गूंज संस्था की ओर से बनाए गए पार्क पर नगर निगम की कार्रवाई को लेकर शनिवार शाम फिर हंगामा हुआ. मेयर सुनील उनियाल गामा से बुधवार को गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद की बदसलूकी के बाद पार्क का विवाद अब 'वर्चस्वÓ की लड़ाई बनता जा रहा. पार्षदों व कर्मचारियों के विरोध के बावजूद शनिवार शाम सोनिया दोबारा नगर निगम आ धमकीं. ढोल-नगाड़े बजाते हुए सोनिया एवं उनके समर्थकों ने शुक्रवार को पार्क पर हुई निगम की कार्रवाई का विरोध जताया. उन्हें देखते ही भाजपा पार्षदों और कर्मचारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी व उन्हें परिसर से बाहर निकालने की मांग उठाई.

देहरादून (ब्यूरो)। दोनों ओर से टकराव का माहौल बनते देख पुलिस फोर्स ने स्थिति नियंत्रित की। सहस्रधारा रोड पर राजेश्वर नगर में गूंज संस्था की तरफ से नगर निगम की जमीन पर पार्क का निर्माण कराया गया है। इसका उद्घाटन रविवार को हुआ। इस मामले को लेकर सोमवार को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ था। भाजपा पार्षदों का आरोप था कि पार्क अवैध तौर पर बनाया गया। नगर निगम ने जमीन की एनओसी एमडीडीए को दी थी, संस्था को नहीं। हंगामे के बाद मेयर ने जमीन की एनओसी निरस्त कर दी।


मेयर के ऑफिस में की थी बदसलूकी
बुधवार को संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर मेयर पर गंभीर आरोप लगाए और उसके बाद निगम आकर सीधे मेयर के कक्ष में घुसकर उनसे बदसलूकी की थी। इसके विरोध में गुरुवार को निगम में कर्मचारी हड़ताल पर रहे जबकि भाजपा पार्षदों ने सोनिया पर मुकदमा दर्ज कराने व मेयर से माफी मांगने की मांग की। पार्क निगम के कब्जे में लेने को लेकर पार्षदों ने शुक्रवार को भी हंगामा किया था। जिस पर निगम टीम ने पुलिस बल के साथ मौके पर कार्रवाई कर संस्था का बोर्ड हटाकर अपना कब्जा पार्क पर ले लिया था। इस दौरान भी काफी हंगामा हुआ था।


शनिवार को फिर गरमाया मामला
शनिवार को स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन दोपहर करीब सवा तीन बजे सोनिया आनंद ने नगर निगम पहुंचकर मामले को फिर तूल दे दिया। हालांकि, सोनिया के आने से पूर्व ही भाजपा पार्षदों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने मेयर गामा को निगम से घर भेज दिया। पार्षद और कर्मचारी सोनिया से भिडऩे के लिए तैयार हो गए। जब सोनिया निगम पहुंची तो पार्षदों और कर्मचारियों ने विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी।


आधे घंटे चला हंगामा
जवाब में सोनिया एवं उनके समर्थकों ने ढोल-नगाड़े बजाते हुए मेयर एवं भाजपा पर द्वेषभाव के तहत कार्रवाई व संस्था को कुचलने की साजिश रचने का आरोप लगा काफी हंगामा किया। करीब आधे घंटे हंगामा चलता रहा। बाद में पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग कर स्थिति नियंत्रित की। इसके बाद सोनिया व उनके समर्थक चले गए।

भाई के घर जा रहा था पीछे से रास्ता
पार्क में पीछे की तरफ खोला गया रास्ता सोनिया आनंद के भाई रविंद्र आनंद के घर की ओर जा रहा था। नगर निगम की जांच में यह बात सामने आई है। निगम प्रशासन अंदेशा जता रहा कि पार्क जमीन पर कब्जा करने की नीयत से बनाया गया था।

धर्मपुर डांडा का मामला भी उठाया
हंगामे के दौरान सोनिया ने धर्मपुर डांडा में गरीबों को बेघर करने का मामला उठा नगर निगम पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया। नगर निगम ने बीते शनिवार को धर्मपुर डांडा क्षेत्र में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए 12 कच्चे-पक्के मकान तोड़ दिए थे। तब मौके पर जमकर हंगामा हुआ था। आरोप है कि यह जमीन भाजपा से जुड़े भूमाफिया ने ही बेची थी। जमीन से हटाए गए लोग सोनिया के साथ शनिवार को निगम में हुए हंगामे के दौरान शामिल रहे।

मेयर के पद पर नजर!
सोनिया आनंद के मेयर व भाजपा से सीधे टकराव को उनकी मेयर के चुनाव की तैयारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। अगले साल यानी अक्टूबर-2023 में नगर निगम के चुनाव होने हैं। चर्चा हो रही कि सोनिया कांग्रेस से मेयर पद की प्रत्याशी हो सकती हैं। हालांकि, अभी खुलकर इस मामले में कोई नहीं बोल रहा, मगर सोनिया ने इतना जरूर कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो वह मेयर का चुनाव लड़ेंगी।


मुझे लगता है सोनिया आनंद हंगामा कर सिर्फ प्रचार पाना चाहती हैं, जबकि सच तो यह है कि वह सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की पैरवी कर रही हैं। पहले पार्क बनाने के बहाने पीछे रास्ता खोलकर जमीन पर कब्जे की कोशिश की गई और अब शनिवार को वह अतिक्रमणकारियों के साथ निगम पहुंच गईं। निगम ने 23 अप्रैल को धर्मपुर डांडा में अतिक्रमण ध्वस्त किया था। सोनिया के साथ शनिवार को हंगामे में वे लोग शामिल थे, जिन्होंने अतिक्रमण किया हुआ था।
सुनील उनियाल गामा, मेयर

Posted By: Inextlive