इसको भीषण गर्मी का असर कहें या फिर नेचर के करीब पर्यटकों का आकर्षण। खैर जो भी हो लेकिन दून में आसपास जितने भी पिकनिक स्पॉट्स हैं वे आजकल पूरी तरह पैक हैं। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लच्छीवाला पिकनिक स्पॉट्स में तो टूरिस्ट की आवाजाही से ऑल टाइम रिकॉर्ड ही टूट गया है। यहां संडे को छह हजार से ज्यादा टूरिस्ट पहुंचे। जिनकी पार्क से निकासी रात 10 बजे तक जारी रही। जिसके लिए नेचर पार्क के कर्मचारियों के पसीने छूट गए। हाल ऐसा ही मालसी जू सहस्रधारा रॉबर्स केव एफआरआई और झाझरा स्थित फॉरेस्ट सिटी पार्क का भी बताया गया है।

देहरादून (ब्यूरो)। भीषण गर्मी के बीच यात्रियों के साथ ही पर्यटकों की आमद में भी इस बार जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। दून के शायद ही ऐसे कोई पिकनिक स्पॉट्स हों, जहां सुबह से लेकर शाम तक पर्यटकों की तांता न लगा हो। वीकेंड पर भी इन पिकनिक स्पॉट्स पर पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। पर्यटक स्थलों के संचालकों के अनुसार जिन टूरिस्ट स्पॉट्स पर पानी की मौजूदगी है, वहां सबसे ज्यादा पर्यटक फन के लिए पहुंच रहे हैं। उन्हीं में से एक है लच्छीवाला पिकनिक स्पॉट्स। वन विभाग के पिकनिक स्पॉट्स में संडे को छह हजार से ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए पहुंचे। जहां एक ही दिन में साढ़े चार लाख से अधिक की कमाई विभाग ने की। बताया गया कि यहां घूमने के लिए पहुंचने वालों की लाइनें सुबह सवा सात बजे से ही लग जा रही है। जिनकी निकासी रात 10 बजे तक हो पा रही है। 6 हजार लोगों को मैनेज करने में विभागीय 17 कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं।

सहस्रधारा, जू व रॉबर्स केव भी पैक
बताया गया है कि संडे को जू, सहस्रधारा, रॉबर्स केव व एफआरआई भी पैक रहे। एफआरआई सिक्योरिटी अफसर के अनुसार संडे को एफआरआई पहुंचने वाले विजिटर्स की संख्या करीब एक हजार तक रही। ऐसे ही सहस्रधारा व रॉबर्स में नहाने वाले पर्यटक सुबह से लेकर शाम तक डटे रहे। जिन्होंने गर्मी से निजात पाने के लिए पानी की खूब अटखेलियां खेलीं। जू में भी पर्यटकों का आंकड़ा हजारों तक पहुंचा।

जू व राष्ट्रीय उद्यानों में 12 वर्ष तक के बच्चों की फ्री एंट्री
सभी चिड़ियाघरों के साथ ही टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, नेचर पार्क और कंजर्वेशन रिजर्व में अब 12 साल तक के बच्चों को मुफ्त प्रवेश मिलेगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में शासन के निर्देश पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा पराग मधुकर धकाते ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सीएम ने गत वर्ष एक अक्टूबर को यह घोषणा की थी। इस क्रम में शासन ने अपर प्रमुख वन संरक्षक नियोजन एवं वित्तीय प्रबंधन के अलावा वित्त विभाग से भी विमर्श किया।
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Posted By: Inextlive