देश को मिले 331 सैन्य अफसर
- आर्मी चीफ मनोज पांडे ने ली पीओपी की सलामी, नए अफसरों में भरा जोश
- बोले, युद्ध की प्रकृति और शैली बदल रही है, खुद को रखें हमेशा अपडेट
जटिल हो गया है युद्ध लडऩा
थलसेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि टेक्नोलॉजी के तेज विकास के कारण युद्ध की प्रकृति व शैली भी तेजी से बदल रही है और युद्ध लडऩा ज्यादा जटिल हो गया है। ऐसे में, टेक्निकल स्किल, मानसिक चपलता, महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोचना और त्वरित प्रतिक्रिया सफलता की कुंजी होगी। उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि वे अपनी योग्यता को लगातार तराशते रहें। कहा कि एक सैन्य अफसर बनने की आपकी यात्रा सेना में कमीशन होने के साथ समाप्त नहीं होती। बल्कि यह आत्म-सुधार के प्रति प्रतिबद्धता की शुरुआत है।
आर्मी चीफ ने युवा अफसरों को संबोधित करते हुए कहा कि सैनिकों का पेशा सभी व्यवसायों में सबसे अच्छा है, जो आपको निस्वार्थ भाव से वर्दी धारण करने और अपनी मातृभूमि की सेवा करने का एक अनूठा अवसर देता है। कैडेट्स के माता-पिता का आभार व्यक्त करते उन्होंने कहा कि राष्ट्र आपके बहुमूल्य योगदान के लिए ऋणी रहेगा। विदेशी कैडेट्स को भी प्रशिक्षण पूरा करने की उन्होंने बधाई दी। यह उम्मीद जताई कि वह अपने देश के प्रतिनिधि के रूप में इस जगह और प्रशिक्षण की अच्छी यादों में संजोए रखेंगे। भारतीय सैन्य अकादमी में दिया गया प्रशिक्षण न केवल आपके पेशेवर और व्यक्त्वि ़ विकास की आधारशिला है बल्कि यह हमारे बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत भी करेगा।
इन्हें मिला सम्मान
स्वार्ड ऑफ आनर, सिल्वर मेडल- मेहर बनर्जी महाराष्ट्र गोल्ड मेडल - अभिमन्यु ङ्क्षसह जयपुर राजस्थान सिल्वर मेडल टीजी - सूर्यभान ङ्क्षसह जोधपुर राजस्थान ब्रॉन्ज मेडल- कमलप्रीत ङ्क्षसह भङ्क्षटडा पंजाब चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर-कैसिनो कंपनी सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट-ङ्क्षकगा लहेंडूप भूटान
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