ट्रैफिक वॉयलेशन रोकने के नियम भी हैं। पुलिस के पास शक्तियां भी हैं। पुलिस चालान भी करती है। चालान के आंकड़े साल दर साल बढ़ते भी हैं। इस सबके बावजूद शहर की हर सड़क पर और हर चौराहे पर हर वक्त ट्रैफिक रूल्स का वॉयलेशन होता है। हाल में महीनों में एक दावा बार-बार किया जा रहा है कि शहर भर में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा चुके हैं और उनकी मॉनीटरिंग स्मार्ट सिटी के आईसीसीसी में की जा रही हैं। यहीं से चालान भी काटे जा रहे हैं। लेकिन इन कैमरों में बावजूद कैसे हर जगह सड़कों पर ट्रैफिक वॉयलेशन हो रहा है और ऐसा करने वालों के घर चालान क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसका जबाव किसी के पास नहीं है।

देहरादून ब्यूरो। दून की व्यस्ततम रोड हरिद्वार बाईपास पर कारगी चौक बेहद व्यस्त चौक है। इस चौक पर सड़क के बीचों बीच एक स्मार्ट पोल लगा है। इसी पोल पर एक बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है, आप सीसीटीवी कैमरे की नजर में हैं। कुछ आगे चौक है। चौक पर जेब्रा कॉसिंग है। लेकिन, किसी भी वक्त रेड लाइट के बावजूद वाहनों को इस जेब्रा क्रॉसिंग के कई फिट आगे खड़ा देखा जा सकता है। इतना ही नहीं रिस्पना की ओर से आकर देहराखास की ओर मुडऩे वाले कई लोग तो यहां यहां रेड लाइट पर रॉन्ग साइड भी वाहन निकाल लेते हैं।

न ऑफलाइन चालान, न ऑनलाइन
कारगी चौक एक केस स्टडी है। इस चौर पर हर समय पुलिसकर्मी भी खड़े होते हैं और सीसीटीवी कैमरा भी है, लेकिन न कैमरे के माध्यम से ऑनलाइन चालान होते हैं और न ऑनलाइन। यदि हो रहे होते तो हर दिन हजारों की संख्या में चालान हो रहे होते। इससे साफ होता है कि सीसीटीवी कैमरे केवल खानापूर्ति के लिए लगाये गये हैं।

साल दर साल बढ़ रहे चालान
ऐसा नहीं है कि पुलिस चालान नहीं कर रही है। हाल के वर्षों में ट्रैफिक रूल्स वॉयलेशन के लिए किये गये चालान की संख्या पर नजर डालें तो साल दर साल चालान की संख्या बढ़ती रही है। वर्ष 2000 में ट्रैफिक वॉयलेशन के देहरादून में 91601 चालान किये गये थे, जबकि 2021 में यह संख्या बढ़कर 116744 हो गई। 2022 में 30 जून तक 52234 चालान किये जा चुके थे।

कब कितने चालान
वर्ष टूव्हीलर थ्रीव्हीलर ई-रिक्शा
2020 51966 4304 547
2021 70083 2923 814
2022 27607 1426 901

बिना हेलमेट आम बात
टूव्हीलर्स सवारों के लिए हेलमेट पहनने के लिए अवेयर करने के लिए कई तरह के अभियान भी चलाये जाते हैं और चालान भी किये जाते हैं। इसके बावजूद दून में बिना हेलमेट के टूव्हीलर चलाना आम बात है और कुछ लोगों के यह एक शगल भी है। आमतौर पर देखा गया है कि पुलिस भी इस तरफ ध्यान नहीं देती। दून की सड़कों पर अक्सर पुलिसकर्मियों को भी बिना हेलमेट टूव्हीलर दौड़ाते देखा जा सकता है।

कैसे-कैस वॉयलेशन
- रेड लाइट जंप करना
- रेड लाइट पर जेब्रा क्रॉसिंग के आगे गाडु़ी रोकना।
- रॉन्ग साइड चलना।
- हेलमेट और सीट बेल्ट न लगाना।
- टूव्हीलर पर ट्रिपल राइडिंग।
- कम उम्र के बच्चों का टूव्हीलर चलाना।
- गाडिय़ों में साइरन का इस्तेमाल करना।
- ओवर स्पीड।
- जिग-जैग ड्राइविंग
- ड्रंक एंड ड्राइविंग
- ड्राइविंग करते समय मोबाइल इस्तेमाल करना।

Posted By: Inextlive