जितनी बिजली चाहिए, उतने का ही करें रिचॉर्ज
देहरादून (ब्यूरो) : आने वाले समय में दून समेत प्रदेश के डोमेस्टिक और कॉमर्शियल कंज्यूमर्स अपने मोबाइल से ही एप के जरिए बिजली रिचॉर्ज कर सकेंगे। मेट्रो सिटीज की तर्ज पर दून के बिजली कंज्यूमर्स को भी कई हाईटेक सुविधाएं मिलेंगी। आरडीएसएस स्कीम के तहत ये सारी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए यूपीसीएल ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर दी है। फस्र्ट फेज में 16 लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे।
बताया गया है कि जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं होगी, वह बाजार से मोबाइल की तरह रिचॉर्ज कूपन खरीद कर घर की बिजली को रिचॉर्ज करवा सकते हैं। लेकिन, रिचॉर्ज खत्म होते ही सेवा ठप हो जाएगी। दोबारा रिचॉर्ज करने पर फिर बिजली ऑटोमैटिक चालू हो जाएगी। प्रदेश में जल्द केंद्र की रिबेंट डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) लागू होने जा रही है।
मोबाइल की तरह रिचार्ज होगी बिजली
स्मार्ट मीटर लगने से कंज्यूमर्स प्रीपेड मोबाइल की तर्ज पर अपने घर की बिजली रिचॉर्ज कर सकेंगे। जितनी बिजली कंज्यूम करेंगे, उतना ही बिल आएगा। बिजली बिल जमा करने के लिए यूपीसीएल दफ्तर के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे। घर बैठे ही अपने मोबाइल से घर की बिजली कंट्रोल कर सकेंगे। दावा है कि इस सुविधा के बाद लोगों की कई तरह की समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
उपभोक्ता रोजाना बिजली की कितनी खपत कर रहा है, कितने पैसे की बिजली शेष रह गई है। यह सब स्मार्ट मीटर के साथ लगे सब डिस्प्ले पर दिख जाएगा। बिजली रिचॉर्ज 24 घंटे में कभी भी किया जा सकता है। अब तक ये सारा काम मैन्युअली होता था, लेकिन आरडीएसएस स्कीम लागू होने के बाद पावर सेक्टर पूरी तरह ऑन लाइन मोड में संचालित होगा। मीटर फास्ट चलने की शिकायतें नहीं होंगी
सबसे ज्यादा लोग बिजली के बिल में कभी-कभी बेतहाशा बढ़ोत्तरी की शिकायत करते हैं। लेकिन, भविष्य में लोगों की यह शिकायतें नहीं मिलेंगी। वहीं, ऊर्जा निगम का मानना है कि रिचॉर्जिंग सिस्टम लागू होने के बाद कैश फ्लो न के बराबर रह जाएगा। इससे बिलिंग सेंटरों पर होने वाले कैश के गबन का झंझट जहां खत्म होगा वहीं बिजली चोरी पर भी लगाम लगेगी। लॉइन लाइस की गुंजाइश भी नहीं रहेगी। सब स्टेशन से लेकर ट्रांसफार्मर तक स्मार्ट मीटर लगेंगे, जो सप्लाई की जा रही एक-एक यूनिट का हिसाब रखेंगे। बिलिंग में लगने वाले लाखों रुपये के कागज की भी बचत होगी।
बिलिंग सेंटर की जरूरत नहीं होगी
निगम अधिकारियों की मानें तो आरडीएसएस स्कीम लागू होने के बाद ऊर्जा निगम में संचालित बिलिंग सेंटर बंद हो जाएंगे। ऑनलाइन रिचार्जिंग के बाद बिलिंग सेंटरों की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में कार्मिक आधे से कम हो जाएंगे। रिचार्जिंग का पूरा लेखा-जोखा डाटा सेंटर में स्टोर होगा।
- प्रीपेड स्मार्ट मीटर रियल टाइम डाटा दिखाएगा
- बिजली की गड़बड़ी समस्या से मिल जाएगा छुटकारा
- जितना रिचॉर्ज होगा, उतनी बिजली इस्तेमाल कर पाएंगे
- बिजली बिल जमा करने के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
- मीटर का कोई खर्च कंज्यूमर्स को अपनी जेब से नहीं देना पड़ेगा।
- 25 सर्विस सेंटरों पर दी जाएगी बिजली रिचॉर्ज करने की सुविधा
-सभी मीटर रीडर और बिलिंग सेंटर हो जाएंगी खत्म।
-सुविधाएं ऑनलाइन होने के बाद निगम का भी बढ़ेगा राजस्व
आरडीएसएस स्कीम के तहत पूरा पावर सिस्टम ऑनलाइन होने जा रहा है। रिचॉर्जिंग कूपन और एप के जरिए बिजली 24 घंटे उपलब्ध होगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। नए साल से स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
-एमएल प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, ऊर्जा निगम
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