ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर सुरंगों की खोदाई और अन्य निर्माण कार्य वर्ष 2025 के दिसंबर माह तक पूरे हो जाएंगे। परियोजना की कार्य प्रगति उम्मीद के मुताबिक रही तो वर्ष 2026 में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल पहुंच जाएगी। रेल विकास निगम का दावा है कि अभी तक परियोजना की कार्य प्रगति अपने लक्ष्य के अनुसार आगे बढ़ रही है।

देहरादून (ब्यूरो) शुक्रवार को रेल विकास निगम के ऋषिकेश कार्यालय में मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत कुमार यादव ने बहुप्रतिक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की कार्य प्रगति मीडिया के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि भौगोलिक लिहाज से बड़ी चुनौतीपूर्ण इस रेल परियोजना का कार्य रेल विकास निगम अपने आदर्श वाक्य गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता के साथ पूरा कर रहा है। परियोजना के निर्माण में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानकों का शत प्रतिशत अनुपालन करते हुए सुरक्षित रेल सुरंगों तथा संबंधित सभी संरचनाओं का निर्माण कार्य संपादित किया जा रहा है।

153 किमी सुरंगों की खोदाई पूरी
सीपीएम अजीत कुमार यादव ने बताया कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 125 किमी लंबी ब्रॉड गेज रेल लाइन में 104 किमी भाग विभिन्न 17 सुरंगों के भीतर से होकर गुजरेगा। परियोजना की मुख्य सुरंगों के साथ आपात स्थिति के लिए निकास सुरंगों तथा इन दोनों सुरंगों को जोडऩे के लिए क्रॉस पैसेज और निकास सुरंगों को नेशनल हाईवे से जोडऩे के लिए एडिट सुरंगों का निर्माण भी किया जा रहा है। जिससे रेल परियोजना पर सभी तरह की सुरंगों की कुल सुरंगों लंबाई 213.4 किमी है। उन्होंने बताया कि अभी तक परियोजना की 213.4 किमी में से 153.6 किमी (73 प्रतिशत) सुरंगों की खोदाई का कार्य पूरा हो चुका है। इसके साथ ही निर्मित हो चुकी सुरंगों में 20 किमी तक अंतिम कंक्रीट स्तर का कार्य भी किया जा चुका है।

4 पुलों का निर्माण हुआ पूरा
परियोजना पर बनने वाले कुल 16 प्रमुख पुलों में से चार पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया गया है। श्रीनगर, गौचर तथा कालेश्वर (सिवाई) में रेलवे स्टेशन को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडऩे हेतु मोटर पुलों का निर्माण कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। उप महाप्रबंधक सिविल ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत आने वाले देवप्रयाग-पौड़ी मोटर मार्ग 14 किमी तथा कीर्तिनगर से जनासू तक 10 किमी मोटर मार्ग के डामरीकरण का कार्य भी रेल विकास निगम की ओर से कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में कोविड की दो घातक लहरों के अलावा विषम भौगोलिक परिस्थितियों तथा जगह-जगह बदलती भूगर्भीय संरचना के कारण परियोजना की प्रगति पर विपरीत असर पड़ा। बावजूद इसके निर्माण कार्य अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, जो निश्चित ही दिसंबर 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ब्राड गेज रेल लाइन के लिए भी टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। टेंडर प्रक्रिया के बाद शीघ्र ही रेल लाइन बिछाने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। जिसके बाद यह परियोजना रेल गाडिय़ों के संचालन के लिए तैयार हो जाएगी।

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Posted By: Inextlive