बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के दूसरे दिन गुरुवार दोपहर दो बजे श्रीआदि केदारेश्वर मंदिर व आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट विधिविधान के साथ बंद किए गए.


देहरादून, ब्यूरो: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के दूसरे दिन गुरुवार दोपहर दो बजे श्रीआदि केदारेश्वर मंदिर व आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट विधिविधान के साथ बंद किए गए। जबकि, 17 नवंबर को विधिविधान के साथ भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद किए जाएंगे। इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा पर विराम लग जाएगा।पके चावलों से लगाया गया भोग


गुरुवार दोपहर को भगवान बदरीविशाल की भोग आरती के बाद श्री आदि केदारेश्वर मंदिर में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने आदि केदारेश्वर को पके चावलों का भोग चढ़ाया व आदि केदारेश्वर शिवलिंग को पके चावलों के भात से ढ़का। रावल अमरनाथ नंबूदरी के साथ धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट व अमित बंदोलिया ने विधि विधान के साथ पूजा संपन्न करवाई। श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) उपाध्यक्ष किशोर पंवार व सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल विशेष रूप से आदि केदारेश्वर कपाट बंद के अवसर पर पूजा-अर्चना में शामिल रहे।विधि विधान के साथ बंद हुए कपाट

पूजा-अर्चना पश्चात आदिकेश्वर शिव लिंग को निर्वाण रूप में लाकर पुष्प व भस्म आदि से ढका गया। केदारेश्वर मंदिर के पुजारी किशोर भट्ट व यमुना प्रसाद डंगवाल ने अपराह्न दो बजे श्री आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए। इसके बाद सवा दो बजे आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट भी बंद किए गए।बुधवार को बंद हुए थे गणेश मंदिर के कपाट पंच पूजा के दूसरे दिन गुरुवार को आदि केदारेश्वर व आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ। हरीश गौड़ के अनुसार कि पंच पूजा के तीसरे शुक्रवार को वेद पुस्तकों की पूजा-अर्चना, खडग-पुस्तक पूजा तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा।ये लोग रहे मौजूदआज पंच पूजा के दूसरे दिन गुरुवार को श्री आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर बदरीनाथ धाम प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, उप प्रभारी राजेंद्र असवाल, विजय प्रकाश, मीडिया प्रभारी डॉ। हरीश गौड़, भारत मेहता, रघुवीर पुंडीर आदि मौजूद रहे।

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Posted By: Inextlive