.तो नए वार्डों में हाउस टैक्स की तैयारी कर रहा निगम?
-2019 में त्रिवेंद्र सरकार ने 10 साल यानि 2029 तक किया था टैक्स माफ
-नए वार्डों में केवल कॉमर्शियल टैक्स लिया जाना हुआ था तय
देहरादून, 23 मार्च (ब्यूरो)।
वर्तमान में हाउस टैक्स को लेकर जीआईएस सर्वे जारी है, जिससे न केवल हाउस टैक्स को बढ़ाया जा सके, बल्कि जो टैक्स पेयर्स हाउस टैक्स जमा करने में वास्तविकता छिपा रहे हैं। उनका सही तरीके से सर्वे हो पाए और नगर निगम को नुकसान न हो। ये सर्वे पुराने और नगर निगम में शामिल नए वार्डों यानि सभी 100 वार्डों का हो रहा है। लेकिन, इसको लेकर नए वार्डों में निवास कर रहे लोगों में नाराजगी शुरू हो चुकी है। वह कह रहे हैं कि नए वार्डों में उन्हें सरकार ने 10 साल तक के लिए हाउस टैक्स में छूट दी है। अचानक नगर निगम की ओर से किए जा रहे सर्वे को देखते हुए संभवत: नगर निगम नए वार्डों से हाउस टैक्स की तैयारी कर रहा है।
2019 में नए वार्ड शामिल
नगर निगम क्षेत्र दून में इससे पहले केवल 60 वार्ड शामिल थे। 2017 से 2018 तक नगर निगम दून का परिसीमन हुआ और 2019 में दून नगर निगम क्षेत्र में वार्डों की संख्या 100 पहुंची। इसी दौरान तत्कालीन त्रिवेंद्र रावत सरकार ने इन नए 40 वार्डों में हाउस टैक्स के लिए 10 सालों की छूट दी। मतलब, शामिल नए वार्डों पर हाउस टैक्स की वसूली वर्ष 2029 से शुरू होगी। हालांकि, शामिल नए वार्डों में कॉमर्शियल पर हाउस टैक्स लिया जाएगा। इसके लिए कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों ने निगम प्रशासन टैक्स भी वसूल रहा है।
वर्तमान में नगर निगम हाउस टैक्स को लेकर सर्वे का काम शुरू कर रहा है। इसके लिए फर्म जीआईएस कंसोर्टियम को सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। निगम की ओर से इसके लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड, बिजली कनेक्शन, पिछली प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद, सीवरेज व वाटर टैक्स की रसीद भी मांगी जा रही है। नगर निगम ने कंपनी को हाउस टैक्स लेने के लिए प्रॉपर्टी की फोटो व माप लेने की भी अनुमति दी है। जिससे नगर निगम अपनी प्रॉपर्टी का सही तरीके से आंकलन कर सके। इसके अलावा टैक्स पेयर्स या फिर नगर निगम को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। निगम बाकायदा, इसके लिए ऑनलाइन रिकॉर्ड भी मेंटेन करना चाह रहा है। सर्वे का काम पूरी तरह से निशुल्क किया जा रहा है।
नए वार्डों में नाराजगी
सर्वे के काम को देखते हुए नए वार्डों में शामिल इलाकों में इसको लेकर नाराजगी शुरू हो गई है। राजपुर जोहड़ी तुलाज ग्रीन अपार्टमेंट में भी सर्वे का काम जारी है। यहां निवास कर रहे एसपी शर्मा कहते हैं कि जब सरकार ने नए वार्डों को 10 साल तक के लिए हाउस टैक्स में छूट दी है तो निगम क्यों सर्वे करा रहा है। तुलाज ग्रीन अपार्टमेंट रेजिडेंशियल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राकेश उप्रेती के मुताबिक नगर निगम को नए वार्डों में हाउस टैक्स लिए जाने या न लिए जाने पर स्थिति साफ करनी चाहिए।
नगर आयुक्त के अनुसार नए 40 वार्डों में निवास कर रहे कुछ लोग खुद टैक्स जमा करने के लिए निगम में पहुंचे थे। इसके बाद इसकी जानकारी शासन तक पहुंचाई गई। शासन ने मंजूरी देने के बाद निगम ने ऐसे लोगों को हाउस टैक्स जमा करने के लिए हामी भरी है। लेकिन, बताया जा रहा है कि जो लोग खुद हाउस टैक्स के लिए तैयार हैं। वे ऐसे हाउस टैक्स पेयर्स हैं, जो अपनी अवैध प्रॉपर्टी को वैध करना चाहते हैं। इनमें कुछ पट्टे की जमीनधारी भी हैं। जिससे उनके पास नगर निगम की ओर से हाउस टैक्स की रसीद मिल सके।
नए वार्डों से किसी कोई टैक्स नहीं लिया जा रहा है। केवल कॉमर्शियल से ही टैक्स लिया जा रहा है। निगम की ओर से कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया है।
-गौरव कमार, नगर आयुक्त, नगर निगम दून।
-रमेश कुमार मंगू, निर्वतमान पार्षद। कॉमर्शियल को छोड़कर नए वार्डों को सरकार की ओर से पहले ही 10 वर्षों की छूट दी गई है। नगर निगम बोर्ड के दौरान भी इस पर सहमति बनी थी। जहां तक नोटिस की बात है, ऐसे संभव नहीं है।
-सुनील गामा, निवर्तमान मेयर, दून।