वो दिन दूर नहीं जब दून में पेयजल संकट से जूझ रहे हर इलाके में 24 घंटे शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। पेयजल निगम की ओर से दून में आईओटी सिस्टम के तहत पहली वाटर सप्लाई स्कीम का निर्माण किया जा रहा है जिसमेंबूंद-बूंद पानी का हिसाब रखा जाएगा। मेन वाटर टैंक के साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन लाइन और घरों तक पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक होगी। पेयजल निगम के सर्वर रूम में इसका पूरा डाटा रहेगा। टैंक से कितना पानी आया और कितना घरों में सप्लाई हुई। ये सब रिकॉर्ड रोजाना मेंटेन रहेगा।

देहरादून (ब्यूरो) उत्तराखंड पेयजल निगम की सेंट्रल स्टोर डिविजन की ओर से अमृत-2 के तहत दून में पहली फुली कंम्प्यूटराइज्ड वाटर स्कीम बनाई जा रही है। स्कीम छोटी है, लेकिन पूरी तरह से हाईटेक है। इंटरनेट ऑफ थिंक (आईओटी) सिस्टम से वाटर सप्लाई स्कीम तैयार की जा रही है। इसका एक सर्वर रूम बनाया जाएगा, जहां से ऑटोमेटिक तरीके से वाटर डिस्ट्रीब्यूशन का सारा सिस्टम ऑपरेट होगा। पूरी योजना सेंसर से लैस होगी।

गेटवे से रहेगी हर नजर
वाटर सिस्टम पर गेटवे से नजर रहेगी। गेटवे एक तरह का ऐंटीना है, जो इस वाटर प्रोजेक्ट के तहत टैंक से लेकर घरों में लगने वाले डिजिटल मीटरों की पानी की रीडिंग सर्वर तक भेजेगा। यहां से पानी पर पल-पल मॉनिटरिंग रहेगी।

रुकेगी पानी की बर्बादी
सर्वर रूम में लगी बड़ी स्क्रीन से हर मीटर की लोकेशन से लेकर पल-पल की अपडेट रहेगी। चोरी के लिए मीटर से छेड़खानी करने पर इसकी जानकारी सर्वर रूम में डिस्प्ले हो जाएगी। योजना का मुख्य उद्देश्य पानी की बर्बादी रोकना है। इसके अलावा नॉन रेवेन्यू वाटर (एनआरडब्ल्यू) को रोकना भी है। साथ ही लीकेज में फालतू बहने वाले पानी पर भी लगाम लगाना भी है।

लगेंगे एएमआर मीटर
योजना के तहत ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग (एएमआर) मीटर लगाए जाएंगे। यानि रीडिंग के लिए घर-घर नहीं जाना पड़ेगा। योजना की खासियत यह है कि घरों में लगाए जाने वाले पानी के मीटर सेंसरयुक्त होंगे, जो इंटरनेट से सीधे सर्वर रूम से जुड़ेंगे, जहां से ऑटोमेटिक तरीके से मीटर जनरेट होंगे। इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ करने पर सर्वर रूम में मैसेज कन्वे हो जाएगा। पहले फेज में शास्त्रीनगर और फ्रेंडस कॉलोनी में 1250 डिजिटल मीटर लगाए जाएंगे।

सोलर पैनल से ऑपरेट होंगे वाल
योजना के तहत पानी के फ्लो को एक दूसरे एरिया में कम ज्यादा करने के लिए लगाए जाने वाल भी सर्वर रूम से ऑपरेट होंगे। किस एरिया में फ्लो कम व ज्यादा करना है, इसके लिए संबंधित एरिया के वाल पर जाने की जरूरत नहीं है। सर्वर रूम में बैठा ऑपरेटर जरूरत के हिसाब से कम ज्यादा करेगा। वाल को इंटरनेट से ऑपरेट करने के लिए यहां पर एक सोलर पैनल लगाया जाएगा, ताकि वह 24 घंटे एक्टिव रहे।

लीकेज की समस्या होगी खत्म
इस पायलेट प्रोजेक्ट के लगने के बाद लीकेज की समस्या खत्म हो जाएगी। जैसे ही कहीं पर लीकेज होता है, तो इसकी लोकेशन की जानकारी तत्काल सर्वर रूम में मिल जाएगी, जिसे तत्काल ठीक कर लिया जाएगा। इससे अनावश्यक पानी बर्बाद नहीं होगा और लीकेज ढूंढने में समय जाया नहीं होगा।

पानी की बूंद-बूंद बचेगी
यह पहला ऐसा पायलेट प्रोजेक्ट है, जिसमें बूंद-बूंद पानी की बचत की जाएगी। योजना से जहां 24 घंटे तीन मंजिल तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी वहीं पानी की चोरी व फालतू खर्च करने पर अंकुश लगेगा। दिन-प्रतिदिन हो रही पानी की क्राइसिस को देखते हुए सरकार बूंद-बूंद पानी की बचत के अवेयरनेस के लिए इस तरह के प्रोजेक्ट लॉन्च कर रही है। इससे लोग पानी की महत्व को आसानी से समझ पाएंगे।

रेसकोर्स में चल रहा सर्वे
योजना का दूसरे फेज में रेसकोर्स में यह पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने के लिए रेसकोर्स में सर्वे का काम चल रहा है। इसके अलावा ऋषिकेश में भी दो वार्डों में सर्वे का काम जल्द शुरू किया जाएगा। योजना के तहत नगर निगम के हर दो-दो वार्डों में योजना शुरू करने जा रही है।

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Posted By: Inextlive