छोटे बच्चों के स्कूलों का बोझ कम करने की तैयारी
-अब तक 10 परसेंट तक ही खुल पाईं बाल वाटिका
क्या है बाल वाटिका
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी)के तहत शिक्षा विभाग के ढ़ांचे में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकारी स्कूलों से लेकर प्राइवेट स्कूलों में प्री-प्राइमरी क्लासेस शुरू होनी हैंै। इस क्लास को बाल वाटिका का नाम दिया है। एनईपी के अनुसार 10 प्लस 2 को 5+3+3+4 का प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए फाउंडेशन स्टेज में रखा गया है। इसमें दो साल आंगनबाड़ी के होंगे। इसके बाद एक साल बालवाटिका का और उसके बाद फस्र्ट व सेकेंड क्लास होंगी। यह तीनों कक्षाएं स्कूल में संचालित होंगी।
स्कूलों की संख्या
दून में सीबीएसई स्कूल-126
केवी की संख्या-14
निजी सीबीएसई स्कूल्स-76
बाल बाटिका की संख्या-27 खेल-खेल में पढ़ाना जरूरी
बाल वाटिका में फस्र्ट क्लास से पहले प्री-प्राइमरी क्लास की पढ़ाई होती है। यहां पर बच्चों को खेल-खेल में पढऩा और उठने-बैठने के तरीके के साथ ही शुरुआती ज्ञान दिया जाता है। यहां शुरू हो रहे बाल वाटिका
केवी आईआईपी
केवी ओएलएफ
केवी हाथीबड़कला
केवी वीरपुर
प्राइवेट स्कूल-23 यहां शुरू होने की तैयारी
केवी ओएलएफ
केवी ओएफडी
कई प्राइवेट स्कूल
एसजीआरआर पब्लिक स्कूल सरकारी स्कूलों में भी तैयारी
सीबीएसई के रिकॉर्ड के अनुसार केवी समेत प्राइवेट स्कूलों व सरकारी स्कूलों में भी बाल बाटिका बनाने को लेकर जरूरी गाइडलाइन भेजे गए हैं। इसके साथ ही छोटे बच्चों के स्कूलों में बस्ते का बोझ कम करने के लिए बाल वाटिका को अधिक से अधिक स्कूलों में खोलना जरूरी होगा। हमारे स्कूल में भी बाल वाटिका बनाने को लेकर तैयारी चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इस वर्ष बाल वाटिका तैयार कर दी जाएगी। इसके लिए फिलहाल होमवर्क किया जा रहा हैं।
डा। स्वाति आंनद, प्रिंसिपल धर्मा इंटरनेशनल
बाल वाटिका जल्द शुरू होने से बच्चों में किताबों का बोझ कम होगा। तो इसके साथ ही बच्चे खेल-खेल मेें कई बाते सिखेंगे। यह एक अच्छा प्रयास है। जो जल्द सभी स्कूलों मेंं शुरू होना चाहिए।
-पूजा नेगी, पैरेंट्स