वैक्सीनेशन टारगेट चेज करना टफ टास्क
देहरादून (ब्यूरो)। हेल्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार दून में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के 14,97,625 लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना है। मंडे को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक सभी कैटेगिरी के 14,44,458 लोगों को फर्स्ट डोज दी जा चुकी है। यानी 52,762 लोगों को अब तक फर्स्ट डोज वैक्सीन नहीं दी जा सकी है। 31 दिसंबर वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने के लिए जरूरी है कि 8 अक्टूबर तक सभी लोगों को फर्स्ट डोज वैक्सीन दे दी जाए। यानी अगले 4 दिन दून में हर रोज 13,191 लोगों को फर्स्ट डोज वैक्सीन देनी जरूरी होगी।
फिलहाल सुस्त चाल
अगले चार दिन में यह टारगेट पूरा होने की संभावना इसलिए भी कम है कि हाल के दिनों में दून में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी सुस्त रही है। मंडे को 5,768 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई। इनमें फर्स्ट डोज के साथ ही सेकेंड डोज वाले भी शामिल हैं। इससे पहले संडे को 3069 और सैटरडे को 4,429 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई थी।
अब तक की स्थिति
कैटेगरी फर्स्ट डोज सेकेंड डोज
45 प्लस 5,12,088 3,51,726
18-44 8,64,531 2,77,273
हेल्थ वर्कर 37,213 32,364
फ्रंटलाइन 30,626 26,743
कुल 14,44,458 6,88,101
45 प्लस 5,16,414
18-44 9,11,583
हेल्थ वर्कर 41,245
फ्रंटलाइन 28,413
कुल लोग 14,97,225
कुल डोज 29,95,310 पिछले 10 दिन में धीमी चाल
इस बीच दून स्थिति एसडीसी फाउंडेशन ने नौवां उत्तराखंड वैक्सीनेशन मीटर जारी किया है। 2 अक्टूबर तक किये गये वैक्सीनेशन मीटर के अनुसार पिछले 10 दिनों में राज्य में वैक्सीनेशन की रफ्तार में भारी कमी आई है। वैक्सीनेशन मीटर जारी करते हुए फाउंडेशन में अनूप नौटियाल ने बताया कि 23 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 3,97,894 डोज वैक्सीन दी गई। जबकि इससे पहले 13 सितंबर से 22 सितंबर तक 7,87,390 डोज दी गई थी। वैक्सीनेशन मीटर के अनुसार अब बाकी 10 दिनों में हर दिन 61,605 डोज देनी होंगी। जबकि 10 दिन पहले प्रतिदिन का टारगेट 59,410 डोज था।
वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंच रहे लोग
हेल्थ डिपार्टमेंट की माने तो दून में वैक्सीनेशन की कोई कमी नहीं है। वैक्सीनेशन सेंटर्स के अलावा मोबाइल वैन के जरिये भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है। स्लॉट बुक करने और रजिस्ट्रेशन करने की बाध्यता भी अब खत्म हो गई है। अब सेंटर्स पर ही रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से लोगों को वैक्सीनेशन के लिए अवेयर भी किया जा रहा है। इसके बावजूद बहुत कम लोग वैक्सीनेशन सेंटर्स पर पहुंच रहे हैं।