लगातार हो रही बारिश के कारण मैदानों से लेकर पहाड़ों तक आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। कई स्थानों पर लैंड स्लाइडिंग से सड़कें बाधित हो गई हैं तो कई इलाकों में पुलिया बह जाने के कारण संपर्क मार्ग गांवों से कट गए हैं। इधर बदरीनाथ हाईवे भूस्खलन से कई जगह बंद रहा। हालांकि हाईवे को दोपहर बाद सुचारु कर दिया गया है। ट्यूजडे रात को चमोली जिले में भारी वर्षा हुई। जिस कारण कई इलाकों में यात्री फंसे रहे।

देहरादून, ब्यूरो :
दस घंटे बाद सुचारु हुआ राजमार्ग
कर्णप्रयाग, ट्यूजडे रात वर्षा से कर्णप्रयाग-बदरीनाथ राजमार्ग पर जगह-जगह मलबा आने से कई स्थानों पर बाधित रहा। बमुश्किल दोपहर बारह बजे बाद मार्ग खुल पाया। वहीं, गांधीनगर में राजमार्ग का आधा हिस्सा भूस्खलन की जद में आने से एनएच को मार्ग सुचारु करने में पसीना बहाना पड़ा।


इन इलाकों हाईवे रहा प्रभावित
-बदरीनाथ हाईवे पुरसाड़ी
-पागलनाला
-टंगड़ी
-गोङ्क्षवदघाट
-बलदौड़ा
-लामबगड़
-लंगासू

बदरीनाथ हाईवे सुचारु
-कर्णप्रयाग ग्वालदम हाईवे बंद
-फूलों की घाटी मार्ग सुचारु
-सुबह तक कुल ग्रामीण मोटर मार्ग - 51
-दिनभर में खुले ग्रामीण मोटर मार्ग- 16
-वर्तमान में बंद ग्रामीण मोटर मार्ग - 35


यमुना और टौंस नदी ने पार किया चेतावनी तल
उत्तरकाशी जनपद में पिछले एक सप्ताह से रुक-रुक कर वर्षा हो रही है। जिस कारण जिले में भागीरथी, यमुना और टौंस नदी अपने उफान पर है। यमुना और टौंस नदी चेतावनी तक का पार कर गई है। यमुनोत्री पैदल मार्ग भी वेडनसडे को छह घंटे तक बाधित रहा। यह मार्ग एक स्थान पर भारी पेड़ गिरने और दूसरे स्थान पर मलबा आने के कारण बाधित रहा। इसके अलावा यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग तीन घंटे तक अवरुद्ध रहा।


वाटर लेवल बढऩे से गांवों में अलर्ट
लक्सर: पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर बढऩे लगा है। जिससे तटीय इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों की धड़कन तेज हो गयी है। प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने गंगा क्षेत्र का निरीक्षण किया और बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को 24 घंटे चौकियों पर रहने की हिदायत दी। गंगा क्षेत्र के तटीय इलाकों का निरीक्षण किया तथा क्षेत्र के गोवर्धनपुर, माडाबेला, बालावाली, भिक्कमपुर मे बनाई गई बाढ़ राहत चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को 24 घंटे ड्यूटी पर रहने तथा नदियों के जलस्तर पर निगाह रखने को कहा गया है।

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मानसून में वन विभाग का भी कंट्रोल रूम एक्टिव
मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए वन विभाग ने भी कमर कस ली है। प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने के साथ ही वायरलैस के जरिए सूचनाएं आदान-प्रदान की जा रही हैं। दरअसल, फायर सीजन के दौरान वन विभाग ने वायरलैस सैट को एक्टिवेट किया था। इसी तर्ज पर अब मानसून सीजन में भी वायरलैस नेटवर्क सुचारू रखने के लिए कहा गया है। हेडक्वार्टर में मौजूद मास्टर कंट्रोल रूम को भी बारिश के दौरान चौबीसों घंटे संचालित किया जा रहा है।

विभाग के पास ये सुविधाएं
-43 रिपीटर सैट
-443 वेस सैट
-1562 वॉकी-टॉकी
-168 मोबाइल सैट

Posted By: Inextlive