जब दून को स्मार्ट सिटी बनाने का तोहफा मिला तो उम्मीद थी कि शहर की तकदीर और तस्वीर बदल जाएगी। लेकिन ढाई साल से ज्यादा होने के बाद भी स्मार्ट सिटी के अधिकांश प्रोजेक्ट लटके हुए हैैं। कई प्रोजेक्ट्स शुरू ही नहीं हो पाए हैैं। प्रोजेक्ट्स की फिजिकल प्रोग्रेस देखी जाए तो 7 से 25 परसेंट तक है। जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की डेडलाइन मार्च 2021 तक थी। प्रोजेक्ट लेट होने पर डेडलाइन को एक साल के लिए बढ़ाना पड़ा। इधर स्मार्ट सिटी के पेंडिंग काम दूनाइट्स के जी का जंजाल बने हुए हैैं लोगों में इसको लेकर खासा आक्रोश है।

देहरादून (ब्यूरो) । देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड (डीएससीएल) के अनुसार स्मार्ट सिटी के तमाम प्रोजेक्ट्स के लिए शत-प्रतिशत टेंडर फ्लोट कर दिए गए हैं। लेकिन, कई ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं, जिन पर काम ही शुरू नहीं हो पाया है। इसके पीछे डीएससीएल ने विभागों के ऊपर आरोप भी थोपे हैं। समय पर एनओसी न मिलना बड़ा कारण बताया गया है। इसके अलावा कोविडकाल दूसरी वजह बताई गई। बहरहाल, स्मार्ट सिटी के आधे अधूरे कार्यों से शहरवासी परेशान हैं। शहर के हर इलाके में सड़कें खोदी गई हैं। ट्रैफिक की दिक्कत के साथ पॉल्यूशन की भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों ने तो कई बार विरोध तक जताया है। अब सबकी निगाहें मार्च 2022 पर टिकी हैं। जब शहर में स्मार्ट सिटी के काम पूरे हो पाएंगे और शहर स्मार्ट सिटी नजर आएगा।

स्मार्ट सिटी में 10 वार्ड हैैं शामिल
-वार्ड 11, करनपुर
-वार्ड 12, बकरालवाला
-वार्ड 15, घंटाघर
-वार्ड 17, एमकेपी
-वार्ड 18 कालिका मंदिर
-वार्ड 19 तिलक रोड
-वार्ड 20 खुड़बुड़ा
-वार्ड 21 शिवाजी मार्ग
-वार्ड 23 धामावाला
-वार्ड 24 झंडा मोहल्ला

प्रोजेक्ट पर एक नजर
-स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की लागत--1454ण्33 करोड़
-स्मार्ट सिटी कार्यों के लिए आमंत्रित टेंडर--100 परसेंट
-स्मार्ट सिटी कार्यो के लिए जारी वर्कऑर्डर--100 परसेंट

नहीं मिलती समय पर एनओसी
दून में कई अंडरग्राउंड यूटिलिटी लाइनें होने के कारण स्मार्ट सिटी को अंडर ग्राउंड कार्यों के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डीएससीएल का मानना है कि पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, जल संस्थान, जल निगम, यूपीसीएल से अक्सर समय-समय पर कार्यों के लिए एनओसी मांगी जाती है, लेकिन नहीं मिल पाती हैं। जिससे लेट हो जाती है।

स्कीम बनी, काम हुआ लेकिन ठप
स्मार्ट सिटी के तहत कई काम हुए, लेकिन आगे नहीं बढ़ पाए। इनमें खासकर वाटर एटीएम, बॉटल क्रश मशीन भी शामिल हैं। सिटी में 24 वाटर जरूर खुले, लेकिन कइयों में न कर्मचारी हैं और न पानी की सप्लाई हो पा रही है। ऐसा ही तहसील चौक पर प्लास्टिक बॉटल क्रश मशीन लगाई गई, लेकिन प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया।

स्मार्ट सिटी के कार्यों पर नजर
-17000 मीटर मल्टी यूटिलिटी डक्ट में से 2115 मीटर हुई पूरी।
-6 दशक पुरानी सीवर लाइन के जीर्णोद्वार के लिए 6170 मीटर लाइन व 66 मेन हाल का काम पूरा।
-17000 मीटर नाली निर्माण में से 4150 मीटर का काम पूरा
-वाटर सप्लाई के लिए 17000 मीटर में से 1380 मीटर लाइन बिछाई गई।
-1800 मीटर फुटपाथ का काम पूरा।
-8500 मीटर सड़क निर्माण का कार्य सभी काम पूरे होने के बाद होंगे। ।

Posted By: Inextlive