Dehradun News: युवक पर झपटा गुलदार, निहत्थे संघर्ष कर बचाई जान
देहरादून (ब्यूरो) सैटरडे को करीब एक बजे अंबीवाला निवासी हिमांशु एक शादी समारोह में टेंट का कार्य कर वापस लौट रहा था, तभी चाय बागान से सटे अंबीवाला प्राथमिक विद्यालय के पास गुलदार ने हिमांशु पर हमला कर दिया। युवक ने शोर मचाते हुए खुद को गुलदार के चंगुल से छुड़ाने का प्रयास किया। काफी संघर्ष के बाद गुलदार वहां से जंगल की ओर भाग गया।
वन विभाग पर फूटा गुस्साघटना से हक्का बक्का हिमांशु किसी तरह घर पहुंचा। उसे पता नहीं चला कि वह कब घर पहुंच गया। उसकी हालत देख परिजन घबरा गए। उसने परिवार को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद सभी क्षेत्रवासी एकत्रित हो गए। उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर से शिकायत के बावजूद गंभीरता नहीं दर्शायी।
गंभीरता से नहीं ली शिकायत
क्षेत्र पंचायत सदस्य मंजू नेगी ने बताया कि अंबीवाला, संजय कालोनी, शुक्लापुर, मोतीपुर, लक्ष्मीपुर समेत चाय बागान से सटे इलाकों में करीब दो माह से गुलदार की चहलकदमी बनी हुई है। कई बार मवेशियों पर गुलदार हमला कर चुका है, जिसकी शिकायत भी वन विभाग को कई बार की गई। हालांकि, वन विभाग ने क्षेत्र में कैमरा ट्रैप और ङ्क्षपजरा लगाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक सिर्फ एक कैमरा ट्रैप लगाया गया है। ङ्क्षपजरा लगाने की मांग को लेकर उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी को फिर ज्ञापन भेजा है।
पूर्व पंचायत प्रतिनिधि गीता बिष्ट ने वन मंत्री सुबोध उनियाल को पत्र लिख आशारोड़ी रेंज के रेंजर को हटने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शुक्लापुर-अंबीवाला व चाय बगान ईस्ट होप टाउन के क्षेत्र के लोग लंबे समय से गुलदार को पकडऩे के लिए ङ्क्षपजरा लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के कान में जूं नहीं रेंग रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि संबंधित रेजर व अन्य अधिकारियों को तत्काल नहीं हटाया गया तो क्षेत्रवासी आंदोलन करेंगे।
अब तक जानवर थे निशाना
बीते वैडनसडे की शाम को शुक्लापुर में गुलदार ने चाय बागान के पास घास चर रहे एक बछड़े पर हमला कर दिया था, जिसके बाद क्षेत्रवासियों ने आसपास के इलाकों में सूचना देते हुए सतर्क रहने की अपील की। साथ ही वन विभाग को भी गुलदार की चहलकदमी की सूचना दे दी। करीब डेढ़ माह पूर्व भी प्रेमनगर से सटे चाय बागान क्षेत्र में गुलदार की धमक से लोग दहशत में थे। उन्होंने वन विभाग को क्षेत्र में रात्रि गश्त बढ़ाने और गुलदार को पकडऩे के लिए ङ्क्षपजरा लगाने की मांग कर रहे थे।