शर्मनाक: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की बिजली कट
- जिस कंपनी के सुपुर्द था स्टेडियम उस पर 1.72 करोड़ का है बिजली बिल का बकाया
- अंतर्राष्ट्रीय महत्व के इस स्टेडियम की हो रही दुर्गति, प्रदेश की साख भी दांव पर
2016 में बना था स्टेडियम
रायपुर क्रिकेट स्टेडियम कांगे्रस शासनकाल में बनकर तैयार हुआ था। इसके निर्माण पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। तब से लेकर अब तक स्टेडियम में वन सिरीज, लीजैंड्री मैच हो चुके हैं। अफगानिस्तान तक ने प्रैक्टिस के लिए इस स्टेडियम को किराए पर लिया है। सितंबर 2022 में यहां पर लीजेंड मैच खेला गया। जिसमें क्रिकेट जगत के कई दिग्गज खिलाडिय़ों समेत बांग्लादेश, अफगानिस्तान, आयरलैंड आदि देश वन मैच खेल चुके हैं।
वर्ष 2019 में दून के रायपुर के क्रिकेट स्टेडियम में अफगान ने रिकॉर्ड बनाया है। टी-20 में अफगानिस्तान ने आयरलैंड को 84 रनों से हराकर सीरीज पर 2-0 से कब्जा किया था। इस मैच में अफगानिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के 263-3 का टी-20 में सर्वाधिक रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इस दिन दून के इस स्टेडियम का नाम भी इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया। इसके अलावा अफगानिस्तान की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 236 रनों की साझेदारी बनाई। उम्मीद थी लोकल टीम को बढ़ावा मिलेगा
दून में क्रिकेट स्टेडियम शुरू होने पर उम्मीद थी कि अब शायद लोकल क्रिकेट टीम को यहां बढ़ावा मिलेगा, लेकिन यह उम्मीद टूटती नजर आ रही है। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) स्टेडियम के लिए कई बार आवेदन कर चुका है, लेकिन आज तक सीएयू को स्टेडियम मुहैया नहीं कराया गया है। जबकि कई मंत्री स्टेडियम का दौरा कर चुके हैं। ऐसे में लोकल क्रिकेट टीम को कैसे बढ़ावा मिलेगा। यह समझ से परे है।
लीजेंड्री मैच में उमड़ी थी भारी भीड़
पिछले साल 22 से 25 सितंबर को रोड सेफ्टी वीक के तहत आयोजित लीजेंड्री मैच देखने के लिए क्रिकेट प्रेमियों की रायपुर स्टेडियम में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। 25 हजार क्षमता वाले स्टेडियम में जगह कम पड़ गई थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूनवासी मैच देखने के बेताब रहते हैं।
बिजली का बिल भुगतान न होने पर ऊर्जा निगम ने पिछले साल सितंबर 2022 लाइट काट दी थी। कंपनी पर बिजली का 1.72 करोड़ बकाया है। बताया जा रहा है कि कंपनी स्टेडियम परिसर में लगातार जनरेटर के जरिए इवेंट संपन्न करा कर पैसे कमा रही है। लेकिन बिजली का बकाया नहीं चुका रही है। कई बार कंपनी ने नेताओं और अफसरों से कनेक्शन जोडऩे के लिए भारी दबाव बनाया, लेकिन निगम अधिकारियों ने बिल जमा करने के बाद ही कनेक्शन जोडऩे की बात कहकर टालते रहे। जिस कारण पिछले छह माह से स्टेडियम में अंधेरा छाया है।
सड़ रहे करोड़ों के इक्विपमेंट
इस स्टेडियम के एक कोने में स्वास्थ्य विभाग के करोड़ों रुपये के इक्विपमेंट सड़ रहे हैं। कोराना काल में स्टेडियम को कोविड सेंटर बनाया गया था। तब यहां पर लाखों रुपये के बैड और करोड़ों रुपये के इक्विपमेंट खरीद कर लाए गए थे, लेकिन आज ये करोड़ों का सामान जंग खा रहा है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। अफसरों की लापरवाही और उच्च स्तर पर कोई निर्णय न लिए जाने से करोड़ों का यह सामान लंबे समय से यहां पड़ा-पड़ा सडऩे लगा है। बताया जा रहा है कि अस्पतालों का यह सामान भेज दिया जाता तो सैकड़ों मरीजों को राहत मिलती।
-2016 में बनकर तैयार हुआ स्टेडियम
-23 एकड़ एरिया में फैला है
-वन डे, टी-20, लीजैंड मैच हो चुके है यहां
-22 सितंबर 2022 में खेला गया आखिरी मैच
-2020 में बनाया का कोविड सेंटर
-सितंबर 2022 में काटी गई लाइट
-सड़ रहे हैं करोड़ों रुपये के मेडिकल इक्विपमेंट
-1.72 करोड़ रुपये बकाया है बिजली का
-30 साल के लिए आईएल एंड एफएस कंपनी को दिया गया लीज पर लगातार नोटिस जारी करने के बाद भी आईएल एंड एफएस कंपनी ने बिजली का बकाया नहीं चुकाया है, जिसके बाद स्टेडियम की बिजली काट दी गई है। बिल भुगतान होने के बाद ही कनेक्शन जोड़ा जाएगा।
राकेश कुमार, एक्सईएन, ऊर्जा निगम, देहरादून
क्रिकेट स्टेडियम का जिम्मा जिस कंपनी के पास है वहीं बिजली बकाए का भुगतान करेगी। कोविड के दौरान बिजली का छोटा सा पार्ट है, जिस पर जल्द ही कैबिनेट स्तर से निर्णय लिया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही स्टेडियम को फिर से शुरू किया जाएगा।
जितेंद्र सोनकर, डायरेक्टर स्पोट्र्स
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