ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा के पास निर्माणाधीन सिग्नेचर डिजाइन से बनाया जा रहे पुल का एक हिस्सा भरभराकर ढह गया. गनीमत रही कि इस दौरान पुल पर निर्माण कार्य नहीं हो रहा था अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी.

देहरादून,(ब्यूरो): ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा के पास निर्माणाधीन सिग्नेचर डिजाइन से बनाया जा रहे पुल का एक हिस्सा भरभराकर ढह गया। गनीमत रही कि इस दौरान पुल पर निर्माण कार्य नहीं हो रहा था, अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। पुल के क्षतिग्रस्त होने पर कार्यदायी संस्था आरसीसी व नेशनल हाइवे पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले साल भी पुल के पिल्लर निर्माण के दौरान कुछ हिस्सा टूट गया था, जिसकी चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी। उधर, सिरोबगड़ बाईपास में भी इसी तकनीक से बन रहा पुल भी तिरछा होने से इसका निर्माण पिछले छह महीने से रूका हुआ है। नेशनल हाइवे का कहना है कि इरेक्शन एलीमेंट के कार्य के दौरान यह घटना हुई है। उधर, मामले में पीडब्ल्यूडी के एचओडी दीपक कुमार ने मामले की प्रारंभिक जांच के लिए चीफ इंजीनियर एनएच दयानंद की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। कमेटी में एसई राजेश चंद्र व गौरव थपलियाल को सदस्य बनाया गया है। समिति को तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

57 मीटर टावर-स्टील आर्च टूट कर गिरा
बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग व श्रीनगर के बीच रुद्रप्रयाग से लगभग 8 किमी। दूर नरकोटा में चारधाम परियोजन के तहत नरकोटा गदेरे पर इस पुल का निर्माण किया जा रहा है। हाइवे का कुछ हिस्सा रेलवे को स्थानांतिरत होने के कारण रेलवे ने पुल के निर्माण के लिए 66 करोड़ रुपए दिए थे। नेशनल हाइवे पीडब्ल्यूडी इस पुल का निर्माण करवा रहा था, कार्यदायी संस्था आरसीसी कंपनी है। वर्ष 2021 इस पुल का निर्माण हो रहा है। पुल 110 मीटर लंबा व 12 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है। यह सिग्नेचर डिजाइन से बनाया जा रहा है। वर्तमान में पुल पर इरेक्शन टॉवर का काम चल रहा था। पुल दोनो छोर से बनाया जा रहा है। एक छोर जो रुद्रप्रयाग की ओर बनाया जा रहा है उसका 57 मीटर हिस्से में अस्थाई टावर व स्टील आर्च टूट कर गिर गया। जबकि दूसरा छोर अभी पूरी तरह सुरक्षित है।

पुल टूटने की आवाज से अफरा-तफरी
थर्सडे को 4 बजकर 15 मिनट पर पुल का रुद्रप्रयाग छोर वाला हिस्से का टावर अचानक टूट कर नीचे गिर गया। काफी तेज आवाज आने से नरकोटा गांव के साथ ही आस पास के क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई। पुल का पिल्लर पूरी तरह से सुरक्षित है। शुक्र रहा कि इस दौरान पुल पर कोई निर्माण नहीं हो रहा था, और कोई भी मजदूर टावर पर नहीं चढा था, अन्यथा बड़ी हानि हो जाती। पुल पर लगभग सौ से अधिक मजदूर कार्य कर रहे हैं।

20 जुलाई 2022 को भी टूटा था पुल
साल 2022 में भी 20 जुलाई को इस पुल के पिल्लर निर्माण के दौरान कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे दो मजदूरों की दबने से मौत हो गई थी, और आठ मजदूर घायल हो गए थे। एनएच लोनिवि के इंजीनियरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उप जिलाधिकारी आशीष घिल्डियाल ने बताया कि हादसे में किसी तरह कोई जनहानि नहीं हुई है। एनएच लोनिवि श्रीनगर को लापरवाही बरते जाने पर नोटिस जारी किया जाएगा।

इरेक्शन एलीमेंट जोडऩे के दौरान घटी घटना
एनएच खंड पीब्ल्यूडी श्रीनगर के अधिशासी अभियंता तनुज काम्बोज ने बताया कि निर्माणाधीन सिग्नेचर पुल में ईपीसी डिजायन पर आरसीसी कंपनी द्वारा इरेक्शन एलीमेंट जोडऩे का काम किया जा रहा था। अचानक इरेक्शन एलीमेंट क्षतिग्रस्त होने से पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। कार्यदायी संस्था का स्पष्टीकरण लिया जा रहा है। हादसा आर्च स्टील ब्रिज के इरेक्शन के लिए तैयार किए जा रहे अस्थाई टावर व स्टील आर्च के दौरान हुआ। इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है।

पुल निर्माण ईपीसी कॉन्ट्रेक्ट के तहत किया जा रहा है। क्षतिग्रस्त भाग का दोबारा निर्माण कॉट्रेक्टर की ओर से स्वयं के खर्च पर किया जाएगा। फिलहाल मामले की प्रारंभिक जांच को तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिसे 3 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
दीपक कुमार यादव, एचओडी, पीडब्ल्यूडी

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Posted By: Inextlive