हर तरफ तारों का जाल, शहर बेहाल
- मॉनिटरिंग के नाम पर जिम्मेदारियां एक दूसरे के सिर डाल रहे अफसर
- आरओडब्ल्यू पॉलिसी स्पष्ट न होने से इलीगल केबल्स के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं
स्पष्ट नहीं है पॉलिसी
शहर में बिजली के एक-एक खंभे पर बिजली की कई-कई तारें गुजर रही है। इसके बाद पोलों से कई कंपनियों की तारें गुजर रही है। इलीगल और लटकती केबल्स के विरुद्ध कार्रवाई के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) पॉलिसी की गाइडलाइन के अनुसार सिटी में बिजली खंभों से वायर ले जाने को परमिशन देने की अनुमति दी गई। यूपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि पॉलिसी के तहत जुर्माने का स्पष्ट प्रावधान नहीं है। सुरक्षा और मॉनिटरिंग को लेकर भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है। असमंजस के चलते कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
यूपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि कई बार इलीगल और झूलती वायर्स के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। कारगी, दिलाराम चौक, ईसी रोड आदि जगहों से बिना परमिशन के खम्भों पर लगाई गई केबल्स को काटा गया है। बताया कि गई बार केबल्स ऑपरेटर खुद केबल्स जोड़ लेते हैं। इसके लिए इंफोर्समेंट की जरूरत होती है, जिस पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। बिजली के खंभों पर तारें जगह-जगह लटकी हुई हैं, जिनसे दुर्घटनाएं हो रही है। इसके लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए।
वीडी कुडिय़ाल, राजेंद्र नगर शहर में बिजली के खंभों पर अधिकांश केबल्स इलीगल हैं। बगैर परमिशन के तारें मनमाने ढंग से लगाई जा रही हैं, कई केबल्स सड़क पर लटक रही हैं।
वीपी भट्ट, विद्या विहार, कारगी बिजली के खंभे तारों से भरे पड़े हैं। केवल परमिशन पर परमिशन देकर पैसे वसूली मकसद नहीं होना चाहिए। इलीगल केबल्स पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
गौरव गुप्ता, व्यापारी, पलटन बाजार
इलीगल तरीके से लगाई जा रही केबल्स खतरा बनी हुई है। बाजारों में तारों के जाल बिछाए गए हैं, पता ही नहीं चलता है कि ये तार किसलिए लगाए गए हैं।
प्रदीप तोपवाल, व्यापारी, इंद्रा मार्केट
चिराग गोयल, तिलक रोड पब्लिक के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। ज्यादा लोड होने से कई जगह पर खंभे झुक गए हैं, जो सुरक्षा को लेकर खतरा बन सकते हैं।
दिनेश कुमार, एमडीडीए कॉम्पलेक्स, घंटाघर बिजली खंभों पर इलीगल केबल्स के खिलाफ कई जगहों पर कार्रवाई की गई है। कई बार केबल्स कंपनियां दोबारा वायर जोड़ देते हैं। इसके लिए इंफोर्समेंट की जरूरत पड़ती है। इस संबंध में प्रशासन से वार्ता कर कार्रवाई की जाएगी।
राहुल जैन, एसई (नगर), यूपीसीएल, देहरादून
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