रिकॉर्ड प्रोडक्शन, रिकॉर्ड वसूली फिर भी महंगी क्यों बिजली महंगी
- यूपीसीएल ने की रिकार्ड राजस्व वसूली, पिछले साल के मुकाबले 1230 करोड़ अधिक रिकवरी
- उपभोक्ता बोले, रिकार्ड कायम करना ठीक है, सुविधाएं भी बढ़ाओ साहब
देहरादून (ब्यूरो): ऊर्जा निगम ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में पिछले साल के मुकाबले 1230 करोड़ रुपये अधिक रेवेन्यू की वसूली की है वहीं यूजेवीएनएल भी कई परियोजनाओं से रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन करने का दावा कर रहा है। जागरूक कंज्यूमर्स का कहना है कि जब राज्य में बिजली का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है और बिजली की राजस्व वसूली भी रिकॉर्ड स्तर पर है, तो कंज्यूमर्स को रियायती बिजली और टैक्स में छूट में कंजूसी क्यों की जा रही है। जबकि जिन राज्यों को उत्तराखंड बिजली दे रहा है वहां पर उपभोक्तओं को सब्सिडी दी जा रही है। आम कंज्यूमर्स ने सरकार से फिर अन्य राज्यों की भांतत रियायती बिजली के साथ ही विद्युत टैक्स में छूट देकर राहत देने की मांग दोहराई है।
8785 करोड़ का रिकार्ड रेवेन्यू रिकवरी
ऊर्जा निगम के डायरेक्टर ऑपरेशन एमएल प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2022-23 की समाप्ति पर राजस्व वसूली की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में ऊर्जा निगम ने 8785 करोड़ का रिकॉर्ड रेवन्यू रिकवरी की है, जो पिछले साल के मुकाबले 1100 करोड़ से अधिक है। उन्होंने बताया कि निगम ने टारगेट के सापेक्ष 98.48 प्रतिशत रेवेन्यू रिकवरी की है। उन्होंने बताया कि रेवेन्यू रिकवरी बढऩे से विद्युत उत्पादन कंपनियों के बलों का भुगतान समय से करने, एनर्जी एक्सचेंज से विद्युत क्रय, उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के साथ ही विद्युत दरों को सीमित रखने में मदद मिलेगी।
बदलते दौर में डिजिटल रेवेन्यू रिकवरी का बड़ा जरिया बन रहा है। डायरेक्टर ऑपरेशन ने बताया कि इस साल 76 प्रतिशत पेमेंट डिजिटल माध्यम से की गई है। उन्होंने कहा कि उपभोक्तओं को डिजिटल भुगतान के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल (एटी एंड सी) हानियों में भी सुधार करते हुए इसे 15.70 प्रतिशत तक लाया गया है। उन्होंने बताया कि रिकॉर्ड रेवेन्यू रिकवरी के लिए एमडी अनिल यादव की ओर से भी निगम के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए चालू वित्त वर्ष में भी कड़ी मेहनत कर टारगेट अचीव करने के लिए समुचित प्रयास करने को कहा है।
मार्च में दून के डिविजनों रेवेन्यू रिकवरी
डिविजन रिकवरी करोड़ में
सेंट्रल 27.74
नॉर्थ 32.42
साउथ 38.88
रायपुर 18.14
डोईवाला 10.77
ऋषिकेश 17.99
मोहनपुर 42.76
विकासनगर 27.90
-इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी
-ग्रीन एनर्जी सेस
-वाटर टैक्स
-सेस
-रॉयल्टी पावर कौन राज्य दे रहा कितनी सब्सिडी
राज्य प्रति यूनिट रुपये में
हिमाचल 0.60
मध्य प्रदेश 2.36
राजस्थान 1.19
पंजाब 1.94
जम्मूू कश्मीर 1.54
हरियाणा 1.33
गुजरात 0.88
उत्तर प्रदेश 0.85 बिजली पर लगाए टैक्स हटाएं
राज्य में जब बिजली का उत्पादन और उससे कमाई रिकार्ड स्तर पर हो रही है, तो उपभोक्ताओं को सुविधाएं देने में कंजूसी क्यों की जा रही है। सरकार को बिजली पर सभी टैक्स खत्म करके उपभोक्ताओं को राहत देनी चाहिए।
अनुराग कुकरेती, सोशल एक्टिविस्ट
आरएस रौतेला, रिटायर्ड इंजीनियर रिकार्ड बिजली उत्पादन और रेवन्यू कलेक्शन के बावजूद सरकार का बिजली पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह उपभोक्ताओं के साथ छलावा है। सरकार बिजली से पैसा कमा रही है, तो इसका लाभ आम पब्लिक को भी मिलना चाहिए।
बंकिम चंद्र भट्ट, टीचर राज्य का निर्माण इसलिए हुआ था, ताकि यहां पर सस्ती बिजली, पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं के साथ ही रोजगार मिल सके, लेकिन सरकार का ध्यान सिर्फ राजस्व वसूली पर है। लगातार महंगी बिजली की मार से आम उपभोक्ता का बजट गड़बड़ा रहा है।
सोबन सिंह पंवार, आम कज्यूमर
रेवन्यू रिकवरी बढऩे से विद्युत उत्पादन कंपनियों के बलों का भुगतान समय होगा, जिससे बड़ी रिबेट मिलेगी। एनर्जी एक्सचेंज से विद्युत क्रय और उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाएगी। साथ ही विद्युत दरों को सीमित रखने में भी मदद मिलेगी।
एमएल प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, यूपीसीएल