कुछ ऐसा होगा 2041 का अपना दून
-अगले 20 साल का मास्टर प्लान डिजिटाइजेशन का काम लगभग पूरा, जीआईएस गूगल मैपिंग से 2 लाख घर चिन्हित
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की मानें तो अब तक दून 85 प्रतिशत बस चुका है। यहां बहुत बदलाव की गुंजाइश नहीं है।
गूगल मैप से होगा खाका तैयार
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की थर्सडे को आयोजित बोर्ड बैठक में कार्यदायी संस्था सीटीसीपी ने मास्टर प्लान का प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर, उत्तराखंड शशि मोहन श्रीवास्तव ने प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि मास्टर प्लान को जीआईएस मैपिंग सर्वे कर डिजिटाइज करने का काम लगभग पूरा हो गया है। डाटा डिजिटाइज होने से डेवलपमेंट वर्क को बड़ा फायदा होगा। इसके बाद अनप्लान्ड डेवलपमेंट से बचा जा सकेगा। सीवर, पेयजल, बिजली समेत कई कार्यों को अपेक्षित गति मिलेगी।
एमडीडीए की 105वीं बोर्ड बैठक में डिजिटल मास्टर प्लान रखा गया। इस दौरान सदस्यों ने पर्यावरण के साथ ही यातायात और टूरिज्म को देखते हुए व्यवस्था किए जाने संबंधी सुझाव दिए। बताया कि मास्टर प्लान जीआईएस पर आधारित है, जिसमें सभी निर्माण को मास्टर प्लान में मर्ज किया गया है। जीआईएस पोर्टल पर मास्टर प्लान को रख किसी भी स्थान का भू उपयोग प्राप्त किया जा सकेगा। इस मास्टर प्लान को आवश्यक संशोधन के साथ अगली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। मानचित्र स्वीकृति से संंबंधित रखे गए प्रस्ताव का निरीक्षण कर इसे भी अगली बोर्ड बैठक में रखने के निर्देश दिए गए। इस दौरान वीसी सोनिका सिंह, सचिव मोहन सिंह बर्निया, ज्वाइंट सेक्रेट्री रजा अब्बास, मुख्य नगर एवं ग्रामीण नियोजक उत्तराखंड एसएम श्रीवास्तव मौजूद रहे। मास्टर प्लान की खास बातें
सिटी: देहरादून
एमडीडीए एरिया: 2.11 लाख हेक्टेयर
मास्टर प्लान लागू: 2025
प्रपोज्ड डिजिटल मास्टर प्लान: 2041
गूगल सर्वे: 2 लाख घर चिन्हित
वर्तमान आबादी: करीब 10 लाख
2041 तक आबादी: 20 लाख
सर्वे पर खर्च: 75 लाख
सर्वे फाइनल: मोबाइल एप होगा लॉन्च
जोनल मास्टर प्लान: मार्च 2020 से लागू
नदी और वन भूमि स्पष्ट नहीं
एमडीडीए उपाध्यक्ष सोनिका ने बताया कि अब एमडीडीए का कुल क्षेत्रफल 02 लाख 11 हजार 102 हेक्टेयर है। इसमें विलय के बाद दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) व हरिद्वार-ऋषिकेश विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) के क्षेत्र को भी शामिल है। हालांकि, अभी डिजिटल मास्टर प्लान सिर्फ एमडीडीए के पुराने क्षेत्रफल के लिए तैयार किया जा रहा है, मंडलायुक्त सुशील कुमार ने मास्टर प्लान के प्रेजेंटेशन में पाया कि इसमें नदी व वन क्षेत्रों की सीमा को बेहतर ढंग से स्पष्ट नहीं किया गया है। अस्पष्टता के चलते लोग नदी और वन भूमि को भी खुर्दबुर्द कर देते हैं।
वर्तमान में भूउपयोग (लैंडयूज) का पता करने के लिए एमडीडीए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके लिए भी खतौनी उपलब्ध कराने के साथ आर्किटेक्ट से की-प्लान तैयार कराना पड़ता है। हालांकि, डिजिटल मास्टर प्लान जीआइएस पोर्टल पर उपलब्ध होगा और खसरा नंबर आदि दर्ज कर आनलाइन ही लैंडयूज की जानकारी मिल जाएगी। डजिटल मास्टर प्लान में सरकारी भवनों की स्पष्ट जानकारी मिलेगी, जबकि निजी भवन कहां-कहां बने हैं, इसका भी उल्लेख मिलेगा।
एमडीडीए का क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
प्राधिकरण क्षेत्र, भू क्षेत्र, गांव, शहर पुराना एमडीडीए 50539 185 02
साडा क्षेत्र, 142233, 186 04
एचआरडीए क्षेत्र 18330 14 01
कुल 211102 385 07