रजिस्ट्रेशन कराएं और शुरू कर दें रेंटेड बाइक सेंटर
देहरादून, 15 फरवरी (ब्यूरो)। दून में पिछले कुछ समय से रेंटेड बाइक का ट्रेंड बढ़ते जा रहा है। क्या बाहर से आने वाले टूरिस्ट या फिर क्या लोकल। जरूरत पडऩे पर बाइक और स्कूटी किराए पर खूब ले जा रहे हैं। लेकिन, ये रेंटेड बाइक संचालक किराए पर बाइक और स्कूटी लेने वालों से कितना चार्ज वसूल करते हैं, कोई नहीं जानता। इस बावत संबंधित विभाग के न तो इन पर कोई नियम लागू हैं और नहीं फिलहाल ऐसी कोई योजना है। जाहिर है कि अपनी मनमर्जी से रेंटेड बाइक संचालक किराए पर वाहन मुहैया करा रहे हैं और किराए पर बाइक लेने वाले भी मजबूरी में किराए का भुगतान कर रहे हैं।
केस --1
दर्शनी गेट
रिपोर्टर - बाइक रेंट पर मिलेगी।
संचालक - बिलकुल
रिपोर्टर - क्या रूल्स हैं आपके।
संचालक - 1000 रुपये सिक्योरिटी मनी और एक दिन का 800 रुपये किराया।
रिपोर्टर - आपको और तो कुछ नहीं जमा करना होगा।
संचालक - आधार कार्ड और डीएल।
रिपोर्टर -डीएल आप रखोगे तो गाड़ी कैसे चलाएंगे।
संचालक -आधार कार्ड जमा हो जाएगा। लाइसेंस की कॉपी और सिक्योरिटी मनी जरूरी है।
रिपोर्टर -और कुछ।
संचालक -रेंट पर ले जाने से पहले रूल बुक पढ़ लें।
रिपोर्टर - ठीक है मेरे फ्रेंड्स आएंगे अभी।
प्रिंस चौक
रिपोर्टर- मेरे फ्रेंड को बाइक रेंट पर चाहिए।
संचालक- मिल जाएगी।
रिपोर्टर- क्या नियम हैं।
संचालक- 2 दिन का एडवांस किराया।
रिपोर्टर- और कुछ।
संचालक- आधार कार्ड।
रिपोर्टर- इसके अलावा।
संचालक- आधार कार्ड के साथ 2 दिन का एडवांस।
रिपोर्टर- कैसे मिलेगी।
संचालक- जब चाहिए, एक दिन पहले फोन करना होगा। यहां गली में आने की जरूरत नहीं। हमारी टीम पहुंच जाएगी।
रिपोर्टर - नंबर दे दीजिए। केस-3
जीएमएस रोड
रिपोर्टर- भैया टू-व्हीलर रेंट पर चाहिए।
संचालक- मिल जाएगा।
रिपोर्टर- क्या नियम हैं।
संचालक- 500 रुपये सिक्योरिटी मनी, दो दिन का एडवांस रेंट।
रिपोर्टर -और कुछ जमा करना होगा।
संचालक -आधार कार्ड और फोटो।
रिपोर्टर -इसके अलावा।
संचालक- कोई भी डैमेज पर एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा।
रिपोर्टर -ठीक है, बताते हैं आपको।
केवल रजिस्ट्रेशन व पार्किंग चाहिए
दून में रेंटेड बाइक के प्रचलन की बात की जाए तो अब तो अधिकतर इलाकों में इनकी दुकानें सजी हुई नजर आती हैं। कुछ वाहन रखकर ये संचालक किराए पर वाहनों को देकर अपना कारोबार संचालित कर रहे हैं। नियम के तौर पर इन संचालकों को आरटीओ में रेंटेड बाइक सेंटर के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है। जबकि, बाकी किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। मतलब साफ है कि रेंटेड बाइक सेंटर का रजिस्ट्रेशन कराओ और काम शुरू करो।
इन रेंटेड बाइक सेंटरों पर विभाग के कोई नियम लागू न होने के कारण इनके खुद के अपने नियम हैं। उनके अपने हिसाब से ये रोजाना या फिर घंटे के हिसाब से किराया चार्ज करते हैं। वेडनसडे को जब दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम ने दून सिटी के तमाम इलाकों में मौजूद रेंटेड बाइक की असलियत परखी। कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। सेंटरों के लिए आरटीओ के नियम
-बाइक सेंटर चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी।
-रजिस्ट्रेशन को कम से कम 5 से 6 बाइक जरूरी।
-सेंटर चलाने के लिए पर्याप्त पार्किंग स्पेस भी अनिवार्य।
-वाहनों का कॉमर्शियल नंबर प्लेट जरूरी हो।
क्या है रेंटेड बाइक
टू-व्हीलर को कुछ घंटों या फिर पूरे दिन के लिए कोई भी व्यक्ति किराए पर ले सकता है। जिसका वह यूज रेंटेड बाइक के तौर पर करता है। इन सेंटरों के मुताबिक उनकी अपनी शर्तें हैं। जिसके तहत बाइक को रेंट पर देने से पहले सिक्योरिटी मनी, आधार कार्ड, फोटो जैसी आईडी देनी होती है।
जब हमने दून में संचालित होने वाले सेंटरों की इंटरनेट पर पड़ताल की तो पता चला कि शहर में करीब चार दर्जन से ज्यादा रेंटेड बाइक सेंटर संचालित हो रहे हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि दून में रेंटेड बाइक की लगातार डिमांड बढ़ रही है। इसकी वजह पर्यटकों की शहर में बढ़ती आमद भी मानी जा रही है। जिससे वे सिटी के तमाम टूरिस्ट डेस्टीनेशन पर घूमने के लिए निकलते हैं। दून में अब रेंटेड बाइक का चलन बढ़ गया है। फिलहाल, आरटीओ की ओर से रेंटेड बाइक के लिए कोई नियम नहीं हैं। हां, रजिस्ट्रेशन जरूरी है। बाकी वे अपने अनुसार किराया चार्ज कर सकते हैं। इसके बाद मनमाने किराया वसूलने की शिकायत आती है तो जांच की जाएगी।
शैलेश तिवारी, आरटीओ एनफोर्समेंट, दून