जल विद्युत परियोजनाओं के विरोध और इससे होने वाली पर्यावरणीय क्षति को भांपते हुए सरकार सोलर पावर को विकल्प के रूप में देख रही है. आज सोलर पावर की तेजी से जरूरत महसूस की जा रही है. इसलिए सरकार सोलर एनर्जी पॉलिसी में बदलाव करने की तैयारी में है.

- अरबन से लेकर रूरल तक सोलर इनर्जी की पहुंच होगी आसान
- कई बाउंडेशन होंगी खत्म, शहरी एरियाज में भी घरों की छतों पर लगेंगे सोलर प्लांट

देहरादून (ब्यूरो): सूत्रों की मानें तो सरकार नई सोलर पॉलिसी को और आसान बनाने के लिए पॉलिसी से कुछ बंदिशों को हटा रही है, ताकि सोलर पावर को घर-घर पहुंचाया जा सके। नई सोलर पॉलिस के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस ड्राफ्ट को एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करके आम पब्लिक से लेकर स्टेक होल्डर्स से सुझाव मांगे गए हैं। 21 नवंबर को दून में हेयरिंग रखी गई है, जिसमें सभी स्टेक होल्डर्स सुझाव रखेंगे।

सीईईडब्ल्यू देगी ड्राफ्ट पर प्रजेंटेंशन
सोलर एनर्जी के लिए एक सेंटर फॉर इनर्जी फाइनेंस (सीईईडब्ल्यू) कमेटी बनाई गई है, जो नई सोलर एनर्जी पॉलिसी को लेकर तैयार ड्राफ्ट का प्रजेंटेंशन देगी। इस पर सभी स्टेक होल्डर्स अपने-अपने सुझाव रखेंगे। हेयरिंग से पूर्व उद्योगों से लेकर विभागों और आम पब्लिक को ड्राफ्ट भेज दिया गया है।

फिक्स की जगह मैक्सिमम प्लांट्स
नई सोलर एनर्जी पॉलिसी में पिछली पॉलिसी के बाउंडेशन को खत्म किया जाने की उम्मीद है। 2013 के बाद 2018 में बनाई गई सोलर एनर्जी केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए थी, लेकिन अब नई पॉलिसी में इस बाउंडेशन को खत्म करके शहरी क्षेत्रों को भी योजना का लाभ मिलेगा। अब ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी लोग डोमेस्टिक श्रेणी में घरों की छतों पर 1 से लेकर 10 किलोवाट तक के सोलर एनर्जी प्लांट लगा सकेंगे। इसके साथ ही फिक्स प्लांट लगाने की बंदिशों को समाप्त किया जा रहा है। सोलर प्लांट लगाने की सीमा को अनलिमिटेड किया जा रहा हैं।

ऐसी होगी नई पॉलिसी
- पहाड़ में ही नहीं मैदान में भी लगाए जाएंगे सोलर प्लांट
- लिमिटेड की जगह मैक्सिमम सोलर प्लांट लगाने को मिलेगी मंजूरी
- स्थाई मूल निवासी होने की बाध्यता को किया जा सकता है खत्म
- पहाड़ में 5 मेगावाट तक के ही प्लांट लगाने को भी किया जा सकता है समाप्त
- ट्रांसमिशन चार्ज को भी किया जा सकता है कम
- बड़ी कंपनियों से सोलर पावर प्लांट लगाने को मिल सकती है मंजूरी

375 मेगावाट हो रहा सोलर प्रोडक्शन
राज्य में अब तक करीब 375 मेगावाट के लगभग सोलर एनर्जी का उत्पादन किया जा रहा है। इसमें डोमेस्टिक और कमर्शियल दोनों श्रेणी के प्लांट शामिल हैं। सोलर पावर को सरकार अब विकल्प के रूप में देख रही है।

1 किलोवाट पर 14.50 हजार सब्सिडी
डोमेस्टिक सोलर रूफ टॉप योजना के तहत सरकार 1 से 10 किलोवाट तक साढ़े 14 हजार रुपये बतौर सब्सिडी दे रही है। ये सब्सिडी प्रति किलोवाट है। 2018 के बाद अभी तक केंद्र सरकार की ओर से नई सब्सिडी वाली स्कीम नहीं लॉच नहीं की गई है।

सोलर एनर्जी पॉलिसी के लिए शासन ने आम पब्लिक और स्टेक होल्डर्स से सुझाव मांगे हैं। 21 नवंबर को सभी सुझावों पर चर्चा के बाद सोलर पावर पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जाएगा।
नीरज कुमार गर्ग, सीपीओ, उरेडा, देहरादून

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