Dehradun News: तो क्या उत्तराखंड में फिर बढ़ेंगे बिजली के रेट
देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून समेत पूरे राज्य में बिजली के रेट एक बार फिर बढ़ सकते हैं। खबर है कि करीब 30 परसेंट तक रेट बढ़़ जाएंगे। अपीलीय प्राधिकरण के आदेश के बाद उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएन) लिमिटेड ने सरकार की ओर से मनेरी-भाली-द्वितीय प्रोजेक्ट में 341.39 करोड़ के इंवेस्टमेंट की राशि के इक्विटी रिटर्न के भुगतान की मांग की है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में यह राशि बढ़कर 3200 करोड़ से अधिक हो गई है। यदि सरकार इस राशि पर इक्विटी का ब्याज समेत भुगतान करती है, तो इसका सीधा असर प्रदेश के 28 लाख कंज्यूमर्स पर पड़ेगा। हालांकि यूजेवीएन के अफसरों कहना है कि यदि सरकार इक्विटी रिटर्न 7 साल तक करती है, महज 2 परसेंट तक ही रेट बढेंगे। बहरहाल, बिजली रेट बढ़ोत्तरी के विरोध में लोग लामबंद होने लगे हैं। ये है रेट बढऩे का कारण
मामला 2008 का है। उत्तरकाशी में निर्मित मनेरी भाली-फेज 2 पावर प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से 341.39 करोड़ रुपए राशि बतौर इक्विटी इंवेस्ट की गई। पावर डेवलपमेंट फंड (पीडीएफ) 15 साल तक के लिए इंवेस्ट किया गया था। लंबे समय से इस राशि पर यूजेवीएन ब्याज सहित लौटाने की उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) से मांग कर रहा है, लेकिन आयोग टालता रहा। बाद में यूजेवीएन मामले को लेकर विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपटीईएल) पहुंचा। हाल ही में एपटीईएल ने यूजेवीएन लिमिटेड के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को आरओसी यानि रिटर्न ऑन इक्विटी लौटाने के आदेश किए। 3200 करोड़ से अधिक पहुंची इक्विटी सूत्रों की मानें तो अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्णय के बाद बिजली उपभोक्ताओं पर टैरिफ बढऩे की संभावना बढ़ गई है। दरअसल यूजेवीएन को दी गई इक्विटी को यदि ब्याज सहित लौटाया जाता है, तो 15 साल में यह राशि 3200 करोड़ से अधिक बैठेगी। यूजेवीएन के बाद पिटकुल को भी इक्विटी व्यास समेत देनी पड़ेगी। सरकार के पैसा देने के लिए नहीं है। बताया जा रहा है कि राज्य के 28 लाख बिजली उपभोक्ताओं वसूला जा सकता है। इसी तरह पिटकुल का भी मामला है। दोनों ही मामलों में भार आम कंज्यूमर पर पड़ेगा। 46 परसेंट तक बढ़ जाएंगे रेट
अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड गलत ठहराया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि इस फैसले के बाद वर्तमान बिजली टैरिफ करीब 46 परसेंट तक पहुंच जाएगा। जिसकी मार उद्योंगों के साथ ही आम कंज्यूमर पर पड़ेगा। उनका कहना है कि मनेरी भाली फेज-2 के लिए यूजवेवीएन और पिटकुल में परियोजनाओं के निर्माण के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा पावर डेवलपमेंट फंड से डाली गई पूंजी पर इक्विटी पर रिटर्न के मामले में यूईआरसी के आदेश के खिलाफ एपीटीईएल के समक्ष अपील दायर की थी। एपीटीईएल ने यूवजेवीएनएल के पक्ष में आदेश देतेह ए कहा कि इक्विटी पर रिटर्न की गणना राज्य सरकार द्वारा किसी भ बिजली परियेाजना में किए गए इंवेस्टमेंट पर की जानी चाहिए। भले ही निवेश किसी भी स्रोत से किया गया हो। सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती एसोसिएशन का कहना है कि राज्य में उपभोक्ताओं पर दोहरा टेक्सेशन है। इसलिए सरकार इसमें हस्तक्षेप करे और यह सुनिश्चित करें कि विद्युतीकरण टैरिफ पर अतिरिक्त शुल्क का भार न पड़े। एसोसिएशन ने एपीटीईएल के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का चेतावनी दी है। यूईआरसी में सुनवाई आज इस मामले को लेकर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने ट््यूजडे 1 अक्टूबर को सुनवाई की तिथि घोषित की है। आयोग ने इसके लिए इंडस्टीज एसोसिएशन ने मामले को लेकर लिखित आपत्तियां भी दी हैं।
सरकार एक ओर उद्योगों को इंवेस्टमेंट के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली में बेतहाशा वृद्धि लागू करने जा रही है। ऐसे में निवेश की सोच रही इंडस्ट्रीज दूसरे राज्यों का रूख करने की सोच सकती है। राज्य सरकार मामले में हस्क्षेप करे। जिससे आम उपभोक्ताओं के टैरिफ में बढ़ोत्तरी न हो सके। पंकज गुप्ता, अध्यक्ष, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए बिजली परियोजनाओं का बनना जरूरी है। यूजेवीएन तीन-तीन परियोजनाएं रन करने जा रही है। सरकार 50 परसेंट ही बजट खुद लगाने की बात कर रही है। पैसा नहीं मिलेगा तो निगम कहां से पावर प्रोजेक्ट बनाएगा। इक्विटी रिटर्न मामले में पब्लिक को गुमराह किया जा रहा है। यदि सरकार रिटर्न ऑफ इक्विटी का भुगतान करती है, तो अगले 7 साल तक केवल 2 परसेंट की वृद्धि की संभावना है। संदीप सिंघल, एमडी, यूजेवीएन लिमिटेड मामले को लेकर 1 अक्टूबर को सुनवाई है। दोनों पक्षों को सुना जाएगा। पब्लिक पर बिजली का भार नहीं बढऩे दिया जाएगा। पब्लिक हित सर्वोपरी है, लेकिन तेजी से बढ़ती आबादी को बिजली मुहैया कराना भी जरूरी है। गहन अध्ययन के बाद ही मामले में निर्णय लिया जाएगा।एमएल प्रसाद, कार्यवाहक अध्यक्ष, यूईआरसी
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