हरे-भरे पेड़ों पर चल रही आरियां, रोजाना तीन केस दर्ज
देहरादून (ब्यूरो) : उत्तराखंड राज्य में लंबे समय से जंगलों में हरे पेड़ों पर आरी चलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत वन विभाग से मिली जानकारी इसकी तस्दीक करती है। आरटीआई के मुताबिक वर्ष 2012 से वर्ष 2022 तक पेड़ों के अवैध कटान के 10981 मामले दर्ज किए गए। यानि लगभग हर साल औसतन 1100 मामले आ रहे हैं। इस हिसाब से हर महीने 92 और हर दिन तीन पेड़ काटे जाने के मामले दर्ज हो रहे हैं।
माफिया पर नहीं लगी लगाम
लगातार जंगलों में हो रहे पेड़ों के सफाए के लिए जो भी जिम्मेदार हो, लेकिन इसका एक दिन पूरे राज्य को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। कहावत है कि जंगल में मोर नाचा किसने देखा। वनों के अवैध कटान के सामने आ रहे प्रकरणों को देखते हुए वन विभाग पर यह कहावत एकदम सटीक बैठती है। आरक्षित और संरक्षित वन क्षेत्रों में घुसकर वन माफिया निरंतर अपनी कारगुजारियों को अंजाम दे रहा है, लेकिन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग पाती। यही नहीं वन विभाग ने अवैध कटान के मामले तो दर्ज किए, लेकिन इन पर कभी गंभीरता से कार्रवाई नहीं की, जिससे माफिया के हौंसले बुलंद हैं।
रुक नही रही पेड़ों पर आरी
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी पर गौर करें तो कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। राज्य के जंगलों में पेड़ कटान के मामले इसकी गवाही दे रहे हैं। यह बात अलग है कि 2016-17 से 2019-20 की अवधि के दौरान मामले कुछ कम अवश्य हुए हैं, लेकिन यह भी सच है कि अवैध कटान का क्रम थम नहीं पाया है। वर्ष 2020-21 के बाद भी पेड़ कटान के मामले आए और इनमें कई चर्चित भी रहे। बावजूद इसके वन मुख्यालय ने वर्ष 2021 के बाद अब तक आए मामलों की जानकारी देने में गुरेज किया है। पिछले 10 साल में करीब 11 हजार मामले दर्ज किए गए हैं।
सबसे ज्यादा कार्बेट में चल आरियां
इस वर्ष टौंस और चकराता वन प्रभागों में बड़े पैमाने पर देवदार के पेड़ों के अवैध कटान के प्रकरण सामने आए हैं। इनमें एक डीएफओ समेत वन विभाग, वन विकास निगम के कार्मिकों पर कार्रवाई भी हुई है। इन प्रकरणों की अब एसआइटी जांच कर रही है। इससे पहले वर्ष 2021 में कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में पाखरो टाइगर सफारी के लिए बड़े पैमाने पर हुए पेड़ कटान का प्रकरण सबसे अधिक चर्चाओं में रहा। हाईकोर्ट के आदेश पर कार्बेट के पेड़ कटान मामले की जांच सीबीआइ कर रही है।
वर्ष संख्या
2012 1282 2013 1390 2014 1726 2015 1196 2016 1066 2017 1021 2018 992 2019 741 2020 700 2021 648 खुफिया तंत्र कमजोर
वन विभाग के हेड ऑफ फारेस्ट फोर्स अनूप मलिक का कहना है कि अवैध कटान के मामलों में अब कमी आई है। जहां भी कोई प्रकरण सामने आ रहा है, उसमें कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही सभी प्रभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वन क्षेत्रों में निगरानी तंत्र को सशक्त करने के साथ खुफिया तंत्र को भी मजबूत बनाया जाएगा।
पेड़ों के अवैध कटान का मामले सामने आने पर संबंधित डीएफओ की जवाबदेही तय कर दी गई है। यदि कहीं माफिया के साथ वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
-सुबोध उनियाल, वन मंत्री