Dehradun News: शुरू हुआ बारिश का कहर, नगर निगम बेखबर
देहरादून (ब्यूरो): अब इसको क्या कहा जाए, नगर निगम की ओर से मानसून को लेकर की गई पूरी तैयारियां, या फिर नजरअंदाजी। खैर, जो भी हो। लेकिन, इतना तो तय है कि नगर निगम क्षेत्र में कई ऐसे इलाके हैं, जहां जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। जिस कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। खास बात तो ये है कि ये वो इलाके हैं, जहां हर वर्ष दिक्कतें आती हैं। लेकिन, इसके बाद भी निगम ऐसे इलाकों को संवेदनशील चिन्हित करते हुए कोई कदम नहीं उठाता है।
सहमे हुए हैं इलाकेवासी
तस्वीरों में ये आप जो जलभराव की स्थिति देख रहे हैैं, वो कौलागढ़ वार्ड के प्रेमपुरमाफी की है। एक दिन पहले ही इलाके में एक मामूली बारिश हो गई। फिर क्या था, सब कुछ आपके सामने है। इस बारिश से हर तरफ वाटर लॉगिंग की स्थिति आ गई। मसलन, कुछ परिवारों के लोग अपने ही घरों में कैद हो गए। जबकि, अभी मानसून ने पूरी तरह दस्तक तक नहीं दी है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब मानसून उफान पर होगा, ऐसे इलाकों के हाल क्या होंगे। स्थानीय लोगों की मानें तो इस इलाके में हल्की बारिश से ये हाल हो गए। कारण, यहां पानी की निकासी की कोई जगह नहीं है। जिस वजह से पूरी गली मे पानी भर गया। पानी भरने के साथ ही गली में मलबा, कीचड़ तक जमा हो गया है। इस कारण इलाके के लोग मानसून को लेकर डरे व सहमे हुए हैं।
बताया गया है कि प्रेमपुरमाफी ऐसा इलाका है, जहां पिछले कई सालों से यही दिक्कत बनी हुई है। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है। जिनकी ड्रेस, शूज तक खराब हो जाते हैं और वे स्कूल तक नहीं जा पाते। कई बार स्कूल जाने वाले बच्चों को अपने शूज हाथ में उठाकर ले जाने पड़ते हैं। क्षेत्रवासियों का ये भी कहना है कि पिछले 5 सालों से वे नगर निगम प्रशासन से इस समस्या के समाधान के लिए गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, नगर निगम के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है। जबकि, निवर्तमान नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई।
इस समस्या के लिए लगातार लगाई गई गुहार
-5 सालों से नगर निगम प्रशासन के पास की गई शिकायत।
-जलभराव की समस्या निवर्तमान पार्षद के घर के पास ही होने का दावा।
-कई मंत्रियों तक इस समस्या को लेकर लगाई जा चुकी है गुहार।
-सीएम हेल्पलाइन तक इस समस्या की शिकायत की गई दर्ज।
-मजबूर होकर स्थानीय लोगों ने रेत के कट्टों का लिया है सहारा।
सबसे ज्यादा परेशानी हमें ही है। पार्षद का घर हमारे पड़ोस में ही है। 5 साल मे 50 बार पार्षद को जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए कहा गया। लेकिन, पार्षद लगातार अनसुनी करते रहे हैं।
पुष्कर चौहान, स्थानीय निवासी।
नगर निगम ने मानो पूरी तरह आखें मूंद ली है, ये समस्या कोई पहली बार नहीं हो रही है। पहले भी होती आई है। लेकिन, ऐसा लगता है कि नगर निगम प्रशासन यहां के लोगों के साथ भेदभाव कर रहा है। इस बार मानसून सीजन में जरूर दिक्कत होगी।
-विजय भट्टाराई, स्थानीय निवासी नगर निगम के नकारेपन के कारण कई बार तो पूरी रात जागना पड्ता है। गली का पूरा पानी हमारे घर मे घुस जाता है। बरसात के मौसम में अगर ज्यादा जरूरी हुआ तो ही घर के बाहर जाते हैं। घर के लिए जरूरी सामान लाने में भी खासी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
-बलबीर चौहान, स्थानीय निवासी।
कोई फायदा नहीं वोट देकर। जब किसी ने सुनना ही नहीं है। निवर्तमान पार्षद का घर बिल्कुल बगल में ही है। लेकिन, पार्षद ने हमेशा नजरें फेर कर ही रखीं। जबकि, चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े दावे करते हैं। बाकी सच्चाई सबके सामने है।
-केतन आनंद, स्थानीय निवासी।
लगता नहीं कि हम शहर में रह रहे हैं। इससे तो गांव में ही अच्छे थे। इस गली में जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए लगातार 5 साल से पार्षद, नगर निगम और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की जा रही है। लेकिन, हमारी पीड़ा कोई सुनने को तैयार नहीं है।
-पवन डबराल, स्थानीय निवासी। लंबे समय से इलाकेवासी अपनी इस पीड़ा को लेकर शिकायत दर्ज करते आ रहे हैैं। नगर निगम से लेकर सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज की जा चुकी है। लेकिन, ऐसा लगता है कि अब क्षेत्रवासियों को ही सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा।
-विनोद जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता. dehradun@inext.co.in