जनाब? कुछ भी हो, यूरिनल के 5 रुपए तो देने ही पड़ेंगे
- नगर निगम के अधिकतर पब्लिक टॉयलेट पर महिलाओं से चार्ज किए जाते हैं 5 रुपए
- स्मार्ट सिटी के टॉयलेट में यूरिनल यूज करने के लिए महिलाओं से वसूला जाता है दोगुना चार्ज
पहले जब ऐसी शिकायत आई, तब एक फर्म के संचालक पर कार्रवाई की गई। स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में यूरिनल के नाम पर कोई भी चार्जेज नहीं लिए जाएंगे। लेकिन, अगले ही दिन हमारी टीम ने मंडे को एक नहीं, कई इलाकों पर मौजूद पब्लिक टॉयलेट्स का रियलिटी चेक किया। सच्चाई सामने आ गई। निगम के दावों की पोल खुलने लगी। हद तो यह है कि इसमें एक टॉयलेट स्मार्ट सिटी का मिला, जहां 10 रुपए यूरिनल के नाम पर चार्ज लिया जा रहा था। केस नंबर -1-
लक्खीबाग-महिलाओं से लिए जाते हैं यूरिनल के लिए पांच रुपए।
केस-2-
नगर निगम के बाहर। यहां भी महिलाओं से यूरिनल के लिए 5 रुपए का शुल्क जरूरी।
दून हॉस्पिटल। स्मार्ट सिटी के पब्लिक टॉयलेट में यूरिनल के लिए 10 रुपए शुल्क जरूरी। केस-4-
बिंदाल पुल के करीब। यहां भी महिलाएं अगर यूरिनल यूज करती हैं तो 5 रुपए शुल्क देना जरूरी।
चीफ सेक्रेटरी तक पहुंचा मामला
भाकपा-एम ने शहर में टॉयलेट की समस्या को चीफ सेक्रेटरी कार्यालय तक पहुंचाया है। अपने मांग पत्र में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि दिलाराम से बिंदाल पुल, घंटाघर से सहारनपुर चौक तक कोई भी टॉयलेट नहीं हैं। जिस कारण आम लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय से गांधी पार्क व घंटाघर के टॉयलेट भी बंद पड़े हुए हैं। जबकि, दून में पर्यटकों की आमद होने के कारण उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे नगर निगम व स्मार्ट सिटी की छवि पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में कुछ शहर में अस्थाई टॉयलेट के निर्माण के लिए निर्देश जारी किए जाएं।
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पंडित दीन दयाल पार्क में पब्लिक टॉयलेट पर तीन दिनों से ताला लगाए जाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिसका असर हुआ और मंडे को टॉयलेट पर लगा ताला नगर निगम की ओर से खोल दिया गया। जिसके बाद पास में धरना दे रही राज्य आंदोलनकारी, आंगनबाड़ी वर्कर्स की ओर से आभार जताया गया।
निगम की नजरअंदाजी
दूसरे शहरों की तर्ज पर दून शहर में भी टॉयलेट्स की समस्या अक्सर चर्चा का विषय बनी रहती है। इसी मुद्दे को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों से उनकी राय मांगी। 67 परसेंट लोगों ने इसको सरकार व संबंधित विभाग नगर निगम की नजरअंदाजी करार दिया। वहीं, लोगों का ये भी कहना है कि यूरिनल के नाम पर कुछ पब्लिक टॉयलेट संचालकों की ओर से 10 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है, वह गलत है। इसके लिए निशुल्क व्यवस्था होनी चाहिए। 50 परसेंट लोगों का कहना है कि राजधानी में जितने टॉयलेट बने हुए हैं, वह गंदगी से पटे पड़े हुए हैं।
नजरअंदाजी--67 परसेंट
ठीक है--0 परसेंट
पुनर्विचार हो--17 परसेंट
कुछ नहीं कहना--17 परसेंट। पब्लिक टॉयलेट के अभाव में सबसे ज्यादा महिलाओं को दिक्कत हो रही है। जहां हैं, वहां यूरिनल के लिए 10 रुपए शुल्क लिया जा रहा है।
ये गलत--29 परसेंट
ठीक है--0 परसेंट
निशुल्क व्यवस्था हो--57 परसेंट
कुछ नहीं कहना--14 परसेंट DEHRADUN@Inext.co.in