हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट का टेंडर खत्म, परेशान लोग
देहरादूनI हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट भारत में लाइसेंस प्लेट्स का स्टेंडर्ड रूप है। इसमें वाहन के मालिक की और उनके वाहन से जुड़ी सारी जानकारी निहित होती है। यह उनकी सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इसकी शुरुआत 2012 में हुई थी।ऑनलाइन करना होता है आवेदननम्बर प्लेट बनवाने वाले व्यक्ति को अपने वाहन की डिटेल आरटीओ की साइट पर जाकर अपलोड करनी होती है। नम्बर प्लेट बनने के बाद उन्हें मैसेज भेज दिया जाता है और वे नंबर प्लेट लगवा सकते हैं। इसके अलावा ऑफलाइन भी आवेदन कर सकते है।सिक्योरिटी के लिए फायदेमंद
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को सरकार के वाहन डेटाबेस से जोड़ा जाता है। इससे वाहन के चोरी होने पर वाहन को ट्रेस करना आसान हो जाता है। इसके अलावा पॉल्यूशन की रोकथाम के लिए गाड़ी के इस्तेमाल में हो रहे ईध्ंान की कलर कोडिंग भी जाती है।2019 से जरूरी
हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट को 2019 में अनिवार्य किया गया था। 2012 से पहले की गाडिय़ों में नम्बर प्लेट हाई सिक्योरिटी वाले नहीं थे। मई 2012 के पहले की गाडिय़ों के नम्बर प्लेट के अलावा पुरानी गाडिय़ों के नम्बर प्लेट भी बदले जाने के निर्देश दिए गये हैं। पुरानी गाडिय़ों के नम्बर प्लेट को बदलने के भी आर्डर दिए गए। लेकिन, बीते दिनों कुछ न कुछ परेशानी के चलते वह नम्बर प्लेट नहीं लगा सके।कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट खत्मआरटीओ के अधिकारियों के अनुसार देहरादून में लिंक उत्सव कंपनी को टेंडर दिया गया था। उसका टेंडर 23 दिसम्बर 2021 को खत्म हो गया है। ऐसे में अब सबंधित कंपनी नम्बर प्लेट नहीं बना सकती। अब आचार संहिता के बाद ही इस मामले में फैसला हो सकेगा।क्या कहते हैं लोगमुझे दिल्ली जाना होता है। लेकिन, इन दिनों हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट न होने के कारण शहर से बाहर नहीं जा पा रहा हूं। कई दिनों से केवल चक्कर काटने को मजबूर हूं। नम्बर प्लेट नहीं बन पा रही है।- राजीव बलूनीहमने गाड़ी का नम्बर प्लेट बदलवाना था। आरटीओ के अनुसार हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना जरूरी है। लेकिन, कभी कोरोना के कारण ऑफिस बंद होने तो कभी साइट न खुलने के कारण यह नम्बर प्लेट नहीं बन पा रही है।- दिप्ती बिन्जोलाहम कई दिनों से आरटीओ ऑफिस के चक्कर काटने को मजबूर हैं। नम्बर प्लेट बदलवाने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया था। लेकिन, हमारा नम्बर प्लेट नहीं बन पा रहा है।-आशीष
जिस कंपनी को नम्बर प्लेट बनाने का टेंडर दिया गया था, उसका कॉन्टेक्ट खत्म हो चुका है। ऐसे में पुरानी गाडिय़ों की नम्बर प्लेट को बदलने का काम नहीं हो सकेगा। नई गाडिय़ों के नम्बर प्लेट सीधे एंजेंसी के जरिए लगते हंै।
दिनेश पठोई, आरटीओ देहरादून