शहर में बिछ रहा सीवर लाइन का जाल
- शहर की करीब 604 किलोमीटर लाइन से सप्लाई हो रही शहर की गंदगी
- 115 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का हो रहा संचालन
सीवर का गड्ढ़ा भरने से परेशानी
अभी तक लोग घरों में गड्ढा बनाकर उसमें सीवर लाइन छोड़ते थे। शहर में जमीनें महंगी होने के बाद लोग छोटे-छोटे प्लाट लेकर मकान बना रहे हैं। कई बार सीवर गड््ढे के लिए लोगों के पास जगह नहीं बचती थी। ऐसे घरों की तादाद सर्वाधिक हैं, जहां सीवर गड््ढे बहुत छोटे हैं। गड््ढे छोटे होने से वह बार-बार भर जाते हैं, जिन्हें खाली कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। सीवर का एक गड्ढा साफ कराने के लिए लोग 8 से 10 हजार रुपये खर्च कर रहे हैं।
सीवर सिस्टम से पब्लिक को राहत
शहर के जो इलाके सीवरेज सिस्टम से जुड़ गए हैं वह राहत महसूस कर रहे हैं। दरअसल गड््ढा छोटा हो या बड़ा, घर का सीवेज सीवर सिस्टम से जुडऩे के बाद उन्हें गड््ढे को खाली कराने की जरूरत नहीं है। घरों का सीवरेज सीधे सीवर नेटवर्क से जुड़कर एसटीपी तक पहुंच रहा है। शहर के करीब एक चौथाई से अधिक हिस्से में सीवर लाइन बिछ चुकी है। कई इलाकों में सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है जबकि कई जगहों पर प्रस्तावित है।
एडीबी भी रायपुर, टीएचडीसी यमुना कालोनी, बंजारावाला, दौड़वाला, इंद्रापुरी क्षेत्र में तकरीबन 146 किमी। सीवर लाइन बिछा रहा है। साथ ही दुल्हनी नदी पर 18 और इंद्रापुरी में 11 एमएलडी एसटीपी का निर्माण भी एडीबी द्वारा किया जा रहा है। रनिंग मेें 115 एमएलडी क्षमता के एसटीपी
मोथरोवाला - 40.00
कारगी - 68.00
इंद्रा नगर - 5.00
जाखन - 1.00
सालावाला - 0.71
विजय कालोनी - 0.42
कुल क्षमता -115.13
जल संस्थान कर रहा 604 किमी। लाइन का ऑपरेशन
साउथ डिवीजन - 333
नॉथ डिवीजन - 86
पित्थूवाला - 150
रायपुर - 35
कुल 604 किमी।
मोथरोवाला, कारगी, शिमला बाईपास, मेंहूवाला, बाजावाला, मोहब्बेवाला, सुभाष नगर, कौलागढ़, दौड़वाला, नेहरू ग्राम, मोहकमपुर, नत्थनपुर, रायपुर, हर्रावाला
शहर का काफी हिस्सा में सीवर नेटवर्क से जुड़ चुकी हंै। लोगों को इससे बड़ी राहत मिल रही है। जिन इलाकों में सीवर वर्क का काम कंपलीट हो रहा है, उन इलाकों को टेकओवर करने की कार्रवाई चल रही है। निलिमा गर्ग, मुख्य महाप्रबंधक, उत्तराखंड जल संस्थान