पेपरलीक में रोज गिरफ्तारी
देहरादून ब्यूरो। एसटीएफ के अनुसार सरकारी प्राइमरी स्कूल लोहाघाट में नियु़क्त टीचर बलवंत सिंह रौतेला को गिरफ्तार किया गया है। बलवंत सिंह का नाम पहले भी पेपर लीक मामले में सुर्खियों में आया था। उसके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था, लेकिन सबूत न मिलने के कारण वह छूट गया था। दिसम्बर में हुई वीडीपीओ की परीक्षा में बलवंत सिंह ने यूपी के नकल माफिया शशिकांत के माध्यम से पेपर हासिल किया था और एक रिजॉर्ट में 40 कैंडीडेट्स को जमा करके उन्हें पेपर और क्वैश्चन के आंसर बताये थे। शशिकांत को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उसने 55-60 स्टूडेंट्स को पेपर लीक किया था।
रोज गिरफ्तारियां
पिछले कुछ दिनों से एसटीएफ हर रोज किसी न किसी को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर रही है। मंडे को सीतापुर यूपी निवासी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के विपिन बिहारी को, संडे को चंदौली यूपी के शशिकांत को, संडे को लखनऊ की आरआईएमएस कंपनी के मालिक राजेश चौहान के साथ ही एसटीएफ ने सचिवालय गार्ड भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बराबंकी यूपी निवासी प्रदीप पाल को दबोच लिया था।
यूपी से चल रहा रैकेट
अब तक हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का पूरा तंत्र यूपी से चल रहा है। प्रेस या आयोग के ऑफिस से पेपर लीक करवाने वाले सभी लोग यूपी के हैं। यूपी के धामपुर के आसपास के लोग इस मामले में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। समझा जाता है कि धामपुर ही पेपर लीक मामले का केंद्र रहा है। यहां खास बात यह है कि पेपर लीक मामले में उत्तराखंड का अब तक सबसे महत्वपूर्ण चेहरा हाकम सिंह का संबंध भी धामपुर से बताया जाता है। चर्चा है कि जिस डीएम के साथ हाकम रहता था, वह धामपुर का है और डीएम के भाई से हाकम के अब भी अच्छे संबंध हैं।