सरखेत में सर्च, सौंग में मिला कटा हाथ
देहरादून ब्यूरो। सरखेत गांव में सर्च अभियान लगातार जारी है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पुलिस की 11 टीम, एनडीआरएफ की 1 टीम और एसडीआरएफ की 4 टीमों के साथ ही 2 मेडिकल टीमें भी लगातार तैनात हैं। क्षेत्र में 7 जेसीबी, 1 रॉक बेकर्र, 1 डंपर और 2 पोकलेन मशीनें भी लगातार काम पर जुटी हुई हैं। पोकलेन मशीने मलबा हटाकर शवों को तलाशने के काम में लगाई गई हैं, जबकि जेसीबी मशीने सड़क बनाने में लगी हुई हैं।
बिजली-पानी आपूर्ति के प्रयास
आपदा के कारण रायपुर क्षेत्र में कई जगहों पर बिजली और पानी की आपूर्ति बंद है। कुछ जगहों पर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। बाकी जगहों पर लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। सहस्रधारा क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में भी पानी की आपूर्ति का असर पड़ा है। प्रभावित परिवारों के लोगों को फिलहाल कैंपों में रखा जा रहा है। उन्हें प्रशासन की ओर से राशन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
मुआवजा लेने से इंकार
जिन लोगों के घर आपदा में टूट गये हैं, उन्हें प्रशासन की ओर से मकान बनाने के लिए 1 लाख रुपया और राशन के लिए 35 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। सरखेत गांव के अनुसूचित जाति के 5 परिवारों ने ये मुआवजा लेने के इंकार कर दिया है। इन परिवारों के घर पूरी तरह से बह गये हैं। मौके पर घरों का नामोनिशान नहीं है। ये लोग मालदेवता के जूनियर हाई स्कूल में रह रहे हैं। इन परिवारों का कहना है कि उनके पास शरीर पर पहने कपड़ों के अलावा बाकी कुछ नहीं है। ऐसे में एक लाख रुपये से क्या करेंगे। ऐसे में उन्होंने यह रकम लेने से इंकार कर दिया है।
19-20 अगस्त की रात आई आपदा में अब तक 7 लोगों की मौत हो जाने की पुष्टि कर दी गई है। गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार के अनुसार 7 लोगों की आपदा में मौत हुई है और 11 लापता हैं। टिहरी में 5 लोगों की मौत हुई है, जबकि देहरादून और पौड़ी में एक-एक मौत हुई है। 11 लोग अब भी लापता हैं। राज्यभर में एनडीआरएफ के 39 और एसडीआरएफ की 64 जवानों के अलावा पुलिस और अन्य विभागों के कर्मचारी भी राहत कार्यों मं जुटे हुए हैं।