विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट भैयादूज यानी 15 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद आगामी छह माह की पूजा व बाबा केदारनाथ के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में श्रद्धालु कर सकेंगे।

रुद्रप्रयाग (ब्यूरो): बद्री-केदार मंदिर समिति मंदिर के कपाट बंद करने को लेकर तैयारियों में जुट गई है। बदरी-केदार मंदिर समिति के मुताबिक ट्यूजडे यानि आज बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति की उत्सव डोली में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद 15 नवम्बर को भैयादूज के अवसर पर परंपरा के अनुसार सुबह चार बजे बाबा केदारनाथ को भस्म, फल, घी और अन्न से अभिषेक करने के बाद भगवान छह महीने के लिए समाधि दी जाएगी।

धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया
-सुबह 8:30 बजे विधिविधान के साथ मंदिर के मुख्य कपाट के साथ ही पीछे के कपाट को बंद कर सील किया जाएगा।
-इसी दिन बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली रात्रि प्रवास के लिए अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी।
-16 नवम्बर को डोली फाटा होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।
-17 नवम्बर को गुप्तकाशी से प्रस्थान कर ठीक 12 बजे श्री पंचकेदार गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी।
-इस प्रकार 15 नवम्बर को ठीक 8.30 बजे के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
-कपाट बंदी को लेकर मंदिर को 12 कुन्तल फूलों से सजाया गया।

बदरी-केदार दर्शन को पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट व पूर्व सीएम और सांसद डा।रमेश पोखरियाल निशंक ने मंडे को पारिवारिक सदस्यों के साथ बदरीविशाल व केदारनाथ के दर्शन किये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता ने उनका स्वागत किया।
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Posted By: Inextlive