फुटपाथ जीर्ण-शीर्ण हालत में पड़ा है। जिम्मेदार अधिकारी फुटपाथों की न तो कोई सुध लेते हंै और न ही कोई इस ओर ही झांकने की कोशिश करता है। सरकारी सिस्टम का हाल यह है कि फुटपाथों के मरम्मत के नाम पर बस औपचारिकता पूरी की जा रही है। कभी याद आई तो महकमे सीमेंट पोतकर इतिश्री कर लेते हैं और उसे बाद फिर दोबारा देखने की जहमत तक नहीं उठाते हैं।
इन जगहों पर सबसे बुरे हाल
सहारनपुर चौक, मातावाला बाग, पटेलनगर बाजार, विंदाल पुल, सब्जी मंडी, निरंजनुपर, माजरा, आईएसबीटी, ट्रांसपोर्ट नगर
इन जगहों पर खुले हैं मेनहॉल
सहारनपुर चौक, मातावाला बाघ, निरंजपुर मंडी के पास दो जगहों पर, शक्ति विहार के पास आईटीआई के सामने।
फुटपाथों पर जगह-जगह अतिक्रमण हो रखा है। जहां पर फुटपाथ बचे भी हैं, वहां पर टूट-फूट हो रखी है। इस पर सरकार को कड़ा एक्शन लेने की जरूरत है।
सचिन जैन, सहारनपुर चौक, देहरादून
फुटपाथ चलने के लिए बचे ही नहीं हैं। हम फुटपाथ पर चलना ही भूल गए। फुटपाथ के नाम पर पैर रखने की भी जगह नहीं है।
मोहम्मद आरिफ, निरंजपुर, देहरादून
फुटपाथ पर तो दुकानें सजी हैं, चलें कहां। फुटपाथों की रेलिंग जगह-जगह से टूटी पड़ी है। फुटपाथ चलने लायक न नहीं हैं।
दिनेश तिवारी, पटेलनगर, देहरादून
सरकार सड़क हो या फुटपाथ। कहीं पर भी ध्यान नहीं दे रही है। आईएसबीटी से सहारनपुर चौक तक फुटपाथ केवल नाम मात्र के रह गए हैं।
लव चौधरी ट्रांसपोर्ट नगर, देहरादून
फुटपाथों की समय-समय पर मरम्मत की जाती है। शहर के अंदर फुटपाथ अलग-अलग विभागों के पास है। जिन फुटपाथों की देखरेख पीडब्ल्यूडी कर रहा है उनके मेंटेनेंस का काम ठेकेदार को दे दिया गया है।
राजेश कुमार, अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड, पीडब्ल्यूडी, देहरादून