कहीं सिग्नल खराब तो कहीं टाइमिंग गलत
देहरादून (ब्यूरो)। ट्रैफिक डायरेक्टरेट ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि दून में चौराहों पर लगे सिग्नल्स की टाइमिंग की जांच की जा रही है। जल्दी ही ज्यादा ट्रैफिक और कम ट्रैफिक के साइड वाली रोड के सिग्लन की टाइमिंग ठीक कर दी जाएगी। यह भी दावा किया गया था कि सिग्नल पर सेंसर लगाये जाएंगे, ये सेंसर ट्रैफिक के प्रेशर के अनुसार खुद ही टाइमिंग सेट करेंगे। यानी कि जिस साइड से ज्यादा ट्रैफिक होगा उस साइड को ऑटोमेटिक तरीके से ग्रीन लाइट ज्यादा मिलेगी और कम ट्रैफिक दबाव की तरफ ग्रीन लाइट कम टाइम के लिए रहेगी। लेकिन, अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। न तो सेंसर लगे और न ही मैनुअली टाइमिंग ठीक की गई। आलम यह है कि चौराहों में 2 व्हीकल पर मिनट वाली साइड के लिए भी जितना टाइम सैट है, 20 व्हीकल पर मिनट वाली साइड के लिए उतना ही टाइम दिया जा रहा है।
इन चौराहों पर मिली अनियमितता
- रिस्पना चौक
- कारगी चौक
- सीएमआई चौक
- रेसकोर्स चौक
- सहानरपुर चौक
- फव्वारा चौक
- ग्लोबल चौक
सहारनपुर चौक पर सिग्नल बंद
सहारपुर चौक दून के व्यस्ततम चौराहों में शामिल है। मंडे शाम यहां सिग्नल बंद थे। कोई भी लाइट नहीं जल रही थी। चौक पर कोई पुलिसकर्मी भी नहीं था। वाहन चालक अपने विवेक से चौक पर आ-जा रहे थे। आईएसबीटी की तरफ जाने वाले विक्रम आधी रोड घेरे हुए थे, जो ट्रैफिक को और ज्यादा बाधित कर रहे थे। पता चला कि इस चौक का सिग्नल सॉलर से चलता है। दोपहर बाद बादल छाने से काम नहीं कर रहे हैं।
रेसकोर्स चौक पर सिग्नल दुरुस्त मिले, लेकिन टाइमिंग खराब दिखी। यहां रेसकोर्स और सुभाष रोड की तरफ से आने वाले व्हीकल्स की संख्या काफी कम होती है, जबकि मेन हरिद्वार रोड पर दोनों तरफ से ट्रैफिक का ज्यादा प्रेशर होता है। लेकिन हर तरफ के ट्रैफिक को 60 सेकेंड का टाइम दिया जा रहा है। ऐसे में रेसकोर्स और सुभाष रोड की तरफ से कोई ट्रैफिक न होने के बावजूद हरिद्वार रोड पर दोनों तरफ का ट्रैफिक खड़ा रहता है।
कारगी चौक पर हादसों को दावत
दून के सबसे ज्यादा ट्रैफिक रूल्स वॉयलेशन वाले चौराहों में कारगी चौक को गिना जा सकता है। इस चौक पर भी अक्सर सिग्नल बंद मिलते हैं। मंडे को भी यहां सिग्नल नहीं था। यहां रेड लाइट जंप करते वाहनों को कभी भी देखा जा सकता है। हालांकि यहां ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पुलिस के सिपाही भी तैनात रहते हैं, लेकिन लगातार ट्रैफिक रूल्स वॉयलेशन के बाद भी चालान नहीं किये जाते। सभी चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे और आईसीसीसी में मॉनीटरिंग कर चालान के दावे भी यहां फेल हो जाते हैं।
रिस्पना चौक सबसे भीड़-भाड़ और सबसे ज्यादा ट्रैफिक प्रेशर वाला चौक है। पहाड़ों और हरिद्वार की तरफ से आने वाला पूरा ट्रैफिक रिस्पना पहुंचता है। इसके बावजूद मंडे को यहां ट्रैफिक सिग्नल बंद था। पुलिस के सिपाही किसी तरह यहां ट्रैफिक कंट्रोल करने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि आमतौर पर रिस्पना चौक पर ट्रैफिक व्यवस्था ठीक-ठाक रहती है, लेकिन सिग्नल सोलर एनर्जी के चलने के कारण मंडे के बादलों छा जाने से यहां सिग्नल बंद हो गये और ट्रैफिक कंट्रोल करना भारी पड़ गया।