दून निवासी रजनी शर्मा वह नाम है जिन्होंने हर मुश्किलों में अपने रास्ते खुद-ब-खुद तैयार किए. किसी भी चुनौतीपूर्ण घड़ी में उनके कदम नहीं डगमगाए.


देहरादून, (ब्यूरो): दून निवासी रजनी शर्मा वह नाम है, जिन्होंने हर मुश्किलों में अपने रास्ते खुद-ब-खुद तैयार किए। किसी भी चुनौतीपूर्ण घड़ी में उनके कदम नहीं डगमगाए। कई बार उन्हें विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें फैक्ट्री में काम करने तक के लिए मजबूर कर दिया। जब विदेश तक पहुंची तो उन्हें लैंग्वेज का सामना करना पड़ा। लेकिन, कहते हैं ना, कर्म करते रहिए, सफलताएं खुद कदम चूमती हैं। रजनी ने अपनी लगन व मेहनत जारी रखी। यहां तक लंदन में रहते हुए उन्होंने अपनी आजीविका के लिए दिन-रात काम किया। बाद में जब वतन वापसी हुई, संघर्षों के बीच उन्होंने एजुकेशन पूरी की और अब एक्टिंग में पहचान बनाई है।जिम्मेदारी ने बनाया स्ट्रॉन्ग
बात हो रही रजनी शर्मा की। जिनका जन्म हरिद्वार में हुआ। दरअसल, उनके पिता पेशे से बिजनेसमैन थे और मां हाउस वाइफ। रजनी शर्मा जब छोटी थी, तब उनके पिता बीमार हो गए। पिता की बीमारी का असर उनके व्यवसाय पर पड़ा। घर की स्थिति बिगड़ी तो रजनी ने अपने पिता का बिजनेस संभाला। लेकिन, पिता का बिजनेस संभालने की वजह से रजनी की पढ़ाई में व्यवधान आ गया। इस बीच शादी हुई और उसके बाद उन्हें दून आना पड़ा। लेकिन, रजनी के मन में पढ़ाई की ऐसी ललक थी, उन्हें 1993 मेंं दोबारा पढ़ाई शुरू करनी पड़ी। इस दौरान उन्हें पति के साथ मुबंई जाना पड़ा। जहां उन्होंने चकाचौंध भरी जिंदगी यानि सिनेमा जगत को करीब से देखा।लंदन में किया चुनौतियों का सामनासब कुछ ठीक चल रहा था, उनके पति को बिजनेस के लिए लंदन जाना पड़ा। बाद में रजनी शर्मा ने भी लंदन का रुख किया। परिवार की हालत को देखते हुए उन्होंने सोडा फैक्ट्री तक में काम किया। काम नहीं चला तो फूड फैक्ट्री ज्वाइन की। संतुष्टि नहीं मिली तो उन्होंने लंदन में प्रिंटिंग प्रेस में काम किया। पति का बिजनेस जब लंदन में नहीं चला तो वे वापस भारत लौट आए। इसी दौरान 2006 में उनके पति से अनबन हो गई और दोनों अलग हो गए। कुछ समय बाद उनका बेटा भी उनसे अलग हो गया। फिर रजनी शर्मा अकेली पड़ गई। लेकिन, वह हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपने घर में ही डांस क्लासेस शुरू कर दीं और बच्चों को डांस की ट्रेनिंग देने लगी।कुमाऊंनी, गढ़वाली फिल्मों में अभिनय


इसी दौरान रजनी को गढ़वाली व कुमाऊंनी फिल्मों के भी ऑफर मिलने लगे। रजनी ने नंदा की कथा रुमैलो में काम किया। फिल्म से उन्हें मुंबई जाने का मौका मिला। उसके बाद उन्हें कई शॉर्ट फिल्मों में भी किरदार मिलने लगे। इसी दौरान थियेटर करते हुए रजनी ने पढ़ाई भी जारी रखी। पढ़ाई पूरी करने के बाद अब वे थिएटर की ट्रेनिंग भी ले रही हैं। रजनी इस बीच कई आंदोलन से भी जुड़ी रही।

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Posted By: Inextlive