मार्केट में कई तरह की दवाइयां मौजूद है जिसके बारे में कुछ लोग जानते है और कइयों को उसके बारे में बहुत कम इन्फॉर्मेशन होती है और ऐसे में वो इन दवाइयों को यूज भी कर रहे होते है.

देहरादून, ब्यूरो: मार्केट में कई तरह की दवाइयां मौजूद है जिसके बारे में कुछ लोग जानते है और कइयों को उसके बारे में बहुत कम इन्फॉर्मेशन होती है और ऐसे में वो इन दवाइयों को यूज भी कर रहे होते है। स्टेरॉयड भी उन में से एक है ये ऐसी दवाइयां होती हैं, जो बॉडी में कई तरह के चेंज लाती हैं। ये खासतौर पर स्वेलिंग, दर्द और इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए दी जाती हैं। डॉक्टर्स बताते है की स्टेरॉयड का यूज अस्थमा, एलर्जी, स्किन प्रॉब्लम्स, कैंसर और कई दूसरी बीमारियों में किया जाता है। लेकिन ये डॉक्टर की देख-रेख और इमरजेंसी कंडीशन में शॉर्ट टर्म के लिए ही दिया जाता है।
स्टेरॉयड के टाइप
कोर्टिकोस्टेरॉयड्स
ये बॉडी में मौजूद हॉर्मोन कोर्टिसोल जैसे काम करते हैं। इनका काम स्वेलिंग को कम करना और इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करना होता है। इनका इस्तेमाल एलर्जी, अस्थमा, गठिया और स्किन प्रॉब्लम के इलाज में होता है।
एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स
ये मसल्स को तेजी से बढ़ाने और ताकत बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होते हैं। ज्यादातर बॉडीबिल्डर्स या एथलीट इनका सहारा लेते हैं। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इनका इस्तेमाल सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।
स्टेरॉयड लेने के तरीके

ओरल: गोलियों या कैप्सूल के रूप में
- इंजेक्शन: सीधे खून या मांसपेशियों में
- इन्हेलेशन: खासकर अस्थमा और एलर्जी के लिए
स्टेरॉयड्स के साइड इफेक्ट्स
- हार्मोनल इम्बैलेंस
- वजन बढऩा
- हड्डियां कमजोर होना
- दिल और खून से जुड़ी बीमारियां
- मूड स्विंग्स
- इन्फेक्शन का खतरा
- डाइजेशन प्रॉब्लम
कैंसर के इलाज में स्टेरॉयड का रोल
कैंसर का इलाज जैसे इम्यूनोथेरेपी कभी-कभी हमारी बॉडी की इम्यून सिस्टम को इतना एक्टिव कर देता है कि वो खुद ही शरीर के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसे कंट्रोल करने के लिए स्टेरॉयड दिया जाता है। कैंसर से होने वाली थकावट, जो आम थकान से अलग और बहुत ज्यादा होती है, उसे भी ठीक करने में स्टेरॉयड मदद करता है। स्टेरॉयड से मरीज का एनर्जी लेवल सुधरता है और वो थोड़ा अच्छा महसूस करता है। कैंसर के इलाज के दौरान अगर मरीज को भूख नहीं लगती, तो स्टेरॉयड उनकी भूख भी बढ़ा सकता है। डॉक्टर्स बताते है की इस तरह के सीरियस कंडीशन में पेसेंट की कंडीशन के अकॉर्डिंड 1 - 2 डोज दे सकते है। लेकिन ये डॉक्टर्स के देख - रेख में ही देना सही होता है।
बॉडीबिल्डिंग और स्टेरॉयड्स का कनेक्शन
आजकल मसल्स तेजी से बढ़ाने और ताकत बढ़ाने के लिए स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल बहुत पॉपुलर हो गया है। ये टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन का लेवल बढ़ाकर मसल्स बनाने में मदद करते हैं। हालांकि, डॉक्टर्स के मुताबिक, इनका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। और ये एक तरीके से स्टेरॉयड्स का मिसयूज करने के बराबर होता है।
बॉडीबिल्डिंग में इस्तेमाल होने वाले स्टेरॉयड्स
- टेस्टोस्टेरोन: मसल्स ग्रोथ और ताकत बढ़ाने के लिए
- डायनाबोल: मसल्स जल्दी बढ़ाता है, लेकिन ब्लड शुगर और पानी रिटेंशन बढ़ा सकता है
- एन्थेट: ताकत और मसल्स साइज बढ़ाने में मदद करता है।
स्टेरॉयड्स के साइड इफेक्ट से रिकवरी
कई बार लोग दूसरों से इन्फ्लुएंस होकर भी इन दवाइयों का यूज करने लगते है और इसका सीधा इम्पैक्ट बॉडी पार्ट्स पर होते है। डॉक्टर्स बताते है की ऐसे में बॉडी का स्ट्रक्चर खराब होने के साथ - साथ मेटाबोलिजम, लिवर, किडनी, और हार्ट के ऊपर भारी नुकसान होता है। ऐसे कंडीशन में बॉडी के रिकवरी में महीनों लग जाते है। इस दौरान ज्यादा पानी पीना हेल्दी चीजे खाना, और प्रॉपर वर्कआउट करने से कंडीशन में सुधार हो सकते है। लेकिन इस कंडीशन में भी डॉक्टर के कंसल्ट करना सबसे अहम होता है।
स्टेरॉयड्स के कई खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे हेरफॉल, हार्मोनल डिस्बैलेंस, और हार्ट प्रॉब्लम। आजकल कई लोग दूसरों की बातों में आकर या इंटरनेट पर देखी गई अधूरी जानकारी के आधार पर स्टेरॉयड्स लेना शुरू कर देते हैं। इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ता है और उनके बॉडी ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचता है।
डॉ। कुमार जी कॉल, असोसिएट प्रोफेसर, दून हॉस्पिटल
स्टेरॉयड्स के यूज से बॉडी ऑर्गन्स पर निगेटिव इफेक्ट पड़ता है। लॉन्ग टर्म तक बिना डॉक्टर से कंसल्ट किए स्टेरॉयड्स का यूज करने से डाइजेशन की प्रॉब्लम हो सकती है। अगर आपको बॉडी बिल्डिंग करनी है तो बिना प्रॉपर इन्फॉर्मेशन स्टेरॉयड्स के यूज से बचें। जरूरी हो तो अपने डायटीशियन से एक बार जरूर कंसल्ट करें।
- डॉ। ऋचा कुकरेती, डायटीशियन, दून हॉस्पिटल

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Posted By: Inextlive