दिव्यांग आवेदक भी अब सामान्य जन की तरह आरटीओ में पहुंचकर आसानी से अपना काम करा सकेंगे। यदि वह पहली मंजिल पर आरटीओ से मिलना चाहेंगे तो आसानी से पहुंच सकेंगे। अब तक यहां लिफ्ट और रैंप न होने से अधिकांश दिव्यांगजन बाहर रहकर ही काम कराते थे। अगर कोई अंदर पहुंच भी जाता था तो आरटीओ प्रशासन से मुलाकात के लिए पहली मंजिल पर पहुंचने के लिए परेशानी झेलनी पड़ती थी लेकिन अब केंद्र सरकार के आदेश पर आरटीओ में दिव्यांगजनों के लिए लिफ्ट व रैंप बनाने की तैयारी चल रही।

देहरादून, ब्यूरो:
केंद्र सरकार दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए कई योजनाएं चला रही है। दिव्यांगजनों के लिए सरकारी कार्यालय में आवागमन को सुगम बनाने के लिए रैंप, व्हीलचेयर व लिफ्ट लगाने के भी कई बार आदेश हो चुके हैं, मगर आरटीओ में आदेश पर कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके चलते दिव्यांगजन को परेशानी होती थी। रैंप व लिफ्ट नहीं होने से कई बार वह आरटीओ प्रशासन के कक्ष तक नहीं पहुंच पाते थे। दरअसल, आरटीओ प्रशासन का कक्ष पहली मंजिल पर है। यही नहीं अगर किसी को परमिट से संबंधित काम हो तब भी वह दिव्यांगजन परमिट सेक्शन पहुंचने में नाकाम रहता था। क्योंकि, इसका कार्य भी पहली मंजिल पर होता है।

परेशान होते हैं दिव्यांग
आरटीओ में विभिन्न कक्षों में पहुंचने में भी उन्हें परेशानी होती थी। बताया गया कि केंद्र सरकार यहां रैंप एवं लिफ्ट लगाने के आदेश वर्ष 2019 में दे चुकी है, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। इसके निर्माण का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को दिया गया था। पिछले दिनों जब दोबारा केंद्र सरकार का फरमान आया तो सरकार सक्रिय हुई। शासन ने जून में इस संबंध में परिवहन आयुक्त से जवाब-तलब किया।

आयुक्त ने दिए आदेश
परिवहन आयुक्त के आदेश पर आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को जल्दी प्रस्ताव को अंतिम रूप देने को कहा। शुक्रवार को इस संबंध में आरटीओ कार्यालय में बैठक हुई। जिसमें रैंप व लिफ्ट के लिए पीडब्ल्यूडी ने 37.33 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाया। आरटीओ की ओर से इसे परिवहन आयुक्त कार्यालय भेज दिया गया है। आरटीओ ने बताया कि मुख्यालय से स्वीकृति के बाद रैंप व लिफ्ट के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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Posted By: Inextlive