रायुपर-थानो के सभी पुलों का होगा सेफ्टी ऑडिट
- बार-बार एप्रोच रोड धंसने से पुलों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल
- रायपुर- थानो रोड पर नए बने हैैं ये पुल, परखी जाएगी सुरक्षा
इन पुलों की होगा सेफ्टी ऑडिट
शासन ने रायपुर-थानो मार्ग पर सौंणा सरोली के साथ ही भोगपुर, बड़ासी और सिलवालगढ़ पुल की सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। सौंणा सरोली पुल काफी पुराना है, लेकिन भोगपुर, बड़ासी और सिलवालगढ़ पुल को बने हुए अभी चार साल भी नहीं हुए हैं। चार सालों में चार बार पुलों की एप्रोच रोड धंसने से पुलों की सेफ्टी सवालों के घेरे में आ गई है, जिसके बाद शासन ने पुलों की सेफ्टी ऑडिट कराने का निर्णय लिया है।
भोपालपानी पुल का निर्माण चार साल पहले यानि 2018 में किया गया था। निर्माण के समय ही इसकी एप्रोच रोड पर धंसाव आ गया था। तब शासन ने चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया था। हालांकि, कुछ समय बाद ही सभी को बहाल भी कर दिया गया। इसके बाद जून 2021 में पुल की एप्रोच रोड (वर्तमान दरार के दूसरे छोर पर) धंसाव आ गया था। अब इसी पुल के दूसरी तरफ की एप्रोच रोड पर खामी उभर आई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुल के निर्माण में किस तरह हीलाहवाली बरती गई।
जल्दबाजी में खोले गए थे पुल
इस खामी के पीछे यह बात भी सामने आई थी कि उस समय सरकार ने पुल का निर्माण जल्द से जल्द कराने का दबाव अभियंताओं पर बनाया था। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इन पुलों का शुभारंभ किया था। जल्दबाजी में पुलों को यातायात के लिए खोलने का हश्र सामने है। हालांकि इस मामले में पीडब्लयूडी के एनएच डिवीजन देहरादून के तत्कालीन अधिशासी अभियंता को इस मामले में बेवजह निलंबित किए जाने का अभियंताओं ने विरोध भी किया था, कहा कि जिनके कार्यकाल में पुल बने ही नहीं वह इसके लिए कैसे जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं।
पुल का नाम लंबाई चौड़ाई
भोगपुर 210 मीटर 7.50 मीटर
बड़ासी 75 मीटर 7.50 मीटर
सिलवालगढ़ 90 मीटर 7.50 मीटर भोपालपानी पुल की एप्रोच रोड धंसने के कारणों की जांच की जा रही है। इससे पुल को कोई खतरा नहीं है। मामले में दोषी अभियंताओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अयाज अहमद, प्रमुख अभियंता, पीडब्ल्यूडी
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